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बस्ती: पूछताछ करने घर गए दारोगा तो भड़के परिजन, एसपी से शिकायत

आरोप है कि आरोपी मानसिक विक्षिप्त है. इसके बावजूद पुलिस ने उसके साथ मारपीट की. हालांकि पुलिस ने इस पूरे मामले को दो पक्षों की आपसी रंजिश करार देते हुए सभी आरोपों को खारिज कर दिया है.

बस्ती: पूछताछ करने घर गए दारोगा तो परिजनों ने की नोकझोंक
बस्ती: पूछताछ करने घर गए दारोगा तो परिजनों ने की नोकझोंक
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Published : Jun 7, 2021, 10:02 AM IST

Updated : Jun 7, 2021, 11:59 AM IST

बस्ती : उत्तर प्रदेश की पुलिस की वैसे तो वर्दी एक है, मगर उसे पहनने वालों के 'रंग' अलग-अलग हैं. कभी कोई पुलिसकर्मी गरीब और मजबूर की मदद करता नजर आता है तो कभी पुलिस वाले को लोगों की गालियां खानी पड़ती हैं. ऐसा ही एक मामला बस्ती जिले में देखने को मिला जब मारपीट के एक मामले में दारोगा आरोपी के घर पूछताछ करने गए तो वहां परिजनों ने उनके साथ नोकझोंक शुरू कर दी. गाली देने का आरोप भी लगाया.

इस दौरान आस पड़ोस के लोगों को भी इकट्ठा कर पुलिस के साथ नोकझोंक की गयी. यही नहीं, बाद में एसपी ऑफिस पहुंचकर आरोप लगाया कि आरोपी जिसे मारपीट के मामले में पुलिस पकड़ने गयी थी, वह मानसिक विक्षिप्त है और पुलिस ने उसके साथ मारपीट की है. हालांकि पुलिस ने इस पूरे मामले को दो पक्षों की आपसी रंजिश करार देते हुए सभी आरोपों को खारिज कर दिया है.

पूछताछ करने घर गए दारोगा तो परिजनों ने की नोकझोंक

यह भी पढ़ें : STF और बदमाशों के बीच मुठभेड़, 1 लाख का इनामी परवेज ढेर

क्या है मामला

मामला मुंडेरवा थाना क्षेत्र के रामपुर गांव में मोहम्मद सईद नाम के युवक का है. सईद के परिजनों का कहना है कि उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. उसका 2009 से इलाज चल रहा है. 2 जून को गांव के ही एक शख्स अप्पू से सईद का कुछ विवाद हुआ. इस पर सईद ने उसे गाली दे दी. सईद के भाई ने बताया की सईद ऐसे ही राह चलते किसी से उलझ जाता है या उसे गाली देने लगता है क्योंकि उसका मानसिक संतुलन ठीक नहीं रहता. साजिश के तहत गांव के पूर्व प्रधान अब्दुल वाहिद अप्पू को चढ़ाकर अगले दिन अब्दुल सईद के घर पहुंचे और मारपीट की. सईद के परिजनों का कहना है कि अब्दुल वाहिद से उनका एक जानलेवा हमले का मुकदमा चल रहा है जिसमें कोर्ट से उन्हें सजा भी हो चुकी है.

साजिश के तहत किया मुकदमा दर्ज

उसी बात को मुद्दा बनाकर एक साजिश के तहत अप्पू को आगे किया गया और उल्टा उन लोगों पर ही थाने में एफआईआर दर्ज करवा दी गई. आरोप लगाया कि एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने निष्पक्ष कार्यवाही करने की बजाए सईद और उसके परिवार का उत्पीड़न शुरू कर दिया. सईद को पकड़कर चौकी लाया गया जहां दारोगा चंद्रकांत पांडेय ने सईद के परिजनों के साथ बदसलूकी की. दरोगा ने सईद को चौकी में लाकर जमकर पीटा. फिर दूसरे दिन शांति भंग में जेल भेज दिया.

क्या कहते हैं पुलिस अधिकारी

एसपी आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि दो पक्षों में मारपीट की गई थी. इस मामले में सईद और उसके कुछ साथियों पर मुंडेरवा थाने में एफआईआर दर्ज की गई है. दूसरे पक्ष ने भी कुछ आरोप लगाए हैं जिसकी जांच सीओ को दी गई है. तथ्य के आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी.

बस्ती : उत्तर प्रदेश की पुलिस की वैसे तो वर्दी एक है, मगर उसे पहनने वालों के 'रंग' अलग-अलग हैं. कभी कोई पुलिसकर्मी गरीब और मजबूर की मदद करता नजर आता है तो कभी पुलिस वाले को लोगों की गालियां खानी पड़ती हैं. ऐसा ही एक मामला बस्ती जिले में देखने को मिला जब मारपीट के एक मामले में दारोगा आरोपी के घर पूछताछ करने गए तो वहां परिजनों ने उनके साथ नोकझोंक शुरू कर दी. गाली देने का आरोप भी लगाया.

इस दौरान आस पड़ोस के लोगों को भी इकट्ठा कर पुलिस के साथ नोकझोंक की गयी. यही नहीं, बाद में एसपी ऑफिस पहुंचकर आरोप लगाया कि आरोपी जिसे मारपीट के मामले में पुलिस पकड़ने गयी थी, वह मानसिक विक्षिप्त है और पुलिस ने उसके साथ मारपीट की है. हालांकि पुलिस ने इस पूरे मामले को दो पक्षों की आपसी रंजिश करार देते हुए सभी आरोपों को खारिज कर दिया है.

पूछताछ करने घर गए दारोगा तो परिजनों ने की नोकझोंक

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क्या है मामला

मामला मुंडेरवा थाना क्षेत्र के रामपुर गांव में मोहम्मद सईद नाम के युवक का है. सईद के परिजनों का कहना है कि उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. उसका 2009 से इलाज चल रहा है. 2 जून को गांव के ही एक शख्स अप्पू से सईद का कुछ विवाद हुआ. इस पर सईद ने उसे गाली दे दी. सईद के भाई ने बताया की सईद ऐसे ही राह चलते किसी से उलझ जाता है या उसे गाली देने लगता है क्योंकि उसका मानसिक संतुलन ठीक नहीं रहता. साजिश के तहत गांव के पूर्व प्रधान अब्दुल वाहिद अप्पू को चढ़ाकर अगले दिन अब्दुल सईद के घर पहुंचे और मारपीट की. सईद के परिजनों का कहना है कि अब्दुल वाहिद से उनका एक जानलेवा हमले का मुकदमा चल रहा है जिसमें कोर्ट से उन्हें सजा भी हो चुकी है.

साजिश के तहत किया मुकदमा दर्ज

उसी बात को मुद्दा बनाकर एक साजिश के तहत अप्पू को आगे किया गया और उल्टा उन लोगों पर ही थाने में एफआईआर दर्ज करवा दी गई. आरोप लगाया कि एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने निष्पक्ष कार्यवाही करने की बजाए सईद और उसके परिवार का उत्पीड़न शुरू कर दिया. सईद को पकड़कर चौकी लाया गया जहां दारोगा चंद्रकांत पांडेय ने सईद के परिजनों के साथ बदसलूकी की. दरोगा ने सईद को चौकी में लाकर जमकर पीटा. फिर दूसरे दिन शांति भंग में जेल भेज दिया.

क्या कहते हैं पुलिस अधिकारी

एसपी आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि दो पक्षों में मारपीट की गई थी. इस मामले में सईद और उसके कुछ साथियों पर मुंडेरवा थाने में एफआईआर दर्ज की गई है. दूसरे पक्ष ने भी कुछ आरोप लगाए हैं जिसकी जांच सीओ को दी गई है. तथ्य के आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी.

Last Updated : Jun 7, 2021, 11:59 AM IST
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