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बरेली : क्रय केंद्र कर्मचारियों की मनमानी का वीडियो किया वायरल, FIR दर्ज - बरेली लेटेस्ट न्यूज

बरेली जिले के फरीदपुर तहसील के गेहूं क्रय केंद्र पर तैनात कर्मचारियों की मनमानी का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो में कर्मचारी किसान से कम मूल्य में गेहूं खरीदने के लिए कह रहा है.

क्रय केंद्र के बाहर खड़ा किसान रमेश कुमार का गेहूं से भरा ट्रैक्टर
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Published : May 10, 2019, 8:36 PM IST

बरेली : जिले में गेहूं क्रय केंद्र के कारनामे का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में क्रय केंद्र पर तैनात कर्मियों की मनमानी साफ देखी जा सकती है. क्रय केंद्र पर गेहूं बेचने आए किसान से 1,730 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब खरीदने की बात कर्मी कह रहे हैं, जबकि सरकार ने गेहूं का समर्थन मूल्य 1,840 रुपये तय किया है. इस वायरल वीडियो को किसान ने खुद बनाया है.

मामले की जानकारी देते एसपी ग्रामीण.

क्या है गेहूं क्रय केंद्र पर कालाबाजारी का मामला

  • मामला बरेली जिले के फरीदपुर तहसील के गेहूं क्रय केंद्र का है.
  • तहसील क्षेत्र के धीरपुर गांव के किसान रमेश कुमार से क्रय केंद्र पर सौदेबाजी का मामला प्रकाश में आया है.
  • क्रय केंद्र पर किसान रमेश कुमार का गेहूं नहीं खरीदा जा रहा है.
  • क्रय केंद्र पर तैनात कर्मी रमेश से 1,730 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से गेहूं लेने की बात कह रहे हैं.
  • सरकार ने गेहूं का समर्थन मूल्य 1,840 रुपये तय किया है.

किसी ने नहीं की किसान की मदद

  • क्रय केंद्र पर तैनात कर्मियों की मनमानी से परेशान किसान ने टोल फ्री नंबर पर कॉल कर शिकायत की.
  • टोल फ्री नंबर पर शिकायत करने के बाद उसे मदद का भरोसा दिया गया.
  • वहीं दो दिन बीत जाने के बाद भी किसान रमेश को कोई मदद नहीं मिली.
  • किसान ने जब कमिश्नर, डीएम और एडीएम को कॉल किया तो किसी ने फोन नहीं उठाया.

मजबूर होकर किसान ने उठाया यह कदम

  • जब किसान रमेश को कहीं से कोई मदद नहीं मिली तो मजबूर होकर उसने इसका वीडियो बना लिया.
  • किसान ने क्रय केंद्र कर्मचारियों की मनमानी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया.
  • बताया जा रहा है कि क्रय केंद्र के प्रभारी जीराज सिंह और ठेकेदार चोखेलाल हैं.
  • वहीं क्रय केंद्र पर चलती सिर्फ चोखेलाल के समधी महेंद्र कश्यप की है.

जांच के दौरान नदारद मिले कर्मी

  • मामले की जानकारी होने पर एसडीएम ने नायब तहसीलदार को जांच सौंपी है.
  • एसडीएम ने नायब तहसीलदार से क्रय केंद्र की जांच करने को कहा है.
  • साथ ही यह भी कहा है कि अगर कर्मचारी दोषी पाए गए तो सख्त कार्रवाई की जाएगी.
  • वहीं जब क्रय केंद्र पर जांच के लिए नायब तहसीलदार पहुंचे तो वहां कोई कर्मी ही नहीं मिला.

क्रय केंद्र कर्मचारी किसानों के साथ धोखाधड़ी कर रहे थे. सरकारी मूल्य से बहुत ही कम दामों पर किसानों से ये लोग गेहूं खरीद रहे थे. जिला विपणन अधिकारी ने इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है.

-संसार सिंह, एसपी ग्रामीण

बरेली : जिले में गेहूं क्रय केंद्र के कारनामे का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में क्रय केंद्र पर तैनात कर्मियों की मनमानी साफ देखी जा सकती है. क्रय केंद्र पर गेहूं बेचने आए किसान से 1,730 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब खरीदने की बात कर्मी कह रहे हैं, जबकि सरकार ने गेहूं का समर्थन मूल्य 1,840 रुपये तय किया है. इस वायरल वीडियो को किसान ने खुद बनाया है.

मामले की जानकारी देते एसपी ग्रामीण.

क्या है गेहूं क्रय केंद्र पर कालाबाजारी का मामला

  • मामला बरेली जिले के फरीदपुर तहसील के गेहूं क्रय केंद्र का है.
  • तहसील क्षेत्र के धीरपुर गांव के किसान रमेश कुमार से क्रय केंद्र पर सौदेबाजी का मामला प्रकाश में आया है.
  • क्रय केंद्र पर किसान रमेश कुमार का गेहूं नहीं खरीदा जा रहा है.
  • क्रय केंद्र पर तैनात कर्मी रमेश से 1,730 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से गेहूं लेने की बात कह रहे हैं.
  • सरकार ने गेहूं का समर्थन मूल्य 1,840 रुपये तय किया है.

किसी ने नहीं की किसान की मदद

  • क्रय केंद्र पर तैनात कर्मियों की मनमानी से परेशान किसान ने टोल फ्री नंबर पर कॉल कर शिकायत की.
  • टोल फ्री नंबर पर शिकायत करने के बाद उसे मदद का भरोसा दिया गया.
  • वहीं दो दिन बीत जाने के बाद भी किसान रमेश को कोई मदद नहीं मिली.
  • किसान ने जब कमिश्नर, डीएम और एडीएम को कॉल किया तो किसी ने फोन नहीं उठाया.

मजबूर होकर किसान ने उठाया यह कदम

  • जब किसान रमेश को कहीं से कोई मदद नहीं मिली तो मजबूर होकर उसने इसका वीडियो बना लिया.
  • किसान ने क्रय केंद्र कर्मचारियों की मनमानी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया.
  • बताया जा रहा है कि क्रय केंद्र के प्रभारी जीराज सिंह और ठेकेदार चोखेलाल हैं.
  • वहीं क्रय केंद्र पर चलती सिर्फ चोखेलाल के समधी महेंद्र कश्यप की है.

जांच के दौरान नदारद मिले कर्मी

  • मामले की जानकारी होने पर एसडीएम ने नायब तहसीलदार को जांच सौंपी है.
  • एसडीएम ने नायब तहसीलदार से क्रय केंद्र की जांच करने को कहा है.
  • साथ ही यह भी कहा है कि अगर कर्मचारी दोषी पाए गए तो सख्त कार्रवाई की जाएगी.
  • वहीं जब क्रय केंद्र पर जांच के लिए नायब तहसीलदार पहुंचे तो वहां कोई कर्मी ही नहीं मिला.

क्रय केंद्र कर्मचारी किसानों के साथ धोखाधड़ी कर रहे थे. सरकारी मूल्य से बहुत ही कम दामों पर किसानों से ये लोग गेहूं खरीद रहे थे. जिला विपणन अधिकारी ने इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है.

-संसार सिंह, एसपी ग्रामीण

Intro:बरेली। जिले में गेहूं क्रय केंद्र के कारनामे का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में माफियाओं की करतूत का किसान ने खुद वीडियो बनाया है।

वहीं किसान का कहना है कि उसने इस मामले की शिकायत डीएम और कमिश्नर से भी की मगर उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया। इसके बाद एसडीएम के आदेश पर जांच के लिए पहुंचने से पहले सारे कर्मचारी वहां से नदारद हो गए।


Body:किसान का हो रहा उत्पीड़न

देश का अन्नदाता मेहनत करके अपने खून पसीने से फसल तैयार करता है और जब फसल तैयार होकर क्रय केंद्र पर जाती है तो वहां किसान की उसकी मुनासिब कीमत नहीं मिलती। यह कालाबाज़ारी पहली बार नहीं हो रही है। यह नया मामला जिले की फरीदपुर तहसील का है।

सौदेबाज़ी में हो रहा खेल

फरीदपुर के धीरपुर गांव के एक किसान रमेश कुमार से गेहूं क्रय केंद्र पर सौदेबाज़ी की जा रही है। उसका गेहूं नहीं खरीदा जा रहा। उससे कहा जा रहा है कि वह गेहूं को 1730 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से दे जबकि सरकार ने गेहूं का समर्थन मूल्य 1840 रुपये तय किया है।

किसी ने नहीं की मदद

रमेश जब परेशान हो गया तो उसने टोल फ्री नंबर पर कॉल की तो उसे मदद का भरोसा दिया गया। लेकिन आज दो दिन बीत गए बरेली के जिलाधिकारी, एडीएम और कमिश्नर को फोन करने के बाद भी कोई मदद नहीं मिली।

मजबूर होकर उठाया कदम

जब उसे कोई मदद नहीं मिली तो उसने मजबूर होकर काले कारनामे की वीडियो बना ली। फरीदपुर में आरएफसी के क्रय केंद्र के प्रभारी जीराज सिंह और केंद्र के ठेकेदार चोखे लाल हैं। लेकिन यहां चलती सिर्फ चोखेलाल के समधी महेंद्र कश्यप की है।

जांच के लिए तहसीलदार नियुक्त

जब मामले की जानकारी एसडीएम को हुई तो उन्होंने नायब तहसीलदार को जांच के लिए नियुक्त किया। एसडीएम ने कहा कि तत्काल सेंटर पर जाकर मामले की जांच करें। एसडीएम ने कहा कि अगर कर्मचारी दोषी पाए गए तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।

शुरू हुई जांच

टीम का गठन होते ही नायाब तहसीलदार ने जांच शुरू की। लेकिन वहां मौजूद सारे कर्मचारी पहले से ही नदारद हो चुके थे।







Conclusion:मामले को देखते हुए तहसीलदार को क्रय केंद्र सील करना चाहिए था लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। वहीं जब उनसे इस मामले के बारे में पूछा गया तो वह आनाकानी करने लगे।

अनुराग मिश्र

9450024711

visuals are available on FTP

name: bareilly story
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