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अमरमणि त्रिपाठी की संपत्ति होगी कुर्क, 22 साल पुराने अपहरण के मामले में फिर नहीं हुए पेश

Basti Kidnapping Case : अपहरण कांड में अमरमणि त्रिपाठी को बस्ती एमपी एमएलए कोर्ट में पेश होना था. लेकिन, इस बार भी अमरमणि कोर्ट में पेश नहीं हुए. इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताई है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 2, 2023, 5:38 PM IST

बस्ती: अपहरण के 22 साल पुराने मामले में बाहुबली नेता और पूर्व विधायक अमरमणि त्रिपाठी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. शनिवार को एक बार फिर अमरमणि बस्ती की एमपी एमएलए कोर्ट में हाजिर नहीं हुए. जबकि आज पेशी की तारीख थी. इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए कोर्ट ने अमरमणि त्रिपाठी की चल अचल संपत्ति को कुर्क करने का आदेश जारी कर दिया.

कोर्ट ने एसपी बस्ती को निर्देश दिया है कि वह अभियुक्त अमरमणि त्रिपाठी के प्रकरण में अभी तक प्रभावी कार्रवाई नहीं कर पाए हैं. इसलिए एक बार फिर से एक स्पेशल टीम का गठन करके कोर्ट के आदेश का अनुपालन कराएं और 20 दिसंबर को अमरमणि त्रिपाठी को कोर्ट में हाजिर करें. इसके अलावा एमपी एमएलए कोर्ट ने अमरमणि त्रिपाठी के गैंगस्टर से जुड़ी मूल पत्रावली को भी तलब किया है, जिसके आधार पर कोर्ट आगे की सुनवाई करेगी.

वहीं, पिछली तारीख के दौरान कोर्ट ने बस्ती कोतवाल को कड़ी फटकार लगाते हुए तलब किया था कि कोर्ट के आदेश को गलत तरीके से प्रकाशित करने पर क्यों न आप के खिलाफ कार्रवाई की जाए. इस पर कोतवाल ने माफीनामा लगाते हुए माफी मांगी है, जिस पर कोर्ट ने उन्हें भी 20 तारीख को सुनवाई की तारीख दी है.

जिस केस में अमरमणि को वारंट जारी हुआ है वो केस 2001 का है. उस वक्त बस्ती कोतवाली क्षेत्र में बिजनेसमैन धर्मराज गुप्ता के बेटे का अपहरण कर लिया गया था. बाद में व्यापारी के बेटे को तत्कालीन विधायक अमरमणि के लखनऊ स्थित घर से बरामद किया गया था. इस मामले में अमरमणि समेत आधा दर्जन से ज्यादा लोग आरोपी बनाए गए थे.

इसके बाद लगातार बस्ती के एमपी एमएलए कोर्ट मैं इस मामले का ट्रायल चल रहा था, जिसमें वारंट जारी होने के बाद भी लगातार पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी न्यायालय में गैरहाजिर चल रहे थे. जिस पर कोर्ट ने बस्ती के पुलिस अधीक्षक को यह आदेश दिया था कि वह अमरमणि को गिरफ्तार कर 1 नवंबर को कोर्ट में पेश करें,लेकिन खराब तबीयत की वजह से और मेडिकल कॉलेज में भर्ती होने के वजह से अमरमणि त्रिपाठी एक बार फिर बस्ती के न्यायालय में पेश नहीं हुए. जिस पर कोर्ट ने आपत्ति जताते हुए बस्ती पुलिस को धारा 82 सीआरपीसी के तहत कार्रवाई करते हुए कुर्की के आदेश जारी किया था.

ये भी पढ़ेंः 22 साल से कोर्ट में हाजिर नहीं हुए पूर्व विधायक अमरमणि त्रिपाठी, कोर्ट ने दिया ये आदेश

बस्ती: अपहरण के 22 साल पुराने मामले में बाहुबली नेता और पूर्व विधायक अमरमणि त्रिपाठी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. शनिवार को एक बार फिर अमरमणि बस्ती की एमपी एमएलए कोर्ट में हाजिर नहीं हुए. जबकि आज पेशी की तारीख थी. इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए कोर्ट ने अमरमणि त्रिपाठी की चल अचल संपत्ति को कुर्क करने का आदेश जारी कर दिया.

कोर्ट ने एसपी बस्ती को निर्देश दिया है कि वह अभियुक्त अमरमणि त्रिपाठी के प्रकरण में अभी तक प्रभावी कार्रवाई नहीं कर पाए हैं. इसलिए एक बार फिर से एक स्पेशल टीम का गठन करके कोर्ट के आदेश का अनुपालन कराएं और 20 दिसंबर को अमरमणि त्रिपाठी को कोर्ट में हाजिर करें. इसके अलावा एमपी एमएलए कोर्ट ने अमरमणि त्रिपाठी के गैंगस्टर से जुड़ी मूल पत्रावली को भी तलब किया है, जिसके आधार पर कोर्ट आगे की सुनवाई करेगी.

वहीं, पिछली तारीख के दौरान कोर्ट ने बस्ती कोतवाल को कड़ी फटकार लगाते हुए तलब किया था कि कोर्ट के आदेश को गलत तरीके से प्रकाशित करने पर क्यों न आप के खिलाफ कार्रवाई की जाए. इस पर कोतवाल ने माफीनामा लगाते हुए माफी मांगी है, जिस पर कोर्ट ने उन्हें भी 20 तारीख को सुनवाई की तारीख दी है.

जिस केस में अमरमणि को वारंट जारी हुआ है वो केस 2001 का है. उस वक्त बस्ती कोतवाली क्षेत्र में बिजनेसमैन धर्मराज गुप्ता के बेटे का अपहरण कर लिया गया था. बाद में व्यापारी के बेटे को तत्कालीन विधायक अमरमणि के लखनऊ स्थित घर से बरामद किया गया था. इस मामले में अमरमणि समेत आधा दर्जन से ज्यादा लोग आरोपी बनाए गए थे.

इसके बाद लगातार बस्ती के एमपी एमएलए कोर्ट मैं इस मामले का ट्रायल चल रहा था, जिसमें वारंट जारी होने के बाद भी लगातार पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी न्यायालय में गैरहाजिर चल रहे थे. जिस पर कोर्ट ने बस्ती के पुलिस अधीक्षक को यह आदेश दिया था कि वह अमरमणि को गिरफ्तार कर 1 नवंबर को कोर्ट में पेश करें,लेकिन खराब तबीयत की वजह से और मेडिकल कॉलेज में भर्ती होने के वजह से अमरमणि त्रिपाठी एक बार फिर बस्ती के न्यायालय में पेश नहीं हुए. जिस पर कोर्ट ने आपत्ति जताते हुए बस्ती पुलिस को धारा 82 सीआरपीसी के तहत कार्रवाई करते हुए कुर्की के आदेश जारी किया था.

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