बस्ती: फगुआ का मतलब फागुन के त्योहार (होली) से है. इस दौरान लोग फाग के गीत गाते हैं और इनकी धुनों पर जमकर डांस भी करते हैं. बिहार में इसकी शुरुआत वसंत पंचमी से ही हो जाती है और होली के दिन तक लगातार फाग गाए जाते हैं. बात होली की हो और बस्ती का जिक्र न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता. फाग गीत गाने वाले सबसे पहले कलाकार बस्ती मंडल के रहने वाले माने जाते हैं. जिले में होली का त्योहार फाग उत्सव की तरह मनाया जाता है, जिसकी शुरुआत वसंत पंचमी से हो जाती है. हालांकि, कुछ इलाकों में इसे फगुआ भी कहा जाता है.
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फगुआ कलाकारों के मुताबिक, फगुआ का मतलब फागुन के त्योहार (होली) से है. इस दौरान लोग फाग के गीत गाते हैं और इनकी धुनों पर जमकर डांस भी करते हैं. इसकी शुरुआत वसंत पंचमी से ही हो जाती है और होली के दिन तक लगातार फाग गाए जाते हैं. लोग इसे काफी उत्साह से मनाते हैं. साथ ही यहां पूर्णिमा के दिन पहले धूल-मिट्टी से होली खेली जाती है, जिसके बाद लोग रंगों वाली होली खेलते हैं. पूर्वांचल में होली की शुरुआत के लिए सबसे पहले कुल देवी-देवताओं को रंग चढ़ाया जाता है. साथ ही, उन्हें पुए का भोग भी लगाया जाता है. साथ ही देव पूजन के बाद परिवार के सभी छोटे सदस्य अपने से बड़ों के पैरों पर रंग लगाते हैं और आशीर्वाद लेते हैं. वहीं, होली की रात संगीत कार्यक्रम आयोजित किया जाता है, जिसमें सभी लोग लोकगीतों पर जमकर झूमते हैं.