बस्ती: जनपद में आयुष्मान भारत योजना के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले 7 शातिर और साइबर अपराधियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. एक हफ्ते पहले गौर ब्लॉक के कई गांव के लोगों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि आयुष्मान भारत का कार्ड बनवाने के नाम पर मार्च में कुछ लोगों ने उनसे आधार कार्ड बनाने के लिए अंगूठे का निशान लिया. तीन महीने बाद लोगों के खाते से पैसे कटने शुरू हो गए. आनन-फानन में पीड़ित लोगों ने थाने में मुकदमा दर्ज कराया. हरकत में आई पुलिस ने इस गिरोह के 7 लोगों को पकड़कर सलाखों के पीछे भेज दिया.
प्रभारी एएसपी गिरीश सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बताया कि बीती 28 जुलाई को एक शिकायतकर्ता श्याम गुप्ता द्वारा थाना गौर पर शिकायत दर्ज कराई गई कि उसके पिता सुभाषचंद्र के ज्वाइंट खाते से विभिन्न तिथियों में दस-दस हजार करके 30 हजार रुपये निकले हैं. गांवों के लगभग सैकड़ों लोगों के खातों से पिछले चार दिनों से रुपये निकल रहे हैं. पीड़ित के मुताबिक जब उसने बैंक से जानकारी ली तो पता चला कि पैसे आधार कार्ड के माध्यम से किसी ग्राहक सेवा केंद्र से निकाले गए हैं, जिसको किसी साइबर अपराधी ने निकाला है. इस मामले में पुलिस ने पहले दो लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू की. विवेचना के दौरान बैंक पहुंचने पर पुलिस को पता चला कि कई अन्य लोगों ने प्रार्थना पत्र देकर अवगत कराया कि उनके खाते से भी किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा रुपयों की निकासी की जा रही है.
एएसपी ने बताया कि अभियुक्तों से पूछताछ में अहम जानकारी मिली. इसके बाद जांच टीम पड़ताल में जुट गई. अभियुक्तों द्वारा बताया गया कि वे लोग किसी सरकारी योजना के नाम पर गांव में जाते थे. लोगों से आधार कार्ड की प्रति लेकर एक अंगूठे की छाप ले लेते थे. इसके बाद उसी अंगूठे की छाप से क्लोन तैयार कर अपने ही द्वारा किसी अन्य व्यक्ति का आधार कार्ड, पैन कार्ड फर्जी तरीके से प्राप्त करते थे. इसके बाद पहचान पत्र का प्रयोग कर फिनो बैंक की CSP और ROI NET SOLUTION pvt.ltd. से AEPS की यूजर आईडी और पासवर्ड का प्रयोग कर फेक केवाईसी पर बैंक खाता खुलवाकर सरकरी योजना के नाम पर भरवाए गए फॉर्म पर लगवाए गए अंगूठे का क्लोन बनाकर उनके खाते से पैसे निकाल लेते थे. अब तक इस गैंग के द्वारा लगभग एक करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की जा चुकी है. लोगों के साथ आयुष्मान भारत का कार्ड बनवाने की ठगी का कार्य यह गिरोह विगत 3 वर्ष पूर्व से ही प्रदेश के अलग-अलग जनपदों और अन्य राज्यों में कर रहा था.