बस्ती: मुंडेरवा चीनी मिल शुरू होने से पूरे क्षेत्र के किसानों में एक उम्मीद जगी थी. योगी सरकार ने भी खूब जमकर इसका प्रचार करते हुए हजारों किसानों की आय बढ़ जाने की बात कही थी. सीएम ने खुद इस मिल का उद्घाटन किया था, लेकिन पेराई सत्र शुरू होने के बाद किसान अब निराश होकर लौटने लगे हैं. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि मिल ने अभी सामान्य प्रजाति का गन्ना लेने से मना कर दिया है. सामान्य गन्ना की पर्ची किसानों को नहीं दी जा रही है. मिल में सिर्फ अर्ली प्रजाति का गन्ना लिया जा रहा है. इस मामले के चलते किसानो में काफी आक्रोश है.
मुंडेरवा चीनी मिल एक समय में क्षेत्र के हजारों गन्ना किसानों के लिए वरदान हुआ करता था, लेकिन धीरे-धीरे राजनीतिक कारणों से मुंडेरवा चीनी मिल बंद हो गई. मिल को दोबारा शुरू करने के लिए किसानों में कई आंदोलन किए. इस आंदोलन में बसपा की सरकार में किसानों पर गोलियां भी चलाई गई थी, जिसमें चार किसानों की मौत हो गई थी.
किसानों में थी खुशी की लहर
आंदोलन के 16 साल बाद मुंडेरवा चीनी मिल को योगी सरकार ने शुरू किया. इसके बाद पहली पेराई सत्र शुरू हुआ. इससे किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई, लेकिन मिल प्रबंधन ने सामान्य प्रजाति के गन्ने की पर्ची देने से इंकार कर दिया.
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किसानों को भारी नुकसान
किसानों ने बताया कि लगभग 90 फीसदी किसानों ने सामान्य गन्ने की फसल लगाई हुई है. इस कारण से किसानों को भारी नुकसान हो रहा है. साथ ही किसानों का कहना था कि मिल शुरू होने से किसानों को कोई खास फायदा नहीं हो रहा है. मिल सिर्फ अर्ली प्रजाति का गन्ना ले रही है.
नाराजगी जताते हुए किसानों ने कहा कि ऐसे ही चलता रहा तो फिर विवाद की स्थिति बनेगी. वहीं कुछ किसानों ने कहा कि आने वाले समय में किसानों को फायदा होगा. जब वह अर्ली प्रजाति के गन्ने की फसल लगाएंगे.