बरेली : जनपद के भोजीपुरा कस्बा स्थित श्रीराममूर्ति मेडिकल ऑफ इंस्टीट्यूट (एसआरएमएस) रिद्धिमा के सभागार में रविवार को नई दिल्ली के नाट्य वेद थिएटर के कलाकारों ने विजय तेंदुलकर के नाटक 'बेबी' का सफल मंचन किया गया. नाटक के माध्यम से नारी के सम्मान और नारी शक्ति का संदेश दिया गया.
कहानी की शुरुआत मुख्य किरदार बेबी से होती है जो एक ऐसी महिला है जिसे इस पुरुष प्रधान समाज में कदम-कदम पर शोषण का शिकार होना पड़ा. बेबी एक ऐसी किरदार है जो कथानक के अन्य किरदारों की तरह खुशहाल जिंदगी जीना चाहती है. वास्तव में बेबी दुखी है क्योंकि वह कठिनाइयों का सामना कर रही है. उसकी झुग्गी का मालिक शिवप्पा एक क्रूर आदमी है जो बेबी का शोषण करता है.
शिवप्पा बेबी का शोषण करता है जिसका पता बेबी के भाई राघव को चल जाता है. इसके बाद शिवप्पा राघव को पागलखाने में भिजवा देता है. छह साल बाद राघव पागलखाने से छूटकर अपनी बहन बेबी के पास आता है. वह उसी के साथ रहने की जिद करता है.
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बेबी कहती है कि अगर शिवप्पा को पता चल गया कि तुम यहां पर हो तो परेशानी हो जाएगी. जिद करने पर बेबी राघव को अपने साथ रख लेती है. शिवप्पा बेबी का शारीरिक व मानसिक शोषण करता है. इस बीच वह करवे नाम के एक व्यक्ति के संपर्क में आती है जो उसे बॉलीवुड में स्टार बनाने का लालच देता है. बेबी उसको अपना मददगार समझती है लेकिन करवे भी उसका शोषण करता है.
अंत में शिवप्पा बेबी के साथ मारपीट कर रहा होता है, यह देखकर राघव उसका गला घोंटकर मार डालता है. बेबी अपने भाई राघव के साथ सभी कठिनाइयों के बाद भी दुनिया का सामना करती है. कलाकारों के बेहतरीन अभिनय ने सभागार में मौजूद दर्शकों को भावुक कर दिया.
नाटक का सफल निर्देशन कृष्णा राज द्वारा किया गया. नाटक में बेबी का किरदार तनु सनेजा, शिवप्पा का किरदार पवन लकवाल, राघव का किरदार नाटक के निर्देशक कृष्णा राज और करवे का किरदार हितेश त्यागी ने बहुत खूबी के साथ निभाया. सभागार में एसआरएमएस ट्रस्ट के चेयरमैन देव मूर्ति, आशा मूर्ति, आदित्य मूर्ति, ऋचा मूर्ति, गुरु मेहरोत्रा, रिद्धिमा सेंटर हेड आशीष कुमार और अन्य लोग मौजूद रहे.