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बस्ती: मुंडेरवां चीनी मिल को सामान्य नहीं चाहिए विशेष गन्ना, भटक रहे किसान

उत्तर प्रदेश के बस्ती स्थित मुंडेरवा चीनी मिल प्रबंधन ने सामान्य प्रजाति का गन्ना लेने से मना कर दिया है. इसके चलते किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.

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Published : Dec 22, 2019, 9:11 PM IST

Updated : Dec 23, 2019, 12:08 PM IST

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मुंडेरवां चीनी मिल.

बस्ती: मुंडेरवा चीनी मिल शुरू होने से पूरे क्षेत्र के किसानों में एक उम्मीद जगी थी. योगी सरकार ने भी खूब जमकर इसका प्रचार करते हुए हजारों किसानों की आय बढ़ जाने की बात कही थी. सीएम ने खुद इस मिल का उद्घाटन किया था, लेकिन पेराई सत्र शुरू होने के बाद किसान अब निराश होकर लौटने लगे हैं. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि मिल ने अभी सामान्य प्रजाति का गन्ना लेने से मना कर दिया है. सामान्य गन्ना की पर्ची किसानों को नहीं दी जा रही है. मिल में सिर्फ अर्ली प्रजाति का गन्ना लिया जा रहा है. इस मामले के चलते किसानो में काफी आक्रोश है.

गन्ना लेकर भटक रहे किसान.

मुंडेरवा चीनी मिल एक समय में क्षेत्र के हजारों गन्ना किसानों के लिए वरदान हुआ करता था, लेकिन धीरे-धीरे राजनीतिक कारणों से मुंडेरवा चीनी मिल बंद हो गई. मिल को दोबारा शुरू करने के लिए किसानों में कई आंदोलन किए. इस आंदोलन में बसपा की सरकार में किसानों पर गोलियां भी चलाई गई थी, जिसमें चार किसानों की मौत हो गई थी.

किसानों में थी खुशी की लहर
आंदोलन के 16 साल बाद मुंडेरवा चीनी मिल को योगी सरकार ने शुरू किया. इसके बाद पहली पेराई सत्र शुरू हुआ. इससे किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई, लेकिन मिल प्रबंधन ने सामान्य प्रजाति के गन्ने की पर्ची देने से इंकार कर दिया.

इसे भी पढ़ें- लखनऊ: गन्ना मूल्य को लेकर विधान परिषद में हुआ हंगामा, सपा ने किया वॉकआउट

किसानों को भारी नुकसान
किसानों ने बताया कि लगभग 90 फीसदी किसानों ने सामान्य गन्ने की फसल लगाई हुई है. इस कारण से किसानों को भारी नुकसान हो रहा है. साथ ही किसानों का कहना था कि मिल शुरू होने से किसानों को कोई खास फायदा नहीं हो रहा है. मिल सिर्फ अर्ली प्रजाति का गन्ना ले रही है.

नाराजगी जताते हुए किसानों ने कहा कि ऐसे ही चलता रहा तो फिर विवाद की स्थिति बनेगी. वहीं कुछ किसानों ने कहा कि आने वाले समय में किसानों को फायदा होगा. जब वह अर्ली प्रजाति के गन्ने की फसल लगाएंगे.

बस्ती: मुंडेरवा चीनी मिल शुरू होने से पूरे क्षेत्र के किसानों में एक उम्मीद जगी थी. योगी सरकार ने भी खूब जमकर इसका प्रचार करते हुए हजारों किसानों की आय बढ़ जाने की बात कही थी. सीएम ने खुद इस मिल का उद्घाटन किया था, लेकिन पेराई सत्र शुरू होने के बाद किसान अब निराश होकर लौटने लगे हैं. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि मिल ने अभी सामान्य प्रजाति का गन्ना लेने से मना कर दिया है. सामान्य गन्ना की पर्ची किसानों को नहीं दी जा रही है. मिल में सिर्फ अर्ली प्रजाति का गन्ना लिया जा रहा है. इस मामले के चलते किसानो में काफी आक्रोश है.

गन्ना लेकर भटक रहे किसान.

मुंडेरवा चीनी मिल एक समय में क्षेत्र के हजारों गन्ना किसानों के लिए वरदान हुआ करता था, लेकिन धीरे-धीरे राजनीतिक कारणों से मुंडेरवा चीनी मिल बंद हो गई. मिल को दोबारा शुरू करने के लिए किसानों में कई आंदोलन किए. इस आंदोलन में बसपा की सरकार में किसानों पर गोलियां भी चलाई गई थी, जिसमें चार किसानों की मौत हो गई थी.

किसानों में थी खुशी की लहर
आंदोलन के 16 साल बाद मुंडेरवा चीनी मिल को योगी सरकार ने शुरू किया. इसके बाद पहली पेराई सत्र शुरू हुआ. इससे किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई, लेकिन मिल प्रबंधन ने सामान्य प्रजाति के गन्ने की पर्ची देने से इंकार कर दिया.

इसे भी पढ़ें- लखनऊ: गन्ना मूल्य को लेकर विधान परिषद में हुआ हंगामा, सपा ने किया वॉकआउट

किसानों को भारी नुकसान
किसानों ने बताया कि लगभग 90 फीसदी किसानों ने सामान्य गन्ने की फसल लगाई हुई है. इस कारण से किसानों को भारी नुकसान हो रहा है. साथ ही किसानों का कहना था कि मिल शुरू होने से किसानों को कोई खास फायदा नहीं हो रहा है. मिल सिर्फ अर्ली प्रजाति का गन्ना ले रही है.

नाराजगी जताते हुए किसानों ने कहा कि ऐसे ही चलता रहा तो फिर विवाद की स्थिति बनेगी. वहीं कुछ किसानों ने कहा कि आने वाले समय में किसानों को फायदा होगा. जब वह अर्ली प्रजाति के गन्ने की फसल लगाएंगे.

Intro:बस्ती न्यूज रिपोर्ट
प्रशांत सिंह
9161087094
8317019190

बस्ती: मुंडेरवा चीनी मिल शुरु होने से पूरे क्षेत्र के किसानों में एक उम्मीद जगी. योगी सरकार ने भी खूब जमकर इसका प्रचार भी किया कि हजारों किसानों की आय बढ़ जाएगी. खुद मुख्यमंत्री योगी ने इस का उद्घाटन किया था. लेकिन पेराई सत्र शुरु होने के बाद किसान अब निराश होकर लौटने लगे हैं. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि मिल ने अभी सामान्य प्रजाति का गन्ना लेने से मना कर दिया है. सामान्य गन्ना की पर्ची किसानों को नहीं दी जा रही है. जिसके पास अर्ली प्रजाति का गन्ना है सिर्फ उसी का लिया जा रहा है. जिसको लेकर किसानो में निराशा भी है और आक्रोश भी.





Body:दरअसल मुंडेरवा चीनी मिल एक समय में क्षेत्र के हजारों गन्ना किसानो के लिए वरदान हुआ करता था. लेकिन धीरे-धीरे राजनीतिक कारणों से मुंडेरवा चीनी मिल बंद हो गई. जिसके लिए किसानों में जमकर आंदोलन किया. इस आंदोलन में बसपा की सरकार में किसानो पर गोली चलाई गई, जिसमें चार किसानों की मौत हो गई थी. वहीं आंदोलन के 16 साल बाद मिल योगी सरकार ने शुरु की. जिसके बाद इस बार पहला पेराई सत्र शुरू हुआ. इससे किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई लेकिन मिल प्रबंधन में सामान्य प्रजाति के गन्ने की पर्ची न देकर किसानों को निराश कर दिया.




Conclusion:किसानों ने बताया कि लगभग 90 प्रतिशत किसानो में सामान्य गन्ने की फसल लगाई हुई है. जिसकी वजह से किसानों को भारी नुकसान हो रहा है. उन्होंने बताया कि मिल शुरु होने से किसानों को कोई खास फायदा नहीं हो रहा है. मिल सिर्फ अर्ली प्रजाति का गन्ना ले रही है. किसानों ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी झूठ बोलते हैं कि किसानों को फायदा हो रहा है. नाराजगी जताते हुए किसानों ने कहा कि ऐसे ही चलता रहा तो फिर विवाद की स्थिति बनेगी. कुछ किसानों ने कहा कि आने वाले समय में किसानों को फायदा होगा. जब अर्ली प्रजाति के गन्ने की फसल लगाएंगे. किसानों ने कहा कि फिलहाल स्थिति ये हो गई है कि किसान अपनी फसल औने-पौने दाम पर बेच दे या तो फसल को आग लगा दे.

बाइट....राजाराम, किसान
बाइट....राम शंकर, किसान
बाइट....धर्मेंद्र तिवारी, किसान
बाइट...एकरार हुसैन, किसान
Last Updated : Dec 23, 2019, 12:08 PM IST
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