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बस्ती: आसरा आवास योजना का बना मजाक, नहीं मिली पात्रों को मूल सुविधा - बस्ती समाचार

यूपी के बस्ती में नगरीय क्षेत्र के गरीबों को आवास उपलब्ध कराने के लिए सरकार की महत्वपूर्ण आसरा आवास योजना विभागीय लापरवाही से अधर में लटक गई है. लाभार्थियों के आवास में न तो बिजली पहुंची और न ही पीने के लिए शुद्ध जल. जबकि इन भवनों को बने 2 वर्ष बीत चुके हैं. गरीब लोग इस मूलभूत सुविधा से नदारत हैं.

आसरा आवास योजना.
आसरा आवास योजना.
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Published : Oct 20, 2020, 1:21 PM IST

बस्ती: जिले में सरकार के करोड़ों के प्रोजेक्ट पर ग्रहण लग गया है. गरीबों को एक छत मुहैया करवाने के लिए आसरा योजना जैसी महत्वपूर्ण योजना तो लाई गई, लेकिन सरकार की यह योजना जिले में तार-तार हो गई. बिल्डिंग नगर पंचायत को ट्रांसफर होने से पहले ही वह जर्जर हालात में पहुंच गई है. टूटे फर्श, दरवाजे, खिड़की, दीवार और इमारतों में लगी फंगस इस बात का प्रमाण है, जो गरीब परिवार बिना बिल्डिंग स्थानांतरित किए ही रह रहे हैं, उन्हें कोई सुविधा नहीं मिल रही है.

लाभार्थियों को नहीं मिली मूल सुविधा.

हर तरफ गंदगी का अंबार है. चारों तरफ जलजमाव व पेयजल का भारी संकट है. गरीबों को शुद्ध जल के लिए दूर तक जाना पड़ रहा है. पानी की टंकी तो बनी है, लेकिन विद्युत कनेक्शन न होने के चलते अभी तक वाटर सप्लाई नहीं हो पाई है. वहीं भवन निर्माण करने वाली सीएनडीएस के प्रोजेक्ट मैनेजर ने फोन पर बताया कि 2 फरवरी को ही हम ने लगभग 7 लाख 30 हजार रुपया विद्युत विभाग के अधिकारियों को दे दिया है. जैसै ही विद्युत विभाग कनेक्शन कर देती हैं. हम वाटर सप्लाई चालू करके बिल्डिंग नगर पंचायत को हैंडओवर कर देगें.

10 करोड़ रुपये की परियोजना

नगरीय क्षेत्र में रहने वाले गरीबों को छत मुहैया कराने के उद्देश्य से हरैया में बनाए गए 84 आवासों में से अब तक सिर्फ 47 का ही आवंटन हो पाया है. यह आवास लगभग 16 माह से बनकर तैयार है. बावजूद इसके इनका आवंटन क्यों नहीं हो रहा है. नगर पंचायत के गरीब नागरिक अपने छत की आस में एक-एक दिन गुजार रहे हैं. जिम्मेदारों को इसकी कोई चिंता नहीं है. इस परियोजना पर सरकार ने 10 करोड़ रुपये खर्च किए थे. इसे जून 2018 में ही पूरा कर लिया गया था. 37 आवास अभी भी आवंटियों की राह देख रहे हैं.इस योजना का लाभ लेने के लिए जरूरी है कि वह नगर पंचायत का निवासी हो, साथ ही साथ उसके पास न तो कोई मकान हो और न ही कोई जमीन. नगरीय क्षेत्र में रहने वाले गरीबों को छत मुहैया कराने के उद्देश्य से आसरा योजना के तहत इस योजना की शुरुआत की गई थी.

नहीं मिली मूलभूत सुविधाएं

नगर पंचायत में प्रस्तावित 84 आवासों में से प्रत्येक आवास में एक कमरा, किचन, बाथरूम व शौचालय है. इसमें पेयजल सहित बिजली की भी सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए, लेकिन अभी तक इन गरीबों को बिजुली, शुद्ध जल, साफ-सफाई, आदि मूल भूत सुविधाएं मुहैया नहीं हो पाई है. आसरा आवास में रह रहे लोगों का कहना है कि न पीने के लिए शुद्ध जल को हम सब 200 मीटर दूर सड़क के किनारे लगे इंडिया मार्क नल से जल लाते हैं.



अधिशाषी अभियंता ने दी जानकारी

वहीं जब विद्युत विभाग के अधिशाषी अभियंता अमित कुमार से बात कि गई कि आपको जब 2 फरवरी को सीएनडीएस के प्रोजेक्ट मैनेजर ने विद्युत कनेक्शन के लिए पैसा दे दिया था, तो लगभग 9 माह बीतने के बाद अभी तक आसरा आवास में विद्युत कनेक्शन क्यों नहीं हुआ, तो उन्होंने बताया की प्राइवेट भूमि के चलते कोई भी विद्युत पोल लगने नहीं देना चाहते हैं. इसलिए अभी तक नहीं लग पाया है, लेकिन हम अतिशीध्र आसरा आवास वालों को विद्युत कनेक्शन उपलब्ध करवा देंगे.


ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने कहा

वहीं ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नन्द किशोर लाल ने बताया कि जल्द ही आसरा आवास में निवासी करने वाले गरीबों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जायेंगी. नगर पंचायत व विद्युत विभाग के अधिकारियों से बैठक कर इन समस्याओं का जल्द ही निस्तारण किया जायेगा.

बस्ती: जिले में सरकार के करोड़ों के प्रोजेक्ट पर ग्रहण लग गया है. गरीबों को एक छत मुहैया करवाने के लिए आसरा योजना जैसी महत्वपूर्ण योजना तो लाई गई, लेकिन सरकार की यह योजना जिले में तार-तार हो गई. बिल्डिंग नगर पंचायत को ट्रांसफर होने से पहले ही वह जर्जर हालात में पहुंच गई है. टूटे फर्श, दरवाजे, खिड़की, दीवार और इमारतों में लगी फंगस इस बात का प्रमाण है, जो गरीब परिवार बिना बिल्डिंग स्थानांतरित किए ही रह रहे हैं, उन्हें कोई सुविधा नहीं मिल रही है.

लाभार्थियों को नहीं मिली मूल सुविधा.

हर तरफ गंदगी का अंबार है. चारों तरफ जलजमाव व पेयजल का भारी संकट है. गरीबों को शुद्ध जल के लिए दूर तक जाना पड़ रहा है. पानी की टंकी तो बनी है, लेकिन विद्युत कनेक्शन न होने के चलते अभी तक वाटर सप्लाई नहीं हो पाई है. वहीं भवन निर्माण करने वाली सीएनडीएस के प्रोजेक्ट मैनेजर ने फोन पर बताया कि 2 फरवरी को ही हम ने लगभग 7 लाख 30 हजार रुपया विद्युत विभाग के अधिकारियों को दे दिया है. जैसै ही विद्युत विभाग कनेक्शन कर देती हैं. हम वाटर सप्लाई चालू करके बिल्डिंग नगर पंचायत को हैंडओवर कर देगें.

10 करोड़ रुपये की परियोजना

नगरीय क्षेत्र में रहने वाले गरीबों को छत मुहैया कराने के उद्देश्य से हरैया में बनाए गए 84 आवासों में से अब तक सिर्फ 47 का ही आवंटन हो पाया है. यह आवास लगभग 16 माह से बनकर तैयार है. बावजूद इसके इनका आवंटन क्यों नहीं हो रहा है. नगर पंचायत के गरीब नागरिक अपने छत की आस में एक-एक दिन गुजार रहे हैं. जिम्मेदारों को इसकी कोई चिंता नहीं है. इस परियोजना पर सरकार ने 10 करोड़ रुपये खर्च किए थे. इसे जून 2018 में ही पूरा कर लिया गया था. 37 आवास अभी भी आवंटियों की राह देख रहे हैं.इस योजना का लाभ लेने के लिए जरूरी है कि वह नगर पंचायत का निवासी हो, साथ ही साथ उसके पास न तो कोई मकान हो और न ही कोई जमीन. नगरीय क्षेत्र में रहने वाले गरीबों को छत मुहैया कराने के उद्देश्य से आसरा योजना के तहत इस योजना की शुरुआत की गई थी.

नहीं मिली मूलभूत सुविधाएं

नगर पंचायत में प्रस्तावित 84 आवासों में से प्रत्येक आवास में एक कमरा, किचन, बाथरूम व शौचालय है. इसमें पेयजल सहित बिजली की भी सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए, लेकिन अभी तक इन गरीबों को बिजुली, शुद्ध जल, साफ-सफाई, आदि मूल भूत सुविधाएं मुहैया नहीं हो पाई है. आसरा आवास में रह रहे लोगों का कहना है कि न पीने के लिए शुद्ध जल को हम सब 200 मीटर दूर सड़क के किनारे लगे इंडिया मार्क नल से जल लाते हैं.



अधिशाषी अभियंता ने दी जानकारी

वहीं जब विद्युत विभाग के अधिशाषी अभियंता अमित कुमार से बात कि गई कि आपको जब 2 फरवरी को सीएनडीएस के प्रोजेक्ट मैनेजर ने विद्युत कनेक्शन के लिए पैसा दे दिया था, तो लगभग 9 माह बीतने के बाद अभी तक आसरा आवास में विद्युत कनेक्शन क्यों नहीं हुआ, तो उन्होंने बताया की प्राइवेट भूमि के चलते कोई भी विद्युत पोल लगने नहीं देना चाहते हैं. इसलिए अभी तक नहीं लग पाया है, लेकिन हम अतिशीध्र आसरा आवास वालों को विद्युत कनेक्शन उपलब्ध करवा देंगे.


ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने कहा

वहीं ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नन्द किशोर लाल ने बताया कि जल्द ही आसरा आवास में निवासी करने वाले गरीबों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जायेंगी. नगर पंचायत व विद्युत विभाग के अधिकारियों से बैठक कर इन समस्याओं का जल्द ही निस्तारण किया जायेगा.

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