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बरेली: शहर को सभी आपदाओं से बचाता है यह मंदिर, दूर-दूर से पहुंचते हैं श्रद्धालु

मान्यता है कि बरेली जिले के चारों दिशाओं में स्थित शिव मंदिर शहर को सभी आपदाओं से बचाता है. सभी दिशाओं में मंदिर स्थित होने के कारण इसे नाथनगरी भी कहा जाता है. यहां भगवान शिव के दर्शन के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचते हैं.

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Published : Mar 4, 2019, 6:04 PM IST

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बरेली: महाशिवरात्रि को भगवान शिव की आराधना का मुख्य त्यौहार माना जाता है. इस दिन भगवान शिव करोड़ों सूर्य के समान प्रभाव वाले रूप में अवतरित हुए थे. मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह भी हुआ था. महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव का आर्शीवाद पाने के लिए भक्त व्रत भी रखते हैं.

शिवरात्रि के अवसर पर भगवान शिव के सभी मंदिर और शिवलयों में विशेष साज सजावट की जाती है. बरेली शहर की हर दिशा में भगवान भोलेनाथ का मंदिर बनाया गया है. मान्यता है कि चारों दिशाओं के यह मंदिर शहर को सभी आपदाओं से बचाता है. इसी वजह से बरेली को नाथ नगरी भी कहा जाता है.

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शिव मंदिर

बरेली जिले के जोगी नवादा इलाके में भगवान शंकर का बनखंडी नाथ मंदिर है, जो पूर्व दिशा में बना हुआ है. लोगों के अनुसार महारानी द्रौपदी ने अपने गुरु के आदेश पर यहां शिवलिंग की स्थापित करवाई थी. उस समय यहां घना जंगल होने के कारण इसका नाम बनखंडी पड़ा.

महाशिवरात्रि पर दर्शन के लिए पहुंचे श्रद्धालु.

पश्चिम दिशा में मढ़ीनाथ
शहर के पश्चिम दिशा में भोलेनाथ का मंदिर बना है, जो मढ़ीनाथ के नाम से प्रसिद्ध है. ऐसी मान्यता है कि एक तपस्वी ने यात्रियों की प्यास भुझाने के लिए जैसे ही यहां एक कुआं खुदवाया, वैसे ही मणिधारी सांप लिपटा हुआ मिला. तभी से इस मंदिर का नाम मढ़ीनाथ पड़ गया

उत्तर दिशा में त्रिवटीनाथ मन्दिर
शहर की उत्तरी दिशा में त्रिवटीनाथ मन्दिर बना है, जिसकी स्थापना 1474 में हुई थी. इस जगह पर तीन पेड़ के नीचे चरवाहों को सपना आया कि यहां शिवलिंग है. इसके बाद जैसे ही लोगों ने खुदाई शुरू की तो एक बड़ा शिवलिंग मिला. तीन पेड़ के नीचे शिवलिंग मिलने से इसका नाम त्रिवटीनाथ रखा गया.

दक्षिण दिशा में तपेश्वरनाथ मन्दिर
शहर की दक्षिण दिशा में तपेश्वरनाथ मन्दिर है. यहां कई साधु संतों ने कड़ी तपस्या की थी, जिसके कारण इस मंदिर का नाम तपेश्वरनाथ पड़ा. चारों दिशाओं में शिवजी के मंदिर होने के कारण सीएम योगी ने इसे एयर टर्मिनल का नाम भी नाथ नगरी पर रखा.

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बरेली: महाशिवरात्रि को भगवान शिव की आराधना का मुख्य त्यौहार माना जाता है. इस दिन भगवान शिव करोड़ों सूर्य के समान प्रभाव वाले रूप में अवतरित हुए थे. मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह भी हुआ था. महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव का आर्शीवाद पाने के लिए भक्त व्रत भी रखते हैं.

शिवरात्रि के अवसर पर भगवान शिव के सभी मंदिर और शिवलयों में विशेष साज सजावट की जाती है. बरेली शहर की हर दिशा में भगवान भोलेनाथ का मंदिर बनाया गया है. मान्यता है कि चारों दिशाओं के यह मंदिर शहर को सभी आपदाओं से बचाता है. इसी वजह से बरेली को नाथ नगरी भी कहा जाता है.

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शिव मंदिर

बरेली जिले के जोगी नवादा इलाके में भगवान शंकर का बनखंडी नाथ मंदिर है, जो पूर्व दिशा में बना हुआ है. लोगों के अनुसार महारानी द्रौपदी ने अपने गुरु के आदेश पर यहां शिवलिंग की स्थापित करवाई थी. उस समय यहां घना जंगल होने के कारण इसका नाम बनखंडी पड़ा.

महाशिवरात्रि पर दर्शन के लिए पहुंचे श्रद्धालु.

पश्चिम दिशा में मढ़ीनाथ
शहर के पश्चिम दिशा में भोलेनाथ का मंदिर बना है, जो मढ़ीनाथ के नाम से प्रसिद्ध है. ऐसी मान्यता है कि एक तपस्वी ने यात्रियों की प्यास भुझाने के लिए जैसे ही यहां एक कुआं खुदवाया, वैसे ही मणिधारी सांप लिपटा हुआ मिला. तभी से इस मंदिर का नाम मढ़ीनाथ पड़ गया

उत्तर दिशा में त्रिवटीनाथ मन्दिर
शहर की उत्तरी दिशा में त्रिवटीनाथ मन्दिर बना है, जिसकी स्थापना 1474 में हुई थी. इस जगह पर तीन पेड़ के नीचे चरवाहों को सपना आया कि यहां शिवलिंग है. इसके बाद जैसे ही लोगों ने खुदाई शुरू की तो एक बड़ा शिवलिंग मिला. तीन पेड़ के नीचे शिवलिंग मिलने से इसका नाम त्रिवटीनाथ रखा गया.

दक्षिण दिशा में तपेश्वरनाथ मन्दिर
शहर की दक्षिण दिशा में तपेश्वरनाथ मन्दिर है. यहां कई साधु संतों ने कड़ी तपस्या की थी, जिसके कारण इस मंदिर का नाम तपेश्वरनाथ पड़ा. चारों दिशाओं में शिवजी के मंदिर होने के कारण सीएम योगी ने इसे एयर टर्मिनल का नाम भी नाथ नगरी पर रखा.

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Intro:बरेली। शिवरात्रि और सावन से पहले शहर का नज़ारा बदल जाता है। भगवान भोलेनाथ के जलाभिषेक के लिए हर मन्दिर में भगवान शिव के जयकारे सुनाए पड़ते हैं। बता दें कि बरेली शहर की हर दिशा में भगवान भोलेनाथ का एक मंदिर जरुर है।

ऐसा माना जाता है कि चारों दिशाओं के यह मंदिर शहर को आपदाओं से बचाते हैं। इसी वजह से बरेली को नाथ नगरी भी कहा जाता है।


Body:चारों दिशाओं में भोलेनाथ का मंदिर होने से एक कहावत भी प्रसिद्ध है।

बरेली नगर घिरा, सभी ओर है नाथ,
धोपा, अलख, त्रिवटी, मढ़ी, तपेश्वर नाथ,
वनखंडी, संग छेत्र,सब, कीलित रुद्रहि जान,
क्यों अनाथ होव नगर जहां नाथ विद्यमान,
सभी सुखी नर नारी हों, अशिव त्याग नादान
शिवजी की शक्ति मिले दूर होए अज्ञान

जानें किस दिशा में कौन सा मन्दिर

बरेली जिले के जोगीनवादा इलाके में भगवान शंकर का बनखंडी नाथ मंदिर है। जो पूर्व दिशा में बना हुआ है। ऐसा बताया जाता है कि महारानी द्रौपदी ने अपने गुरु के आदेश पर यहाँ शिवलिंग की को स्थापित करवाया था। इसका नाम बनखंडी इसलिए पड़ा क्योंकि उस समय यहां पर घना जंगल था।

पश्चिम दिशा में मढ़ीनाथ

शहर के पश्चिम दिशा में भोले का मंदिर बना है। यह इलाका मढ़ीनाथ कहलाता है। ऐसी मान्यता है कि एक तपस्वी ने यात्रियों की प्यास भुझाने के लिए जैसे ही यहां एक कुआं खुदवाया वैसे ही मढ़ीधारी सांप लिपटा हुआ मिला। इसी वजह से इसको मढ़ीनाथ कहते हैं।

उत्तर दिशा में त्रिवटीनाथ मन्दिर

शहर की उत्तरी दिशा में प्रेमनगर इलाका है। यहां त्रिवटीनाथ मन्दिर बना है। इसकी स्थापन 1474 में हुई थी। इस जगह पर तीन पेड़ के नीचे चरवाहों को सपना आया कि यहां शिवलिंग है। इसके बाद उनलोगों ने खुदाई की। जैसे ही खुदाई शुरू हुई वैसे ही एक बड़ा शिवलिंग मिला। तीन पेड़ के नीचे शिवलिंग मिलने से इसका नाम त्रिवटीनाथ रखा गया।

दक्षिण दिशा में तपेश्वरनाथ मन्दिर

शहर की दक्षिण दिशा में तपेश्वरनाथ मन्दिर बना है। इस मंदिर की खासियत यह है कि यहां ऋषि मुनियों की तपोभूमि है। यहाँ कई साधु संतों ने कड़ी तपस्या की थी। इस वजह से यह नाम पड़ा।







Conclusion:चारों दिशाओं में शिवजी के मंदिर होने से यहां के एयर टर्मिनल का नाम भी नाथ नगरी पर रख गया है। प्रदेश की योगी सरकार ने इसको यह नाम दिया।

अनुराग मिश्र

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name: Nath nagri
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