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बस्ती: डीएम ने 23 आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय रोका - डीएम ने आशा बहुओं का मानदेय रोका

यूपी के बस्ती जिले में डीएम ने 23 आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय रोक दिया है. डीएम ने बताया कि नगर पालिका में 222 गंभीर बीमारियों के व्यक्ति चिन्हित किए गए हैं, जो बेहद कम हैं. इस वजह से आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय रोका गया है.

जानकारी देते जिलाधिकारी
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Published : Jul 8, 2020, 7:54 PM IST

बस्ती: शासन ने सभी जिलों के प्रशासन को गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों को चिन्हित करने और हर ब्लॉक से प्रतिदिन 50 नमूने लेने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं बस्ती जिले में अभी तक 20 हजार 771 लोग गंभीर बीमारियों से ग्रस्त पाए गए हैं, लेकिन कुछ ब्लॉक के ऐसे लोगों को चिन्हित करने का आंकड़ा बेहद कम है. इसको लेकर डीएम आशुतोष निरंजन ने कार्रवाई करते हुए 23 आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय रोक दिया है.

जानकारी देते जिलाधिकारी
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इन जगहों की आशा बहुओं का रुका मानदेय

इस बाबत डीएम आशुतोष निरंजन ने कहा कि मरवटिया, साऊंघाट, कप्तानगंज और सल्टौआ में सबसे कम गंभीर बीमारियों से पीड़ित व्यक्ति चिन्हित किए गए हैं. वहीं बाकी विकास खंडों में एक हजार से अधिक गंभीर रोग से पीड़ित व्यक्ति मिले हैं. नगर पालिका में 222 गंभीर बीमारियों के व्यक्ति चिन्हित किए गए हैं, जो बेहद कम हैं. डीएम ने बताया कि सभी 23 आशाओं का वेतन रोक दिया गया है.

डीएम ने दिए एमओआईसी को दिए निर्देश

उन्होंने कहा कि सभी एमओआईसी को निर्देश दिया है कि ऐसे व्यक्तियों का डाटा रोजाना पोर्टल पर अपलोड कराएं. डीएम ने कहा कि जिले में अभी तक कुल 20 हजार 771 लोगों को चिन्हित किया गया है. शासन ने ऐसे लोगों की निगरानी के लिए विशेष बल दिया है. इसमें 60 साल से अधिक, 10 साल से कम आयु के बच्चे, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रोगों से बीमार लोगों को चिन्हित करते हुए उनकी निगरानी किया जाना है. ऐसे लोगों के घरों पर हर तीसरे दिन आशा की जाना है और जानकारी लेनी है. रोजाना ऐसे 50 लोगों का सैंपल इकट्ठा किया जाना है, लेकिन अभी किसी भी सीएचसी और पीएचसी ने यह लक्ष्य पूरा नहीं किया है.

बस्ती: शासन ने सभी जिलों के प्रशासन को गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों को चिन्हित करने और हर ब्लॉक से प्रतिदिन 50 नमूने लेने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं बस्ती जिले में अभी तक 20 हजार 771 लोग गंभीर बीमारियों से ग्रस्त पाए गए हैं, लेकिन कुछ ब्लॉक के ऐसे लोगों को चिन्हित करने का आंकड़ा बेहद कम है. इसको लेकर डीएम आशुतोष निरंजन ने कार्रवाई करते हुए 23 आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय रोक दिया है.

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इन जगहों की आशा बहुओं का रुका मानदेय

इस बाबत डीएम आशुतोष निरंजन ने कहा कि मरवटिया, साऊंघाट, कप्तानगंज और सल्टौआ में सबसे कम गंभीर बीमारियों से पीड़ित व्यक्ति चिन्हित किए गए हैं. वहीं बाकी विकास खंडों में एक हजार से अधिक गंभीर रोग से पीड़ित व्यक्ति मिले हैं. नगर पालिका में 222 गंभीर बीमारियों के व्यक्ति चिन्हित किए गए हैं, जो बेहद कम हैं. डीएम ने बताया कि सभी 23 आशाओं का वेतन रोक दिया गया है.

डीएम ने दिए एमओआईसी को दिए निर्देश

उन्होंने कहा कि सभी एमओआईसी को निर्देश दिया है कि ऐसे व्यक्तियों का डाटा रोजाना पोर्टल पर अपलोड कराएं. डीएम ने कहा कि जिले में अभी तक कुल 20 हजार 771 लोगों को चिन्हित किया गया है. शासन ने ऐसे लोगों की निगरानी के लिए विशेष बल दिया है. इसमें 60 साल से अधिक, 10 साल से कम आयु के बच्चे, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रोगों से बीमार लोगों को चिन्हित करते हुए उनकी निगरानी किया जाना है. ऐसे लोगों के घरों पर हर तीसरे दिन आशा की जाना है और जानकारी लेनी है. रोजाना ऐसे 50 लोगों का सैंपल इकट्ठा किया जाना है, लेकिन अभी किसी भी सीएचसी और पीएचसी ने यह लक्ष्य पूरा नहीं किया है.

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