बरेलीः जिले की मीरगंज तहसील में जमीन को लेकर संभल के एसडीएम विनय मिश्रा और ग्रामीणों के बीच विवाद हो गया. बताया जा रहा है कि क्षेत्र के गांव करौरा भगवंतपुर में एसडीएम ने करीब 7 साल पहले जमीन खरीदी थी. इसे ग्रामीण अपना बता रहे हैं. सोमवार की देर शाम सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ. इसमें एसडीएम और ग्रामीणों के बीच तीखी नोकझोंक होती दिख रही है. वीडियो में बड़ी संख्या में लोग लाठी-डंडे के साथ मौजूद हैं. वहीं, मौके पर धक्का-मुक्की होती भी दिखाई दे रही है. कई ग्रामीण एसडीएम पर जमीन को कब्जा करने का आरोप लगा रहे हैं.
जिला प्रशासन के अनुसार, दरअसल कुछ माह पहले गांव करौरा भगवंतपुर के राजीव कुमार समेत कई ग्रामीणों ने कमिश्नर, डीएम को प्रार्थनापत्र देकर जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया था. तब जिलाधिकारी ने आरोपों की जांच कराने के लिए अधिकारियों की टीम गठित करने के आदेश दिया था. प्रशासन ने एसडीएम मीरगंज कुमार धर्मेंद्र, एसडीएम सदर प्रत्यूष पांडेय, तत्कालीन तहसीलदार सदर अनिल कुमार और तत्कालीन तहसीलदार मीरगंज रामनयन सिंह को शामिल करते हुए टीम गठित की थी. टीम में शामिल अधिकारियों ने दोनों पक्षों को बुलाकर उनकी बातें सुनी थीं.
मीरगंज तहसीलदार अनिल कुमार यादव ने बताया कि करौरा भगवंतपुर में एसडीएम और ग्रामीणों के बीच जमीन को लेकर कोई विवाद लंबे समय से चल रहा है. बीच में जांच भी हुई थी. जो वीडियो वायरल हो रहे हैं, उसकी जानकारी नहीं है. विवाद है तो दोनों पक्षों को बैठकर सुलह करनी चाहिए. किसी तरह से उनके पास कोई शिकायत नहीं आई है.
संभल के एसडीएम विनय मिश्रा ने कहा, 'हमने अपनी बात रखी थी कि गांव के आसपास जमीन में बहुत छोटे-छोटे नंबर हैं. उनमें कई खातेदार शामिल हैं. 2016 में हमने सह खातेदारों से जमीन खरीदी थी. किसी किसान की भूमि पर कब्जा नहीं किया है. वह क्षेत्र राम गंगा खादर का है, वहां न तो कोई मेड़ है, न ही ऐसा कोई चिन्ह है. जमीन हमने खरीदी है, जब भी जमीन देखने जाते हैं तो ग्रामीण डंडे लेकर आ जाते हैं. गंगा खादर की भूमि है. ग्रामीण बेवजह विवाद खड़ा करते हैं. हमारे पास जमीन के कागजात हैं.'
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