बरेली: कहते हैं हुनर किसी उम्र और डिग्री का मोहताज नहीं होता. इस बात को एक बार फिर साबित किया है बरेली के रहने वाले 80 साल के सहीद ने. सहीद पेशे से सुरमा बेचते हैं. प्रतिभाशाली मोहम्मद सहीद ने बिना किसी शिक्षा और डिग्री के 1987 मॉडल की सूरज मोटरसाइकिल को अपने हुनर से चलते फिरते अजूबे में बदल दिया है.
मालिक की आवाज पर खुद ही स्टार्ट होती है मोटरसाइकिल
उन्होंने मोटरसाइकिल को इस तरह बैलेंस किया है कि न सिर्फ उसे हाथ छोड़ कर चला सकते हैं, बल्कि उस पर स्टंट भी कर सकते हैं. मोटरसाइकिल और उनका साथ दशकों पुराना है. 1965 से प्रयोग करते-करते उन्होंने सूरज मोटरसाइकिल को एटीएम मशीन में बदल दिया, जो एक बार चेहरे पहचान कर और वॉइस कमांड यानी आवाज से रुपये मांगने पर रुपये देती है. दोबारा मांगने पर भी बिल्कुल सही-सही रुपये सिक्के के रूप में देती है. मोटरसाइकिल मालिक की आवाज पर खुद ही स्टार्ट हो जाती है.
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दरअसल, सहीद ने यह बदलाव अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए किए थे. वह अलग-अलग शहर के दूरदराज जगह जाकर सुरमा बेचते हैं. उनकी अनोखी मोटरसाइकिल देख कर लोगों की भीड़ लग जाती है. मोटरसाइकिल को आवाज पर गाना गाते देख, पंखे से हवा और मांगने पर मोटरसाइकिल पर लगे छोटे से एटीएम से 5 रुपये के सिक्के निकालते देख सूरमा खरीदने वाले हैरान हो जाते हैं. मोहम्मद सहीद खुल कर इस पर बात नहीं करते हैं.