बस्ती: जनपद का प्राचीन ताल चंदो उपेक्षा का शिकार है. इतना ही नहीं, ताल के किनारे स्थित शहीद उदय प्रताप सिंह पक्षी विहार भी बदहाल हो गया है. हालत यह है कि कभी पर्यटकों से गुलजार रहने वाला पक्षी विहार आज लोगों के लिए तरसता है. चंदो ताल को वन विभाग ने साल 1997 में विकसित किया था.
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देखभाल के अभाव में वाटिका में लगाए गए पौधे नष्ट हो गए
इन वाटिका में बरगद, पीपल, शिरीष, बहेड़ा, देवदार, खजूर, अंगूर जैतून, अंजीर, मेहंदी, बबूल, अशोक सहित तमाम प्रकार के पेड़ पौधे शामिल हैं. लेकिन हालत यह है कि वाटिका में लगाए गए तमाम पौधे देखभाल के अभाव में सूख कर नष्ट हो गए हैं. क्यारियों में पौधों की सुरक्षा के लिए लगाए गए पिलर टूटे पड़े हैं. इतना ही नहीं, सुरक्षा व्यवस्था न होने के कारण नीलगाय तक अंदर चली आती हैं और पौधों को नुकसान पहुंचाते हैं.
यहां के झूले टूट चुके हैं. नीलगाय अंदर आकर पौधों को नुकसान पहुंचा देती हैं. लोग भी कम आते हैं.
-सलाउद्दीन, कर्मचारीपक्षी विहार के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया था और लगभग 50 लाख स्वीकृत भी हो गए हैं. इसमें मुख्य रूप से धन ताल की साफ-सफाई के लिए उपयोग होगा. तीन महीने के अंदर इसमें बदलाव दिखने लगेगा.
-नवीन शाक्य, डीएफओ
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