बरेली: कभी मौत का दूसरा नाम माना जाने वाले कैंसर का खौफ काफी हद तक कम हो गया है. सही जांच और समय पर इलाज से इस बीमारी पर जीत संभव है. डॉक्टर मानते हैं कि कैंसर का इलाज ही समाधान नहीं है, इसके बाद भी मरीज को नियमित रूप से डॉक्टर के संपर्क में रहना चाहिए और जांच कराना जरूरी है. ऐसा नहीं हुआ तो कैंसर फिर से पलटवार कर सकता है.
इसे भी पढ़ें:-कैंसर-डे स्पेशल: कैंसर सर्वाइवल बांट रहे मरीजों का दर्द और बढ़ा रहे हौसला
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस बार विश्व कैंसर दिवस की थीम भी जागरूकता पर आधारित रखी है. इस बार की थीम, 'आई विल, आई विल टीच' ( मैं कर सकता हूं , मैं जागरूकता फैला सकता हूं ) रखी गई है. इसका उद्देश्य है, कैंसर पीड़ित खुद अपना इलाज कराएं और स्वस्थ्य रहें. दूसरे मरीजों को भी समय पर इलाज के लिए प्रोत्साहित करें.
दरअसल, कैंसर खुद में कोई बीमारी नहीं बल्कि कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि है. जो शरीर के किसी भी अंग में, कभी भी और किसी भी उम्र में हो सकती है. यह वद्धि एक अंग से होती हुई शरीर के दूसरे भाग को भी प्रभावित कर सकती है. शरीर का न भरने वाला घाव, किसी अंग विशेष में लगातार दर्द, तेजी से बढ़ रही गांठ कैंसर की वजह हो सकती है, लेकिन हर गांठ कैंसर नहीं होती. अस्वास्थ्यकर खानपान, जीवनशैली और प्रदूषण कैंसर के लिए जिम्मेदार होते हैं.
डॉक्टर के संपर्क में रहना बेहद जरूरी
डॉ. प्रमेंद्र माहेश्वरी बताते हैं कि कैंसर के इलाज के बाद भी मरीजों को नियमित जांच कराना जरूरी है. कैंसर के इलाज के बाद करीब 70 प्रतिशत मरीज 5 साल तक जीवन जीते हैं लेकिन 10 साल तक जिंदा रहने वालों का प्रतिशत काफी कम है. इसके लिए जरूरी है कि मरीज इलाज के बाद भी जांच कराएं, डॉक्टर के संपर्क में रहें. जिससे कैंसर के दोबारा होने वाले खतरे को रोका जा सके.
उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में कैंसर को एक श्राप के रूप में देखा जाता था. पहले के टाइम में तो कैंसर मरीजों के पास किसी भी व्यक्ति को आने नहीं दिया जाता था, लेकिन धीरे-धीरे कैंसर से जुड़ी हुई गलत सूचनाएं कम होती गईं और कैंसर के इलाज में नई नई तरह की थेरेपी आती रही. अगर कैंसर का इलाज सही रूप से किया जाए और नियमित समय पर डॉक्टरों से जांच कराई जाए, तो कैंसर की बीमारी से छुटकारा मिल सकता है. बहुत सारी ऐसी सेलेब्रिटीज हैं जिनको कैंसर हुआ है, लेकिन सही गाइडलाइन और सही देखरेख में उनका कैंसर सही हो गया है.