बस्ती: उत्तर प्रदेश सरकार भले ही महिला अस्पतालों में सुरक्षित प्रसव कराने का दावा करती हो. लेकिन, हकीकत उससे कोसों दूर है. आलम यह है कि जिन गर्भवती महिलाओं का सुरक्षित प्रसव अस्पताल में होना चाहिए, उनका प्रसव अस्पताल की चौखट पर हो जा रहा है. बस्ती में भी शुक्रवार को एक ऐसा ही मामला सामने आया. यहां सिस्टम की मार ने एक महिला को सरकारी अस्पताल के बाहर ही बच्चे को जन्म देने को मजबूर कर दिया.
दरअसल, चिलमा बाजार की रहने वाली गायत्री को जब प्रसव पीड़ा शुरू हुई तो वह महिला अस्पताल पहुंची. उसे वहां भर्ती कर लिया गया. उसके बाद ग्लूकोस की ड्रिप लगाई. इसके बाद उसका इलाज करने आई डॉक्टर ने उसे अल्ट्रासाउंड के लिए बाहर भेज दिया. गायत्री अल्ट्रासाउंड कराने के लिए जैसे ही अस्पताल से बाहर आई, वैसे ही उसने चौखट पर बच्चे को जन्म दे दिया. सबसे बड़ी बात यह थी कि इस दौरान अस्पताल का कोई कर्मी महिला के साथ नहीं था. इसके बाद जैसे ही महिला के बच्चे को जन्म देने की बात अस्पताल कर्मियों को पता चली तो आनन-फानन में कर्मचारी महिला के पास पहुंचे और फिर बच्चे को उठाया. इसके बाद व्हीलचेयर पर मरीज को लेकर अंदर आए.
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इस पूरे मामले में जब महिला अस्पताल की सीएमएस विष्णु दत्त से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह डॉक्टर की लापरवाही है. मरीज को देखना चाहिए था. पूरे मामले की जानकारी उन्हें मिली है. इसकी जांच के लिए टीम बनाई गई है. रिपोर्ट के आधार पर संबंधित डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.