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बस्ती: भदेश्वर नाथ मंदिर में ढाई महीने बाद पहुंचे श्रद्धालु - बाबा भदेश्वर नाथ मंदिर

यूपी में बस्ती जिले का बाबा भदेश्वर नाथ मंदिर देशभर के लोगों के लिए आस्था का केंद्र है. इस मंदिर में लॉकडाउन के कारण करीब ढाई महीने बाद सोमवार को श्रद्धालु पहुंचे. ऐसी मान्यता है कि रावण ने यहां शिवलिंग की स्थापना की थी.

baba bhadeshwar nath temple
बाबा भदेश्वर नाथ मंदिर
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Published : Jun 8, 2020, 2:44 PM IST

बस्ती: यूं तो बस्ती मंडल अपनी पौराणिक धरोहरों की वजह से पूरे देश में मशहूर है. वहीं शिव भक्तों के लिए बस्ती का बाबा भदेश्वर नाथ मंदिर अगाध आस्था का केंद्र है. अपने आप में कई पौराणिक कथाओं को समेटे बाबा भदेश्वर नाथ मंदिर का जिक्र शिव पुराण में 'भद्र' नाम से किया गया है. ऐसी मान्यता है कि भगवान शंकर के परम भक्त रावण ने यहां शिवलिंग की स्थापना की थी. कई हजार साल तक यह स्थान जंगलों के बीच छिपा रहा.

बाबा भदेश्वर नाथ मंदिर

बस्ती के राजा को दिखा था शिवलिंग
मंदिर के पुजारी शिवपूजन गिरी ने बताते हैं कि करीब 200 साल पहले बस्ती के राजा शिकार खेलने निकले थे तब उनकी नजर इस शिवलिंग पर पड़ी. उन्होंने उस शिवलिंग की पूजा अर्चना कर यहां मंदिर बनवाया. उन्होंने बताया कि राजा ने पूरी जमीन को मंदिर के नाम दान कर दिया. तब से लेकर आज तक पीढ़ी दर पीढ़ी बाबा का पूजन कर रही है.

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भदेश्वर नाथ मंदिर

पुजारी ने बताया कि एक बार कुछ चोरों ने शिवलिंग को चुराने की कोशिश की थी. चोरों ने शिवलिंग की खुदाई भी की, लेकिन 50 फिट खुदाई के बाद भी जब शिवलिंग का अंत नहीं मिला. जब थक-हारकर चोर भागने लगे तो आकाशीय बिजली गिरी और उनकी गाड़ी का पहिया वहीं धंसकर पत्थर बन गया, जो आज भी मंदिर के एक हिस्से में मौजूद है.

मान्यता के अनुसार अज्ञातवास के दौरान राजा युधिष्ठिर ने भी यहां शिवलिंग की पूजा थी. अंग्रेजों के समय में इस स्थान पर कब्जा करने आई सेना को दैवीय आपदाओं के कारण भागना पड़ा था. भक्त बताते हैं कि इस शिवलिंग को कोई अपने दोनों हाथों से नहीं पकड़ सकता है. उन्होंने बताया कि कई बार लोगों ने जोर आजमाइश की लेकिन कोई सफल नहीं हुआ.

यह भी मान्यता है कि जो यहां सच्चे मन से अपनी मुराद लेकर आते हैं, वो कभी खाली हाथ नहीं लौटते. शिवरात्रि के समय और कावड़ यात्रा पर यहां लाखों की तादात में श्रद्धालु जलाभिषेक करने आते हैं.

बस्ती: यूं तो बस्ती मंडल अपनी पौराणिक धरोहरों की वजह से पूरे देश में मशहूर है. वहीं शिव भक्तों के लिए बस्ती का बाबा भदेश्वर नाथ मंदिर अगाध आस्था का केंद्र है. अपने आप में कई पौराणिक कथाओं को समेटे बाबा भदेश्वर नाथ मंदिर का जिक्र शिव पुराण में 'भद्र' नाम से किया गया है. ऐसी मान्यता है कि भगवान शंकर के परम भक्त रावण ने यहां शिवलिंग की स्थापना की थी. कई हजार साल तक यह स्थान जंगलों के बीच छिपा रहा.

बाबा भदेश्वर नाथ मंदिर

बस्ती के राजा को दिखा था शिवलिंग
मंदिर के पुजारी शिवपूजन गिरी ने बताते हैं कि करीब 200 साल पहले बस्ती के राजा शिकार खेलने निकले थे तब उनकी नजर इस शिवलिंग पर पड़ी. उन्होंने उस शिवलिंग की पूजा अर्चना कर यहां मंदिर बनवाया. उन्होंने बताया कि राजा ने पूरी जमीन को मंदिर के नाम दान कर दिया. तब से लेकर आज तक पीढ़ी दर पीढ़ी बाबा का पूजन कर रही है.

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भदेश्वर नाथ मंदिर

पुजारी ने बताया कि एक बार कुछ चोरों ने शिवलिंग को चुराने की कोशिश की थी. चोरों ने शिवलिंग की खुदाई भी की, लेकिन 50 फिट खुदाई के बाद भी जब शिवलिंग का अंत नहीं मिला. जब थक-हारकर चोर भागने लगे तो आकाशीय बिजली गिरी और उनकी गाड़ी का पहिया वहीं धंसकर पत्थर बन गया, जो आज भी मंदिर के एक हिस्से में मौजूद है.

मान्यता के अनुसार अज्ञातवास के दौरान राजा युधिष्ठिर ने भी यहां शिवलिंग की पूजा थी. अंग्रेजों के समय में इस स्थान पर कब्जा करने आई सेना को दैवीय आपदाओं के कारण भागना पड़ा था. भक्त बताते हैं कि इस शिवलिंग को कोई अपने दोनों हाथों से नहीं पकड़ सकता है. उन्होंने बताया कि कई बार लोगों ने जोर आजमाइश की लेकिन कोई सफल नहीं हुआ.

यह भी मान्यता है कि जो यहां सच्चे मन से अपनी मुराद लेकर आते हैं, वो कभी खाली हाथ नहीं लौटते. शिवरात्रि के समय और कावड़ यात्रा पर यहां लाखों की तादात में श्रद्धालु जलाभिषेक करने आते हैं.

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