बस्ती: जिले के हर्रिया तहसील में तैनात लेखपाल नोटो पर बिकते हैं, अगर आपने उन्हें रिश्वत नहीं दी तो काम कतई नहीं होगा. इस तहसील के किसानों का बड़े पैमाने पर शोषण हो रहा और किसान लेखपाल को रिश्वत देने को मजबूर हैं.
घूसखोरी से परेशान हुए किसान
एक तरफ मोदी और योगी सरकार किसानों की दिशा और दशा सुधारने में लगी हुई है. उनके लिए बड़ी-बड़ी योजनाओं को लागू कर रही है. वहीं तहसील स्तर पर बैठे कर्मचारी इस सपने को पूरा करने में सबसे बड़ी बाधा बन रहे हैं. त्रिलोकपुर गांव के किसानों ने एसडीएम हरैया से मिलकर लेखपाल आभा सिंह के खिलाफ शिकायती पत्र देते हुए यह आरोप लगाया कि लेखपाल साहिबा पैमाईश के नाम पर, आयु जाति, निवास, प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के नाम पर मोटी रकम की मांग करती हैं. रुपये न देने पर कहती हैं कि हम आपका कार्य बिना पैसा लिए नहीं करेंगे. जहां चाहो वहां शिकायत कर दो.
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गरीबो को नहीं दिया जाता उनका हिस्सा
गांव में लेखपाल द्वारा पिछले 8 माह से कोई भी कार्य नहीं किया गया. वहीं उक्त गांव की एक गरीब महिला प्रानपति का आरोप है कि मेरे पति को मरे हुए करीब 6 माह हो गए, लेकिन अभी भी मेरे नाम पैत्रिक जमीन की वरासत लेखपाल ने नहीं की है. जब मैं उनसे मिलती हूं तो रिश्वत मांगती हैं जिसको देने में मैं असमर्थ हूं, इसलिए मेरा कार्य नहीं कर रही हैं.
जानिए क्या कहा एसडीएम ने
जब इस संबंध में एसडीएम हरैया से पूछा गया तो एसडीएम जगदम्बा सिंह ने यह कहते हुए किनारा कर लिया कि आख्या संबंधित लेखपाल से मांगी गई है यदि आरोप साबित होता है तो लेखपाल के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की जायेगी.