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प्रसूता को लेने पहुंची एंबुलेंस खुद पड़ी बीमार, हफ्ते भर नहीं मिला इलाज

यूपी के बस्ती में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है, जहां प्रसूता को भर्ती कराने के लिए बुलाई गई एम्बुलेंस गांव में ही खराब हो गई. जिसके बाद प्रसूता को निजी वाहन से ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तक जाना पड़ा.

102 एम्बुलेंस
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Published : Sep 14, 2019, 10:59 AM IST

बस्ती: यूपी में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल इस कदर खराब है कि अगर आप गलती से भी 102 या 108 एम्बुलेंस की सेवा लेने के लिए उसे किसी इमरजेंसी में अपने घर बुला रहे हैं. तो भूल जाइए क्योंकि जिस एम्बुलेंस को आप बुला रहे हैं वही आपके लिए सहूलियत के बजाय मुसीबत बन सकती है. ताजा मामला जिले के कप्तानगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का सामने आया है, जहां रानीपुर गांव में जब एक प्रसूता महिला को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए उसके परिजनों ने 102 एम्बुलेंस को फोन कर बुलाया. जहां एम्बुलेंस पहुंची तो लेकिन गांव में ही खराब हो गई और इसके बाद ड्राइवर और उसका हेल्पर एम्बुलेंस को गांव में ही छोड़कर चले गए.

मरीज को लेने गई एम्बुलेंस रास्ते में हुई खराब.

पढ़ें: प्रमुख सचिव स्वास्थ्य बोले, डॉक्टर वापस नहीं आए तो नये की होगी तैनाती

एम्बुलेंस को गांव में ही छोड़कर चले गए ड्राइवर और हेल्पर
कप्तानगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की 102 एम्बुलेंस एक हफ्ते से एक गांव में खड़ी है, इसके पीछे वजह जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे. दरअसल कप्तानगंज थाना क्षेत्र के रानीपुर गांव में प्रसूता को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराने के लिए परिजनों ने फोन किया था लेकिन एम्बुलेंस इस दौरान गांव में खराब हो गई. पांच दिन बीत जाने के बाद भी एम्बुलेंस की कोई सुध नहीं लेने आया.

ग्रामीणों ने जिम्मेदारों को इस बात की खबर दी, तो पता चला कि एम्बुलेंस का एक्सेल टूट गया था और उसे बनाने वाला मैकेनिक नहीं था. जिस वजह से ड्राइवर एम्बुलेंस गांव में खड़ी कर चला गया, क्योंकि उसे विभाग की तरफ से समय पर मैकेनिक की व्यवस्था कर के नहीं दिया गया.

वहीं कप्तानगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉक्टर सचिन ने ईटीवी भारत को जानकारी देते हुए बताया कि एम्बुलेंस गर्भवती महिला को लाने के लिए गांव में गई थी और वहीं खराब हो गई, जानकारी होने के बाद एम्बुलेंस को अस्पताल मंगवाकर सही करा लिया गया है.

बस्ती: यूपी में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल इस कदर खराब है कि अगर आप गलती से भी 102 या 108 एम्बुलेंस की सेवा लेने के लिए उसे किसी इमरजेंसी में अपने घर बुला रहे हैं. तो भूल जाइए क्योंकि जिस एम्बुलेंस को आप बुला रहे हैं वही आपके लिए सहूलियत के बजाय मुसीबत बन सकती है. ताजा मामला जिले के कप्तानगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का सामने आया है, जहां रानीपुर गांव में जब एक प्रसूता महिला को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए उसके परिजनों ने 102 एम्बुलेंस को फोन कर बुलाया. जहां एम्बुलेंस पहुंची तो लेकिन गांव में ही खराब हो गई और इसके बाद ड्राइवर और उसका हेल्पर एम्बुलेंस को गांव में ही छोड़कर चले गए.

मरीज को लेने गई एम्बुलेंस रास्ते में हुई खराब.

पढ़ें: प्रमुख सचिव स्वास्थ्य बोले, डॉक्टर वापस नहीं आए तो नये की होगी तैनाती

एम्बुलेंस को गांव में ही छोड़कर चले गए ड्राइवर और हेल्पर
कप्तानगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की 102 एम्बुलेंस एक हफ्ते से एक गांव में खड़ी है, इसके पीछे वजह जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे. दरअसल कप्तानगंज थाना क्षेत्र के रानीपुर गांव में प्रसूता को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराने के लिए परिजनों ने फोन किया था लेकिन एम्बुलेंस इस दौरान गांव में खराब हो गई. पांच दिन बीत जाने के बाद भी एम्बुलेंस की कोई सुध नहीं लेने आया.

ग्रामीणों ने जिम्मेदारों को इस बात की खबर दी, तो पता चला कि एम्बुलेंस का एक्सेल टूट गया था और उसे बनाने वाला मैकेनिक नहीं था. जिस वजह से ड्राइवर एम्बुलेंस गांव में खड़ी कर चला गया, क्योंकि उसे विभाग की तरफ से समय पर मैकेनिक की व्यवस्था कर के नहीं दिया गया.

वहीं कप्तानगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉक्टर सचिन ने ईटीवी भारत को जानकारी देते हुए बताया कि एम्बुलेंस गर्भवती महिला को लाने के लिए गांव में गई थी और वहीं खराब हो गई, जानकारी होने के बाद एम्बुलेंस को अस्पताल मंगवाकर सही करा लिया गया है.

Intro:रिपोर्ट- सतीश श्रीवास्तव
बस्ती यूपी
मो- 9889557333

स्लग- धक्काप्लेट एम्बुलेंस

एंकर- यूपी में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल इस कदर खराब है कि अगर आप गलती से भी 102 या 108 एम्बुलेंस की सेवा लेने के लिए उसे किसी इमरजेंसी में अपने घर बुलाया रहे है तो खुदा न खास्ता वो वही खराब होकर खड़ी हो जाये और आपके सहूलियत के बजाय वो आपके लिए मुशीबत बन जाये, देखिए हमारी इस रिपोर्ट को,,

कप्तानगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर खड़ी रहने वाली 102 एम्बुलेंस आज एक हफ्ते से एक गॉव में खड़ी है, इसके पीछे वजह जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे, जी है कप्तानगंज थाना छेत्र के रानीपुर गाँव मे जब एक प्रसूता महिला ने 102 एम्बुलेंस को अस्पताल जाने के लिए फ़ोन कर बुलाया तो एम्बुलेंस गाँव मे तो पहुचा लेकिन वह वही खराब होकर खड़ा हो गया, इसके बाद ड्राइवर और उसका हेल्पर एम्बुलेंस को गाँव मे ही छोड़कर मौके से चले गए, 5 दिन बीत गए जब इस सरकारी एम्बुलेंस का कोई पुरसाहाल नही आया तो ग्रामीणों ने जिम्मेदारों को इस बात की खबर की, तो पता चला कि एम्बुलेंस का एक्सेल टूट गया था और उसे बनाने वाला मेकेनिक नही जिस वजह से ड्राइवर एम्बुलेंस गाँव मे खड़ी कर चला गया, क्यों कि उसे विभाग की तरफ से समय पर मेकेनिक की व्यवस्था कर के नही दिया गया, 

इसके बाद कल देर शाम कप्तानगंज सीएचसी की 108 एम्बुलेंस भी मरीज को लाते वक़्त रास्ते मे खराब हो कर खड़ी हो गयी और राहगीरों ने उसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया, जिस पर स्वास्थ्य विभाग की जमकर किरकिरी हो रही है, 


Body:यूपी में एनआरएचएम के जरिये अरबो खर्च कर सरकार एम्बुलेंस की सेवा हर गरीब तक पहुचाने का दावा करती है मगर असल मे ये एम्बुलेंस धक्काप्लेट की तरह चल रही है, उन्हें समय से न तो तेल दिया जा रहा और न ही समय पर इन एम्बुलेंस की देखरेख होती है, और मरम्मत न होने के कारण 102 व 108 सेवा कछुए की चाल चल रही है जिसका खामियाजा आम और गरीब मरीजो को उठाना पड़ रहा है।





Conclusion:वही कप्तानगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉक्टर सचिन ने इन बारे में बताया कि एम्बुलेंस गर्भवती महिला को लाने गाँव मे गयी थी और वही खराब हो गयी, जानकारी होने के बाद एम्बुलेंस को अस्पताल मंगवाकर सही करा लिया गया है।

बाइट- ग्रामीण
बाइट- ग्रामीण
बाइट- डॉक्टर सचिन......प्रभारी, सीएचसी कप्तानगंज


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