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बस्ती: बस चालकों ने किया हंगामा, विभाग पर लगाया गंभीर आरोप - विभाग के खिलाफ हंगामा

उत्तर प्रदेश के बस्ती में शनिवार की रात बस चालकों ने स्टेशन पर जमकर हंगामा किया. चालकों ने विभाग पर आरोप लगाया है कि वे उन्हें न तो वेतन दे रहे हैं, न समय पर खाना पानी और न ही उनके लिए सुरक्षा का कोई इंतजाम किया गया है.

bus drivers protest
धरने पर बैठे बस चालक
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Published : May 10, 2020, 7:46 PM IST

बस्ती: लॉकडाउन में बाहर फंसे मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए सरकार हर तरीके से प्रयासरत है. ऐसे में रोडवेज बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. जिले में बीती रात रोडवेज चालकों ने बस स्टेशन पर जमकर हंगामा कर दिया. उनका आरोप है कि न तो उन्हें वेतन मिल रहा है, न समय पर खाना-पानी और न ही सुरक्षा. ऐसे में चालक अपनी जिंदगी से खिलवाड़ नहीं करेंगे.


दरअसल, शनिवार की रात अचानक बस स्टेशन पर चालकों ने हंगामा शुरू कर दिया और धरने पर बैठ गए. रोडवेज बस चालकों ने विभाग पर गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा कि समय से भोजन पानी तक उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. ऐसे में खाली पेट बस कैसे चला पाएंगे. एक रोजेदार बस चालक ने बताया कि 24 घण्टे में एक बार खाना खाया जाता है रोजा खोलने के लिए वो भी बाहर से खरीदना पड़ता है.

उन्होंने कहा कि अधिकारी को जब सूचना दी जाती है तो वो अपना रौब झाड़ने लगते हैं, कहते हैं दिमाग खराब है. इतना ही नहीं कोरोना से बचाव के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है. बसों को सैनिटाइज नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सिर्फ सैनिटाइजेशन से ही बचाव नहीं होगा. चालकों का कहना है कि उन्हें वेतन भी नहीं मिल रहा है. किसी को दो हजार तो किसी को ढाई हजार तो किसी को कुछ भी नहीं.

बस्ती: लॉकडाउन में बाहर फंसे मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए सरकार हर तरीके से प्रयासरत है. ऐसे में रोडवेज बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. जिले में बीती रात रोडवेज चालकों ने बस स्टेशन पर जमकर हंगामा कर दिया. उनका आरोप है कि न तो उन्हें वेतन मिल रहा है, न समय पर खाना-पानी और न ही सुरक्षा. ऐसे में चालक अपनी जिंदगी से खिलवाड़ नहीं करेंगे.


दरअसल, शनिवार की रात अचानक बस स्टेशन पर चालकों ने हंगामा शुरू कर दिया और धरने पर बैठ गए. रोडवेज बस चालकों ने विभाग पर गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा कि समय से भोजन पानी तक उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. ऐसे में खाली पेट बस कैसे चला पाएंगे. एक रोजेदार बस चालक ने बताया कि 24 घण्टे में एक बार खाना खाया जाता है रोजा खोलने के लिए वो भी बाहर से खरीदना पड़ता है.

उन्होंने कहा कि अधिकारी को जब सूचना दी जाती है तो वो अपना रौब झाड़ने लगते हैं, कहते हैं दिमाग खराब है. इतना ही नहीं कोरोना से बचाव के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है. बसों को सैनिटाइज नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सिर्फ सैनिटाइजेशन से ही बचाव नहीं होगा. चालकों का कहना है कि उन्हें वेतन भी नहीं मिल रहा है. किसी को दो हजार तो किसी को ढाई हजार तो किसी को कुछ भी नहीं.

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