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एक दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन, डॉप्लर तकनीकि से अल्ट्रासाउंड का दिया गया प्रशिक्षण - बरेली लेटेस्ट न्यूज

बरेली में श्रीराममूर्ति समारक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (SRMS) में प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की ओर से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस दौरान प्रसूति एवं स्त्री रोगों की जांच में डॉप्लर की भूमिका पर व्याख्यान और प्रशिक्षण दिया गया.

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SRMS में एक दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन
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Published : May 29, 2022, 9:08 PM IST

बरेली : श्रीराममूर्ति समारक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में रविवार को प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की ओर से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस दौरान प्रसूति एवं स्त्री रोगों की जांच में डॉप्लर की भूमिका पर व्याख्यान और प्रशिक्षण दिया गया. वहीं, कार्यशाला में करीब 50 से अधिक विद्यार्थी शामिल हुए.

एसआरएमएस मेडिकल कालेज के सभागर में आयोजित वर्कशॉप (कार्यशाला) में गहतोरी अस्पताल की चेयरमैन और प्रसूति एवं स्त्री रोग की वरिष्ठ सलाहकार डाॅ. भारती गहतोरी ने प्रसूति एवं स्त्री रोग में डॉप्लर अल्ट्रासाउंड की भूमिका, विशेषता और इसके इस्तेमाल के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि आज भी ज्यादातर अस्पतालों में अल्ट्रासाउंड के लिए 2-डी मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है जबकि 2-डी अल्ट्रासाउंड मशीनों से ली गई तस्वीर को देखकर समस्या का सही अनुमान नहीं लगाया जा सकता. इसलिए इलाज में काफी परेशानियां आती हैं.

यह भी पढ़ें- सीएम योगी ने रखी राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के गोरखपुर क्षेत्रीय केंद्र की आधारशिला

डाॅ. भारती गहतोरी ने बताया कि डॉप्लर अल्ट्रासाउंड मशीन से रंगीन और साफ तस्वीर देखने को मिलती है. इससे समस्या की सटीक जानकारी हो जाती है. समय से सही इलाज करना संभव हो जाता है. साथ ही उन्होंने बताया कि डॉप्लर अल्ट्रासाउंड ब्लड सर्कुलेशन का भी पता लगाता है. व्याख्यान के बाद डाॅ. भारती ने विद्यार्थियों को डॉप्लर अल्ट्रासाउंड मशीन के संचालन का प्रशिक्षण भी दिया. इस दौरान कार्यशाला में आयोजन सचिव और प्रसूति और स्त्री विभाग की विभागाध्यक्ष डाॅ. शशिबाला आर्य, डाॅ. मृदु सिन्हा, डाॅ. प्रगति अग्रवाल मौजूद रहे. इनके साथ ही जी.ई. हेल्थ केयर अल्ट्रासाउंड टीम से लता धवन, राम गौर और यतेंद्र सिंह शामिल रहे.

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बरेली : श्रीराममूर्ति समारक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में रविवार को प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की ओर से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस दौरान प्रसूति एवं स्त्री रोगों की जांच में डॉप्लर की भूमिका पर व्याख्यान और प्रशिक्षण दिया गया. वहीं, कार्यशाला में करीब 50 से अधिक विद्यार्थी शामिल हुए.

एसआरएमएस मेडिकल कालेज के सभागर में आयोजित वर्कशॉप (कार्यशाला) में गहतोरी अस्पताल की चेयरमैन और प्रसूति एवं स्त्री रोग की वरिष्ठ सलाहकार डाॅ. भारती गहतोरी ने प्रसूति एवं स्त्री रोग में डॉप्लर अल्ट्रासाउंड की भूमिका, विशेषता और इसके इस्तेमाल के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि आज भी ज्यादातर अस्पतालों में अल्ट्रासाउंड के लिए 2-डी मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है जबकि 2-डी अल्ट्रासाउंड मशीनों से ली गई तस्वीर को देखकर समस्या का सही अनुमान नहीं लगाया जा सकता. इसलिए इलाज में काफी परेशानियां आती हैं.

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डाॅ. भारती गहतोरी ने बताया कि डॉप्लर अल्ट्रासाउंड मशीन से रंगीन और साफ तस्वीर देखने को मिलती है. इससे समस्या की सटीक जानकारी हो जाती है. समय से सही इलाज करना संभव हो जाता है. साथ ही उन्होंने बताया कि डॉप्लर अल्ट्रासाउंड ब्लड सर्कुलेशन का भी पता लगाता है. व्याख्यान के बाद डाॅ. भारती ने विद्यार्थियों को डॉप्लर अल्ट्रासाउंड मशीन के संचालन का प्रशिक्षण भी दिया. इस दौरान कार्यशाला में आयोजन सचिव और प्रसूति और स्त्री विभाग की विभागाध्यक्ष डाॅ. शशिबाला आर्य, डाॅ. मृदु सिन्हा, डाॅ. प्रगति अग्रवाल मौजूद रहे. इनके साथ ही जी.ई. हेल्थ केयर अल्ट्रासाउंड टीम से लता धवन, राम गौर और यतेंद्र सिंह शामिल रहे.

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