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बस्ती डीएम ने कहा, अब जिले में बनेंगी प्राइमरी स्कूलों के बच्चों की ड्रेस

यूपी के बस्ती में डीएम आशुतोष निरंजन ने एक अनूठी पहल की है. उन्होंने कहा कि अब जिले में ही प्राइमरी स्कूलों के बच्चों की ड्रेस बनेंगी. महिला स्वयं सहायता समूहों की तरफ से ड्रेस की सिलाई की जाएगी.

basti dm ashutosh niranjan
बस्ती डीएम आशुतोष निरंजन
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Published : Jun 11, 2020, 5:33 PM IST

बस्ती: जिले में गुरुवार को डीएम आशुतोष निरंजन ने ब्लाक सदर में सिलाई केन्द्र का उद्घाटन किया. इस अवसर पर डीएम ने कहा कि बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी और उच्च प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले लगभग 2 लाख बच्चों की ड्रेस अब जिले में ही तैयार की जाएगी. उन्होंने कहा कि अब छात्र-छात्राओं की ड्रेस स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की तरफ से सिली जाएंगी.

डीएम आशुतोष निरंजन ने कहा कि प्रत्येक छात्र-छात्रा को दो ड्रेस दी जाएगी. शासन की तरफ से प्रत्येक बच्चों पर ड्रेस के लिए अधिकतम 600 रुपये निर्धारित किए गए हैं. उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह की तरफ से तैयार की जा रही ड्रेस की गुणवत्ता अच्छी होगी. इसके साथ ही उन्हें इस काम का अच्छा लाभ भी मिलेगा. सरकार के इस निर्णय से सिलाई-कढ़ाई करने वाली महिलाओं को अपने जिले में ही रोजगार मिलेगा. कुछ समूहों की तरफ से इसमें लगने वाला सामान कॉलर, बटन, धागा आदि की आपूर्ति की जाएगी. इससे प्रवासी कामगारों को काम मिल सकेगा.

डीएम ने कहा कि आगामी एक माह में 2 लाख बच्चों की ड्रेस का काम पूरा कर लिया जाए. डीएम ने बीएसए को निर्देश दिया कि ड्रेस सिलाई के संबंध में स्कूल प्रबंधन समिति आवश्यक प्रक्रिया समय से पूरी कर ले, ताकि उन्हें धन प्राप्त होने पर समूह के खाते में स्थानांतरित किया जा सके.


जिले में जो भी रोजगारपरक योजनाएं संचालित हैं, उसमें 50 प्रतिशत भागीदारी महिला स्वयं सहायता समूहों की कराई जा रही है. विशेषज्ञ ड्रेस कटर आयोध्या से बुलाए गए हैं. वह 26 से 32 नंबर की ड्रेस बनाने के लिए मशीन से कटिंग का काम करेंगे. महिला स्वयं सहायता समूहों की तरफ से इसकी सिलाई की जाएगी. प्रवासी कामगारों की तरफ से ड्रेस को प्रेस किया जाएगा.
-सरनीत कौर ब्रोका, मुख्य विकास अधिकारी

बस्ती: जिले में गुरुवार को डीएम आशुतोष निरंजन ने ब्लाक सदर में सिलाई केन्द्र का उद्घाटन किया. इस अवसर पर डीएम ने कहा कि बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी और उच्च प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले लगभग 2 लाख बच्चों की ड्रेस अब जिले में ही तैयार की जाएगी. उन्होंने कहा कि अब छात्र-छात्राओं की ड्रेस स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की तरफ से सिली जाएंगी.

डीएम आशुतोष निरंजन ने कहा कि प्रत्येक छात्र-छात्रा को दो ड्रेस दी जाएगी. शासन की तरफ से प्रत्येक बच्चों पर ड्रेस के लिए अधिकतम 600 रुपये निर्धारित किए गए हैं. उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह की तरफ से तैयार की जा रही ड्रेस की गुणवत्ता अच्छी होगी. इसके साथ ही उन्हें इस काम का अच्छा लाभ भी मिलेगा. सरकार के इस निर्णय से सिलाई-कढ़ाई करने वाली महिलाओं को अपने जिले में ही रोजगार मिलेगा. कुछ समूहों की तरफ से इसमें लगने वाला सामान कॉलर, बटन, धागा आदि की आपूर्ति की जाएगी. इससे प्रवासी कामगारों को काम मिल सकेगा.

डीएम ने कहा कि आगामी एक माह में 2 लाख बच्चों की ड्रेस का काम पूरा कर लिया जाए. डीएम ने बीएसए को निर्देश दिया कि ड्रेस सिलाई के संबंध में स्कूल प्रबंधन समिति आवश्यक प्रक्रिया समय से पूरी कर ले, ताकि उन्हें धन प्राप्त होने पर समूह के खाते में स्थानांतरित किया जा सके.


जिले में जो भी रोजगारपरक योजनाएं संचालित हैं, उसमें 50 प्रतिशत भागीदारी महिला स्वयं सहायता समूहों की कराई जा रही है. विशेषज्ञ ड्रेस कटर आयोध्या से बुलाए गए हैं. वह 26 से 32 नंबर की ड्रेस बनाने के लिए मशीन से कटिंग का काम करेंगे. महिला स्वयं सहायता समूहों की तरफ से इसकी सिलाई की जाएगी. प्रवासी कामगारों की तरफ से ड्रेस को प्रेस किया जाएगा.
-सरनीत कौर ब्रोका, मुख्य विकास अधिकारी

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