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बस्ती: किसान 'जी-9' केले की खेती करके कमा रहे अच्छा खासा मुनाफा

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Published : Oct 6, 2019, 9:55 AM IST

उत्तर प्रदेश के बस्ती के रहने वाले युवा किसान अशोक कुमार त्रिपाठी ने केले की खेती कर जिले में मिसाल कायम की है. उन्होंने बताया कि अगर छोटे किसान केले की खेती को अपनाएं तो वह अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं.

किसान केले की खेती से कमा सकते हैं अच्छा मुनाफा.

बस्ती: जिले के रहने वाले युवा किसान अशोक कुमार त्रिपाठी ने कड़ी मेहनत और उन्नत खाद, बीज व तकनीकी का उपयोग कर केले की खेती में जिले में मिसाल कायम की है. हर्रैया नगर पंचायत के अंबेडकर नगर वार्ड नम्बर एक निवासी अशोक कुमार त्रिपाठी केले की खेती से जुड़ने के पीछे उनकी बंजर जमीन रही है.

किसान केले की खेती से कमा सकते हैं अच्छा मुनाफा.

अशोक कुमार त्रिपाठी की 20 बीघा जमीन पूरी तरह से बलुई मिटटी से युक्त होने के कारण उस पर खरीफ की फसल लेना सभंव नहीं रहता था. जिसके कारण एक सीजन में कोई भी फसल लेना संभव नहीं होता था. अपनी जमीन में हर वर्ष फसल लेने के लिए वे तमाम कृषि संस्थानों व विशेषज्ञों से संपर्क कर फसलों की जानकारी लेते रहते थे.

केले की जी-9 प्रजाति के 6200 पौधों का कराया रोपण
उसी दौरान उन्हें किसी ने बताया कि अगर इस जमीन पर केले की उन्नतशील प्रजातियों की खेती की जाए तो कम लागत में अधिक मुनाफा प्राप्त किया जा सकता है. उन्होंने महाराष्ट्र के जलगांव से केले की जी-9 प्रजाति के 6200 पौधों का रोपण अपने खेतों में कराया. इस दौरान इनके केले की फसल उचित देखभाल के चलते बड़ी तेजी विकास कर रही थी, लेकिन ठंड के मौसम में उनके केले की फसल में अचानक घातक रोग का प्रभाव हो गया. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी.

इसे भी पढ़ें- गोरखपुरः अब दुनिया से नहीं समाप्त होगा केला, भारत ने खोजी उकठा रोग की दवा

छोटे किसान केले की खेती से कमा सकते हैं अच्छा मुनाफा
उन्होंने बताया कि अगर छोटे किसान केले की खेती को अपनाएं तो वह अपनी माली हालत को न केवल सुधार सकते हैं, बल्कि अपनी शोहरत में भी काफी इजाफा कर सकते हैं. उनके अनुसार एक बीघे खेत में 25 से 30 हजार रूपये की लागत आती है और फसल अच्छी होने पर एक लाख रूपये तक की आमदनी होने की संभावना रहती है. उन्होंने बताया कि अगर फसल की बढ़वार अच्छी है, तो केले की घार का औसत वजन 25 से 40 किलो के बीच होता है.

सरकार द्वारा किसान को राहत देने के लिए विभिन्न योजनाओं द्वारा सब्सिडी देने का प्राविधान होने के बावजूद अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खाऊ-कमाऊ नीति के चलते पात्रों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. केले की खेती के लिए भी उद्यान विभाग द्वारा किसानों को सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान है.
-अशोक त्रिपाठी, किसान

बस्ती: जिले के रहने वाले युवा किसान अशोक कुमार त्रिपाठी ने कड़ी मेहनत और उन्नत खाद, बीज व तकनीकी का उपयोग कर केले की खेती में जिले में मिसाल कायम की है. हर्रैया नगर पंचायत के अंबेडकर नगर वार्ड नम्बर एक निवासी अशोक कुमार त्रिपाठी केले की खेती से जुड़ने के पीछे उनकी बंजर जमीन रही है.

किसान केले की खेती से कमा सकते हैं अच्छा मुनाफा.

अशोक कुमार त्रिपाठी की 20 बीघा जमीन पूरी तरह से बलुई मिटटी से युक्त होने के कारण उस पर खरीफ की फसल लेना सभंव नहीं रहता था. जिसके कारण एक सीजन में कोई भी फसल लेना संभव नहीं होता था. अपनी जमीन में हर वर्ष फसल लेने के लिए वे तमाम कृषि संस्थानों व विशेषज्ञों से संपर्क कर फसलों की जानकारी लेते रहते थे.

केले की जी-9 प्रजाति के 6200 पौधों का कराया रोपण
उसी दौरान उन्हें किसी ने बताया कि अगर इस जमीन पर केले की उन्नतशील प्रजातियों की खेती की जाए तो कम लागत में अधिक मुनाफा प्राप्त किया जा सकता है. उन्होंने महाराष्ट्र के जलगांव से केले की जी-9 प्रजाति के 6200 पौधों का रोपण अपने खेतों में कराया. इस दौरान इनके केले की फसल उचित देखभाल के चलते बड़ी तेजी विकास कर रही थी, लेकिन ठंड के मौसम में उनके केले की फसल में अचानक घातक रोग का प्रभाव हो गया. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी.

इसे भी पढ़ें- गोरखपुरः अब दुनिया से नहीं समाप्त होगा केला, भारत ने खोजी उकठा रोग की दवा

छोटे किसान केले की खेती से कमा सकते हैं अच्छा मुनाफा
उन्होंने बताया कि अगर छोटे किसान केले की खेती को अपनाएं तो वह अपनी माली हालत को न केवल सुधार सकते हैं, बल्कि अपनी शोहरत में भी काफी इजाफा कर सकते हैं. उनके अनुसार एक बीघे खेत में 25 से 30 हजार रूपये की लागत आती है और फसल अच्छी होने पर एक लाख रूपये तक की आमदनी होने की संभावना रहती है. उन्होंने बताया कि अगर फसल की बढ़वार अच्छी है, तो केले की घार का औसत वजन 25 से 40 किलो के बीच होता है.

सरकार द्वारा किसान को राहत देने के लिए विभिन्न योजनाओं द्वारा सब्सिडी देने का प्राविधान होने के बावजूद अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खाऊ-कमाऊ नीति के चलते पात्रों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. केले की खेती के लिए भी उद्यान विभाग द्वारा किसानों को सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान है.
-अशोक त्रिपाठी, किसान

Intro:रिपोर्ट- प्रशांत सिंह
बस्ती यूपी
मो- 9161087094

बस्ती: युवा किसान अशोक कुमार त्रिपाठी नें कडी मेहनत और उन्नत खाद, बीज व तकनीकी का उपयोग कर केले की खेती में जनपद में मिशाल कायम किया है. हर्रैया नगर पंचायत के अंबेडकर नगर वार्ड नम्बर एक (थान्हाखास) निवासी अशोक कुमार त्रिपाठी केले की खेती से जुड़ने के पीछे उनकी अनउपजाऊ जमीन रही है.

दरअसल उनकी 20 बीघा जमीन पूरी तरह से बलुई मिटटी से युक्त होने के कारण खरीफ की फसल लेना सभंव नहीं रहता था. जिसके कारण एक सीजन में कोई भी फसल लेना संभव नहीं होता था. अपनी जमीन में हर वर्ष फसल लेने के लिए वे तमाम कृषि संस्थानों व विशेषज्ञों से संपर्क कर फसलों की जानकारी लेते रहते थे. उसी दौरान उन्हें किसी ने बताया की अगर इस जमीन पर केले की उन्नतशील प्रजातियों की खेती की जाए तो कम लागत में अधिक मुनाफा प्राप्त किया जा सकता है. उन्होंनें महाराष्ट्र के जलगांव से केले की जी-9 प्रजाति के 6200 पौधों को रोपण के लिए मंगाया और अपने खेतों की अच्छी तरीके से जुताई कराकर उसमें गोबर की खाद व फसल में कीटों और दीमक से पौधों को बचाव के लिए कीटनाशक को मिट्टी में मिला कर उसे अच्छी तरीके से खेत की तैयारी किया.

Body:इस दौरान इनके केले की फसल उचित देखभाल के चलते बडी तेजी विकास कर रही थी लेकिन ठंढ के मौसम में उनके केले की फसल में अचानक घातक रोग का प्रभाव हो गया. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी.

उन्होंने बताया कि अगर छोटे किसान केले की खेती को अपनाएं तो वह अपनी माली हालत को न केवल सुधार सकते हैं बल्कि अपनी शोहरत में भी काफी इजाफा कर सकतें हैं. उनके अनुसार एक बीघे खेत में 25 से 30 हजार रूपये की लागत आती है और फसल अच्छी होने पर एक लाख रूपये तक की शुद्ध आमदनी होने की संभावना रहती है. उन्होंने बताया कि अगर फसल की बढवार अच्छी है तो केले की घार का औसत वजन 25 से 40 किलो के बीच होता है.

साथ ही उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा किसान को राहत देने के लिए विभिन्न योजनाओं द्वारा सब्सिडी देने का प्राविधान होने के बावजूद अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खाऊ-कमाऊ नीति के चलते पात्रों को सका लाभ नही मिल पा रहा है. केले की खेती के लिए भी उद्यान विभाग द्वारा किसानों को सब्सिडी दिए जाने का प्राविधान है.

बाइट- किसान, अशोक त्रिपाठी
बाइट- किसान, कमलेश सिंह


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