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देश के मुसलमानों के खिलाफ है नागरिकता संशोधन बिल: तौकीर रजा खां - Citizenship amendment bill

यूपी के बरेली में तौकीर रजा खां ने सिटिजन अमेंडमेंट बिल की खिलाफत की है. उन्होंने कहा है कि यह बिल मुसलमानों के हित में नहीं है. हम इसका पुरजोर विरोध करते हैं.

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तौकीर रजा खां, अध्यक्ष, आईएमसी
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Published : Dec 12, 2019, 11:19 PM IST

बरेली: नागरिकता संशोधन बिल (सीएबी) पर देश में बवाल मचा हुआ है. बिल में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए अल्पसंख्यकों हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों को भारत में अवैध नागरिक नहीं मानने का प्रावधान है. यह बिल राज्यसभा में पास होते ही बरेली में आईएमसी पार्टी के अध्यक्ष और मुखिया तौकीर रजा खां ने इस बिल का जबरदस्त विरोध किया.

तौकीर रजा खां बोले, CAB देश की जनता के साथ धोखा है

उन्होंने ईटीवी भारत से कहा कि यह बिल मुसलमानों के हित में नहीं है. हम इसका पुरजोर विरोध करते हैं. यह बीजेपी और आरएसएस की मिलीभगत है, जो देश के अंदर मुसलमानों के खिलाफ खड़ी है.

आईएमसी पार्टी के मुखिया तौकीर रजा ने सीएबी का पुरजोर विरोध किया है. उन्होंने कहा हम तीन तलाक के मुद्दे पर चुप रहे. कश्मीर के मुद्दे पर चुप रहे और अयोध्या के मसले पर भी. लेकिन नागरिकता संशोधन बिल पर अब चुप नहीं रहने वाले हैं. सरकार आरएसएस के एजेंडे पर चल रही है. आरएसएस यही चाहती है कि देश के अंदर मुसलमानों का वजूद खत्म हो जाए. हम बिल्कुल ऐसा नहीं होने देंगे.

तौकीर रजा ने कहा कि सरकार एक बार फिर से भारत के टुकड़े करने की कोशिश कर रही है. शुक्रवार को जुम्मे की नमाज के बाद नौमिला मस्जिद से सभी मुसलमान एकत्रित होकर इस बिल का विरोध करेंगे. इसका विरोध तब तक करते रहेंगे, जब तक सरकार इस बिल को वापस नहीं ले लेती.

पढ़ें: बरेली के विनोद यादव को मिला सिंगापुर में अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी फिल्म अवार्ड

बरेली: नागरिकता संशोधन बिल (सीएबी) पर देश में बवाल मचा हुआ है. बिल में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए अल्पसंख्यकों हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों को भारत में अवैध नागरिक नहीं मानने का प्रावधान है. यह बिल राज्यसभा में पास होते ही बरेली में आईएमसी पार्टी के अध्यक्ष और मुखिया तौकीर रजा खां ने इस बिल का जबरदस्त विरोध किया.

तौकीर रजा खां बोले, CAB देश की जनता के साथ धोखा है

उन्होंने ईटीवी भारत से कहा कि यह बिल मुसलमानों के हित में नहीं है. हम इसका पुरजोर विरोध करते हैं. यह बीजेपी और आरएसएस की मिलीभगत है, जो देश के अंदर मुसलमानों के खिलाफ खड़ी है.

आईएमसी पार्टी के मुखिया तौकीर रजा ने सीएबी का पुरजोर विरोध किया है. उन्होंने कहा हम तीन तलाक के मुद्दे पर चुप रहे. कश्मीर के मुद्दे पर चुप रहे और अयोध्या के मसले पर भी. लेकिन नागरिकता संशोधन बिल पर अब चुप नहीं रहने वाले हैं. सरकार आरएसएस के एजेंडे पर चल रही है. आरएसएस यही चाहती है कि देश के अंदर मुसलमानों का वजूद खत्म हो जाए. हम बिल्कुल ऐसा नहीं होने देंगे.

तौकीर रजा ने कहा कि सरकार एक बार फिर से भारत के टुकड़े करने की कोशिश कर रही है. शुक्रवार को जुम्मे की नमाज के बाद नौमिला मस्जिद से सभी मुसलमान एकत्रित होकर इस बिल का विरोध करेंगे. इसका विरोध तब तक करते रहेंगे, जब तक सरकार इस बिल को वापस नहीं ले लेती.

पढ़ें: बरेली के विनोद यादव को मिला सिंगापुर में अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी फिल्म अवार्ड

Intro:एंकर:-नागरिकता संशोधन बिल  पर बहुत हंगामा मचा हुआ है क्योंकि इसमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए अल्पसंख्यकों जैसे हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों को भारत में अवैध नागरिक नहीं मानने का प्रावधान है। यह बिल राज्यसभा में पास होते ही बरेली में आईएमसी पार्टी के अध्यक्ष और मुखिया तौकीर रजा खां ने इस बिल का जबरदस्त विरोध किया उन्होंने कहा कि यह बिल मुसलमानों के हित में नहीं है हम इसका पुरजोर विरोध करते हैं यह बीजेपी और आरएसएस की मिलीभगत है जो देश के अंदर मुसलमानों के खिलाफ खड़ी है।


Body:Vo1:- भारतवर्ष और पूरी दुनिया में प्रसिद्ध आला हजरत दरगाह  के खानदान के चिराग और आईएमसी पार्टी के मुखिया तौकीर रजा ने इसका पुरजोर विरोध करा उन्होंने कहा हम तीन तलाक के मुद्दे पर चुप रहे कश्मीर के मुद्दे पर चुप रहा है यहां तक कि अयोध्या के मुद्दे पर भी चुप रहे लेकिन नागरिकता संशोधन बिल पर अब चुप नहीं रहने वाले हैं सरकार आरएसएस के एजेंडे पर चल रही है आरएसएस यही चाहती है कि देश के अंदर मुसलमानों का वजूद खत्म हो जाए हम बिल्कुल ऐसा नहीं होने देंगे।


बाइट:- तौकीर रजा खान


Vo2:- तौकीर रजा का कहना था सरकार एक बार फिर से भारत के टुकड़े करने पर की कोशिश कर रही है लेकिन हम ऐसा बिल्कुल भी नहीं होने देंगे उनका कहना था कल जुम्मे की नमाज के बाद नौमिला मस्जिद से सभी मुसलमान एकत्रित होकर इस बिल का विरोध करेंगे और जब तक  इस का विरोध करते रहेंगे जब तक सरकार इस बिल को वापस नहीं ले लेती।





Conclusion:Fvo:-संसद में 9 दिसंबर को ये विधेयक पेश किया गया और विधेयक के मुताबिक इन लोगों को भारत की नागरिकता के लिए पहले के 11 साल के प्रावधान की जगह अब छह साल ही भारत में रहना जरूरी होगा. विधेयक को गृहमंत्री अमित शाह ने पेश किया तो विपक्ष के नेताओं ने इसे मुसलमानों के हितों के खिलाफ बताया तो जवाब में शाह बोले कि इस विधेयक में मुस्लिम शब्द ही नहीं लिखा गया है. शाह का जवाब विधेयक के शब्दार्थ के मुताबिक सही है लेकिन इसके भावार्थ व्यापक हैं. 


रंजीत शर्मा

9536666643

ईटीवी भारत, बरेली।

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