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बस्ती: समीक्षा बैठक में डीएम ने लापरवाह अधिकारियों पर कसी नकेल - डीएम ने की समीक्षा बैठक

उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में विकास कार्यो को लेकर जिलाधिकारी ने समीक्षा बैठक की. बैठक में शौचालय निर्माण के अलावा अन्य विकास कार्यों को जल्द पूरा करने को लेकर डीएम ने संबंधित अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए.

डीएम ने की समीक्षा बैठक
डीएम ने की समीक्षा बैठक
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Published : Jun 19, 2020, 12:50 PM IST

बस्ती: कोरोना काल में विकास की रुकी हुई गति को डीएम ने पटरी पर लाने का प्रयास किया तो अधिकारियों की लापरवाही की पोल खुलनी शुरू हो गई. डीएम आशुतोष निरंजन ने शौचालय निर्माण में शिथिलता मिलने पर हरैया के सहायक विकास अधिकारी पंचायत और सौभाग्य योजना की कार्यदायी संस्था पर कार्रवाई की है.

डीएम ने की समीक्षा बैठक
डीएम आशुतोष निरंजन विकास कार्यों की समीक्षा के दौरान काम की प्रगति धीमी नाराजगी जताते हुए डीएम ने कहा कि नो वन लेफ्ट बिहाइंड (एनओएलबी) लाभार्थियों के शौचालय निर्माण में किसी भी प्रकार की शिथिलता माफ नहीं की जाएगी. ब्लॉक स्वच्छता समिति के खाते में से निकले पैसों का तीन माह का उपभोग प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं होने पर डीएम ने हरैया के सहायक विकास अधिकारी पंचायत को आरोप पत्र जारी करने का निर्देश दिया.

कार्यों में लाई जाए तेजी
साथ ही शौचालय निर्माण में लापरवाही बरतने पर सहायक विकास अधिकारी पंचायत साऊघाट को बैड एन्ट्री देते हुए तीन साल तक वेतन वृद्धि पर रोक लगा दी. समीक्षा में डीएम ने पाया कि एनओएलबी के कुल 27,650 शौचालय निर्माण का लक्ष्य था और सिर्फ 13,499 शौचालय बनाए गए. बाकी के 14,151 शौचालय के निर्माण में तेजी लाए जाने के लिए डीएम ने निर्देश दिया.

नहीं बर्दाश्त की जाएगी कोताही
वहीं बिजली विभाग के निर्माण कार्यो की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताई. डीएम ने अधीक्षण अभियन्ता आरबी कटियार को निर्देश दिया कि लापरवाही बरतने वाली कार्यदायी संस्थाओं की रिपोर्ट एक हफ्ते में दी जाए. दरअसल लार्सन एण्ड टुब्ब्रो (एलएण्डटी) ने अभी सौभाग्य योजना के पहले चरण का काम ही पूरा नहीं किया. साथ ही एक और कार्यदायी संस्था एनसीसी दो नये सबस्टेशन और दो उप केन्द्रों का क्षमता वृद्धि करने का काम कर रही है. अभी भी 60 प्रतिशत काम होना बाकी है. इस पर डीएम ने देरी के लिए कार्यदायी संस्था पर जुर्माना लगाने का निर्देश दिया है.

बस्ती: कोरोना काल में विकास की रुकी हुई गति को डीएम ने पटरी पर लाने का प्रयास किया तो अधिकारियों की लापरवाही की पोल खुलनी शुरू हो गई. डीएम आशुतोष निरंजन ने शौचालय निर्माण में शिथिलता मिलने पर हरैया के सहायक विकास अधिकारी पंचायत और सौभाग्य योजना की कार्यदायी संस्था पर कार्रवाई की है.

डीएम ने की समीक्षा बैठक
डीएम आशुतोष निरंजन विकास कार्यों की समीक्षा के दौरान काम की प्रगति धीमी नाराजगी जताते हुए डीएम ने कहा कि नो वन लेफ्ट बिहाइंड (एनओएलबी) लाभार्थियों के शौचालय निर्माण में किसी भी प्रकार की शिथिलता माफ नहीं की जाएगी. ब्लॉक स्वच्छता समिति के खाते में से निकले पैसों का तीन माह का उपभोग प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं होने पर डीएम ने हरैया के सहायक विकास अधिकारी पंचायत को आरोप पत्र जारी करने का निर्देश दिया.

कार्यों में लाई जाए तेजी
साथ ही शौचालय निर्माण में लापरवाही बरतने पर सहायक विकास अधिकारी पंचायत साऊघाट को बैड एन्ट्री देते हुए तीन साल तक वेतन वृद्धि पर रोक लगा दी. समीक्षा में डीएम ने पाया कि एनओएलबी के कुल 27,650 शौचालय निर्माण का लक्ष्य था और सिर्फ 13,499 शौचालय बनाए गए. बाकी के 14,151 शौचालय के निर्माण में तेजी लाए जाने के लिए डीएम ने निर्देश दिया.

नहीं बर्दाश्त की जाएगी कोताही
वहीं बिजली विभाग के निर्माण कार्यो की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताई. डीएम ने अधीक्षण अभियन्ता आरबी कटियार को निर्देश दिया कि लापरवाही बरतने वाली कार्यदायी संस्थाओं की रिपोर्ट एक हफ्ते में दी जाए. दरअसल लार्सन एण्ड टुब्ब्रो (एलएण्डटी) ने अभी सौभाग्य योजना के पहले चरण का काम ही पूरा नहीं किया. साथ ही एक और कार्यदायी संस्था एनसीसी दो नये सबस्टेशन और दो उप केन्द्रों का क्षमता वृद्धि करने का काम कर रही है. अभी भी 60 प्रतिशत काम होना बाकी है. इस पर डीएम ने देरी के लिए कार्यदायी संस्था पर जुर्माना लगाने का निर्देश दिया है.

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