बस्तीः बस्ती विकास प्राधिकरण के अधिकारी फोर्स के साथ अवैध निर्माण को लेकर कार्रवाई करने निकले और सबसे पहले गांधी नगर मार्केट में स्टेट बैंक के सामने भानु प्रकाश चौबे के मकान पर पहुंचे. अधिकारियों को यह सूचना मिली थी कि रोक के बावजूद निर्माण कार्य चल रहा है, फिर बीडीए के अधिकारी मौके पर पहुंचे और आव देखा न ताव तत्काल मकान को सील कर दिया. मकान के अंदर मौजूद भानु प्रकाश की बेटी को मकान के साथ-साथ बस्ती विकास प्राधिकरण अंदर ही सील कर दिया. घंटों बाद जब भानु प्रकाश की बेटी कमरे से निकलकर बाहर आना चाहा तो उसने देखा कि मकान को बाहर से सील कर दिया गया है. इसके बाद उसने अपने पिता को फोन किया जोकि उसकी दादी को लेकर इलाज कराने गए थे. पिता और दादी मौके पर पहुंची तो वह भी देखकर अवाक हो गए, बीडीए के अधिकारियों ने उनके मकान को बाहर से सील कर दिया है और उनकी बेटी भी अंदर मकान में बंद हो गई है.
4 घंटे से भी ज्यादा कैद रही घर में
4 घंटे से अधिक का वक्त बीत जाने के बाद भी जानकारी होने के बाद भी बस्ती विकास प्राधिकरण के अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे, और न ही मकान का सील खोला. मकान के मालिक और पीड़िता भानु प्रकाश चौबे ने बताया कि उन्होंने नगर पालिका से अपना नक्शा पास करवाया था. उसके बाद भी बीडीए ने निर्माण करवाने से रोक रहा है. भानु प्रकाश ने प्राधिकरण के अधिकारियों पर रिश्वत मांगने का भी आरोप लगाया है.
बीडीए दफ्तर के ठीक सामने अवैध निर्माण पर कार्रवाई नहीं
बस्ती विकास प्राधिकरण के दफ्तर के ठीक सामने अवैध रूप से 6 माले की बिल्डिंग का निर्माण कार्य सीलिंग की कार्रवाई के बाद भी चल रहा है, लेकिन बीडीए के अफसरों की इतनी हिम्मत नहीं कि वह मौके पर जाकर उस निर्माण कार्य को रोक सके. क्योंकि यह बिल्डिंग एक बड़े बिजनेसमैन का है, जिसके आगे बस्ती विकास प्राधिकरण पूरी तरीके से नतमस्तक हो चुका है.
नहीं कराई गई वीडियोग्राफी
सवाल ये उठता है कि विकास प्राधिकरण में आखिर दो तरह का कानून क्यों चल रहा है. जिले के आला अफसर बस्ती विकास प्राधिकरण के अधिकारियों की इस कार्यशैली पर क्यों नहीं अंकुश लगा पा रहे हैं. सील करने पहुंचे बीडीए के जेई आरसी शुक्ला से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि सील करते वक्त मकान को चेक किया गया था. मगर मकान के अंदर लड़की कैसे आई इसकी उन्हें जानकारी नहीं है. बिना वीडियो ग्राफी करवाए सील करने की कार्रवाई पर अब सवाल खड़ा हो रहा है.