बस्ती: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के विभाग संगठन मंत्री राकेश और राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य राघवेंद्र सिंह को जबरन पुलिस गाड़ी से कोतवाली ले जाने से आक्रोशित कार्यकर्ता कोतवाली पहुंच गए. चार घंटे थाने के गेट पर कार्यकर्ताओं ने कोतवाल के खिलाफ नारेबाजी करते हुए धरना दिया.
यह है पूरा प्रकरण
गांधीनगर स्थित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यालय के नीचे एक व्यक्ति फल की दुकान लगाता है. आरोप है कि दुकानदार ने कार्यालय के नीचे से लेकर सड़क तक दुकान लगाकर अतिक्रमण किया है. कई बार मना करने के बाद भी वह नहीं माना.
गुरुवार को फल विक्रेता ने अपने समर्थन में दर्जनों लोगों को बुलाकर बवाल काटा. इसी दौरान कोतवाल पहुंच गए और संगठन मंत्री राकेश और राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य राघवेंद्र सिंह को जबरन गाड़ी में बैठा लिया. यह सूचना फैली तो इससे आक्रोशित होकर 24 से अधिक कार्यकर्ता कोतवाली पहुंच गए और गेट पर कोतवाल के खिलाफ नारेबाजी करते हुए धरना दिया.
कोतवाल पर अभद्रता करने का लगा आरोप
आरोप है कि कोतवाल ने संगठन मंत्री राकेश और वरिष्ठ पदाधिकारी राघवेंद्र के साथ अभद्रता की. कार्यकर्ताओं के धरना देने की खबर लगते ही सदर विधायक दयाराम चौधरी, भाजपा नेता पुष्कर मिश्र, भाजपा जिलाध्यक्ष पवन कसौधन, विद्यार्थी परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष जेके शाही, प्रदेश मंत्री भूपेंद्र प्रताप सिंह राणा, भाजयुमो के जिलाध्यक्ष शिवांशु मिश्रा सहित बड़ी संख्या में लोग कोतवाली पहुंच गए.
मौके पर पहुंचे कई प्रशासनिक अधिकारी
वहीं दूसरी तरफ एसडीएम सदर एसपी शुक्ला, सीओ सिटी गिरीश कुमार सिंह, एसओ पुरानी बस्ती सर्वेश राय, वाल्टरगंज एसओ अरविद कुमार शाही, एलआइयू इंस्पेक्टर भी पहुंच गए. नाराज कार्यकर्ताओं को मनाने की बहुत कोशिश की. चार घंटे धरना देने के बाद नाराज कार्यकर्ता कार्रवाई का आश्वासन पाकर माने. इस मौके पर एसडीएम को ज्ञापन देकर कोतवाल को तत्काल हटाने की मांग की.
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विद्यार्थी परिषद के लोग परिषद कार्यालय के नीचे एक फल वाले की दुकान को जबरन हटाने की कोशिश कर रहे थे. दोनों पक्षों में इसी को लेकर विवाद चल रहा था. गुरुवार को मामला बिगड़ गया, ऐसे में एहतियातन संगठन मंत्री व एक अन्य को कोतवाली लाया गया.
-श्रीप्रकाश शुक्ल, एसडीएम
जबरन गाड़ी में बैठाकर कोतवाली ले जाने से आहत विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री राकेश, सदर विधायक, भाजपा जिलाध्यक्ष, परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष व प्रदेश मंत्री के सामने फफक कर रो पड़े. उन्होंने कहा कि उन्हें कोतवाल ने कपड़ा तक नहीं पहनने दिया. बिना किसी एफआइआर के गाड़ी में खींच कर बैठाया गया. यह उनका नहीं पूरे संगठन का अपमान है. वह तब तक भोजन नहीं करेंगे, जब तक कोतवाल पर कार्रवाई नहीं हो जाती.