बरेली: 40 दिनों की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने दशकों पुराने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला जल्द ही आ सकता है. वहीं अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिए अनशन पर बैठने वाले जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने कहा कि राम और बाबर की कोई तुलना नहीं है. राम मानवता के प्रतीक थे. वह सभी धर्मों से ऊपर हैं. बाबर विदेशी आक्रमणकारी था.
शनिवार को बरेली पहुंचे स्वामी परमहंस आचार्य ने कहा कि राम मंदिर राष्ट्रवाद का मामला है. यह हिन्दू-मुसलमान का मामला नहीं है. राम किसी एक धर्म के न होकर हर धर्म से ऊपर हैं. इसलिए राममंदिर को हिंदू- मुसलमान का मुद्दा बिल्कुल न माना जाए. बाबर एक विदेशी आक्रांता था.उसने हिन्दुस्तान को लूटा, यहां रक्तपात किया. उन्होंने कहा कि बाबर के नाम से कोई निर्माण नहीं होना चाहिए. बाबर हिन्दुस्तान के लिए भी कलंक है और इस्लाम के लिए भी कलंक है.
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स्वामी परमहंस आचार्य ने कहा कि इस मुद्दे पर देश के सभी राष्ट्रवादी मुस्लिम संगठन एक साथ हैं. सबका मानना है कि अयोध्या में राममंदिर बनना चाहिए. जिस तरह जम्मू-कश्मीर में चंद लोग माहौल खराब करना चाह रहे थे. वैसे ही इस मामले में भी कुछ शरारती तत्व भोले भाले लोगों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं.