बस्ती: योगी राज में देश के नौनिहालों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है. अब तक आपने किराए पर घर, किराए पर गाड़ी आदि चीजे सुनी होंगी, लेकिन बस्ती में किराए पर अध्यापक भी मिल रहे हैं. बस शर्त यह है कि आप सरकारी अध्यापक हों, तो आप अपनी जगह किसी बेरोजगार युवक को 1500 से 2000 में अपनी जगह बच्चों को पढ़ाने के लिये रख सकते हैं.
चौंकाने वाला यह मामला बस्ती जिले के कुदरहा ब्लाक का हैं. जहां प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक अपनी जगह पर दो हजार रुपये में किराए पर अध्यापक रखकर मौज कर रहे हैं. दरअसल हमारी पड़ताल में शिक्षा माफियाओं का यह रैकेट खुलकर सामने आया. कुदरहा ब्लाक के माधवपुर और अमरौना प्राथमिक विद्यालय में ध्रुवचन्द पाल और गौरीशंकर शुक्ला ने संतोष नाम के युवक को किराए पर पढ़ाने के लिये रखा है.
मौके पर जब स्कूलों की पड़ताल की तो माधवपुर प्राथमिक विद्यालय पर मौजूद फर्जी शिक्षक संतोष पाल ने अपने आप को वालंटियर टीचर बताया. सूचना पर जब स्कूल के प्रधानाध्यापक सत्य प्रकाश मिश्र स्कूल में पहुंचे तो वो 'क ख ग' तक पूरा नहीं लिख सके. ऐसे में आप खुद समझ सकते हैं कि देश के भविष्य को बनाने का जिम्मा कैसे हाथो में है.
ये दोनों प्रधानाध्यापक शिक्षक नेता हैं और शिक्षा विभाग में अपनी पैठ की वजह से घर बैठे सैलरी ले रहे हैं, जबकि किराए के अध्यापकों से नौकरी करवाकर बच्चों के भविष्य से खेल रहे हैं. साथ ही माधवपुर प्राथमिक विद्यालय पर बाउंड्रीवॉल न होने से बच्चों की सुरक्षा से भी खिलवाड़ किया जा रहा है, जबकि बाउंड्री के लिए पैसा अवमुक्त हो चुका है.
वहीं जब कमिश्नर अनिल सागर और डीएम राजशेखर के संज्ञान में मामला आया तो उन्होंने आनन-फानन में जांच के निर्देश दिए. इस बाबत बीएसए अरुण कुमार ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है. दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.