बरेली: महाशिवरात्रि को भगवान शिव की आराधना का मुख्य त्यौहार माना जाता है. इस दिन भगवान शिव करोड़ों सूर्य के समान प्रभाव वाले रूप में अवतरित हुए थे. मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह भी हुआ था. महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव का आर्शीवाद पाने के लिए भक्त व्रत भी रखते हैं.
शिवरात्रि के अवसर पर भगवान शिव के सभी मंदिर और शिवलयों में विशेष साज सजावट की जाती है. बरेली शहर की हर दिशा में भगवान भोलेनाथ का मंदिर बनाया गया है. मान्यता है कि चारों दिशाओं के यह मंदिर शहर को सभी आपदाओं से बचाता है. इसी वजह से बरेली को नाथ नगरी भी कहा जाता है.
बरेली जिले के जोगी नवादा इलाके में भगवान शंकर का बनखंडी नाथ मंदिर है, जो पूर्व दिशा में बना हुआ है. लोगों के अनुसार महारानी द्रौपदी ने अपने गुरु के आदेश पर यहां शिवलिंग की स्थापित करवाई थी. उस समय यहां घना जंगल होने के कारण इसका नाम बनखंडी पड़ा.
पश्चिम दिशा में मढ़ीनाथ
शहर के पश्चिम दिशा में भोलेनाथ का मंदिर बना है, जो मढ़ीनाथ के नाम से प्रसिद्ध है. ऐसी मान्यता है कि एक तपस्वी ने यात्रियों की प्यास भुझाने के लिए जैसे ही यहां एक कुआं खुदवाया, वैसे ही मणिधारी सांप लिपटा हुआ मिला. तभी से इस मंदिर का नाम मढ़ीनाथ पड़ गया
उत्तर दिशा में त्रिवटीनाथ मन्दिर
शहर की उत्तरी दिशा में त्रिवटीनाथ मन्दिर बना है, जिसकी स्थापना 1474 में हुई थी. इस जगह पर तीन पेड़ के नीचे चरवाहों को सपना आया कि यहां शिवलिंग है. इसके बाद जैसे ही लोगों ने खुदाई शुरू की तो एक बड़ा शिवलिंग मिला. तीन पेड़ के नीचे शिवलिंग मिलने से इसका नाम त्रिवटीनाथ रखा गया.
दक्षिण दिशा में तपेश्वरनाथ मन्दिर
शहर की दक्षिण दिशा में तपेश्वरनाथ मन्दिर है. यहां कई साधु संतों ने कड़ी तपस्या की थी, जिसके कारण इस मंदिर का नाम तपेश्वरनाथ पड़ा. चारों दिशाओं में शिवजी के मंदिर होने के कारण सीएम योगी ने इसे एयर टर्मिनल का नाम भी नाथ नगरी पर रखा.