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बाबर का नाम हिन्दुस्तान और इस्लाम के लिए कलंक: स्वामी परमहंस दास

उत्तर प्रदेश के बरेली में शनिवार को जगद्गुरु परमहंस पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि भगवान राम और बाबर की कोई तुलना नहीं है. राम मानवता के प्रतीक थे, वह सभी धर्मों से ऊपर हैं.

स्वामी जगद्गुरु परमहंस.
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Published : Nov 3, 2019, 5:28 PM IST

Updated : Nov 4, 2019, 7:28 AM IST

बरेली: 40 दिनों की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने दशकों पुराने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला जल्द ही आ सकता है. वहीं अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिए अनशन पर बैठने वाले जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने कहा कि राम और बाबर की कोई तुलना नहीं है. राम मानवता के प्रतीक थे. वह सभी धर्मों से ऊपर हैं. बाबर विदेशी आक्रमणकारी था.

ईटीवी भारत से बात करते जगद्गुरु परमहंस.

शनिवार को बरेली पहुंचे स्वामी परमहंस आचार्य ने कहा कि राम मंदिर राष्ट्रवाद का मामला है. यह हिन्दू-मुसलमान का मामला नहीं है. राम किसी एक धर्म के न होकर हर धर्म से ऊपर हैं. इसलिए राममंदिर को हिंदू- मुसलमान का मुद्दा बिल्कुल न माना जाए. बाबर एक विदेशी आक्रांता था.उसने हिन्दुस्तान को लूटा, यहां रक्तपात किया. उन्होंने कहा कि बाबर के नाम से कोई निर्माण नहीं होना चाहिए. बाबर हिन्दुस्तान के लिए भी कलंक है और इस्लाम के लिए भी कलंक है.

ये भी पढ़ें- आजमगढ़: छठ पर्व पर मुंबई से आती हैं सुनीता, 'लेट' कर पहुंचती हैं अर्घ्य देने

स्वामी परमहंस आचार्य ने कहा कि इस मुद्दे पर देश के सभी राष्ट्रवादी मुस्लिम संगठन एक साथ हैं. सबका मानना है कि अयोध्या में राममंदिर बनना चाहिए. जिस तरह जम्मू-कश्मीर में चंद लोग माहौल खराब करना चाह रहे थे. वैसे ही इस मामले में भी कुछ शरारती तत्व भोले भाले लोगों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं.

बरेली: 40 दिनों की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने दशकों पुराने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला जल्द ही आ सकता है. वहीं अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिए अनशन पर बैठने वाले जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने कहा कि राम और बाबर की कोई तुलना नहीं है. राम मानवता के प्रतीक थे. वह सभी धर्मों से ऊपर हैं. बाबर विदेशी आक्रमणकारी था.

ईटीवी भारत से बात करते जगद्गुरु परमहंस.

शनिवार को बरेली पहुंचे स्वामी परमहंस आचार्य ने कहा कि राम मंदिर राष्ट्रवाद का मामला है. यह हिन्दू-मुसलमान का मामला नहीं है. राम किसी एक धर्म के न होकर हर धर्म से ऊपर हैं. इसलिए राममंदिर को हिंदू- मुसलमान का मुद्दा बिल्कुल न माना जाए. बाबर एक विदेशी आक्रांता था.उसने हिन्दुस्तान को लूटा, यहां रक्तपात किया. उन्होंने कहा कि बाबर के नाम से कोई निर्माण नहीं होना चाहिए. बाबर हिन्दुस्तान के लिए भी कलंक है और इस्लाम के लिए भी कलंक है.

ये भी पढ़ें- आजमगढ़: छठ पर्व पर मुंबई से आती हैं सुनीता, 'लेट' कर पहुंचती हैं अर्घ्य देने

स्वामी परमहंस आचार्य ने कहा कि इस मुद्दे पर देश के सभी राष्ट्रवादी मुस्लिम संगठन एक साथ हैं. सबका मानना है कि अयोध्या में राममंदिर बनना चाहिए. जिस तरह जम्मू-कश्मीर में चंद लोग माहौल खराब करना चाह रहे थे. वैसे ही इस मामले में भी कुछ शरारती तत्व भोले भाले लोगों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं.

Intro:एंकर:- 40 दिनों की मैराथन सुनवाई के बाद बुधवार को सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने दशकों पुराने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला 17 नवंबर के पहले किसी भी दिन आ सकता है बही अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिए अनशन पर बैठने वाले जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने बरेली में कहा कि राम और बाबर की कोई तुलना नहीं है । राम मानवता के प्रतीक थे । वह सभी धर्मों से ऊपर हैं । बाबर विदेशी आक्रमणकारी था । वह हिन्दुस्तान से नफरत करता था ।


Body:Vo1:- राममंदिर के पक्ष में माहौल बनाने शनिवार को बरेली पहुंचे स्वामी परमहंस आचार्य ने कहा कि राममंदिर राष्ट्रवाद का मामला है । यह हिन्दू - मुसलमान का मामला नहीं है । राम किसी एक धर्म के न होकर हर धर्म से ऊपर हैं । इसलिए राममंदिर को हिंदू - मुसलमान का मुद्दा बिल्कुल न माना जाए । बाबर एक विदेशी आक्रांता था । उसने हिन्दुस्तान को लूटा , यहां रक्तपात किया । हिन्दुस्तान से नफरत के चलते मौत के बाद बाबर का शव काबुल में दफनाया गया । ऐसे इंसान की कोई भी निशानी हिन्दुस्तान में नहीं रहनी चाहिए ।


बाइट:-स्वामी परमहंस आचार्य


VO2:-उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर देश के सभी राष्ट्रवादी मुस्लिम संगठन एक साथ हैं । सबका मानना है कि अयोध्या में राममंदिर बनना चाहिए । उन्होंने कहा कि जिस तरह जम्मू कश्मीर में चंदलोग माहौल खराब करना चाह रहे थे । वैसे ही इस मामले में भी कुछ शरारती तत्व भोले भाले लोगों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं । 




Conclusion:Fvo:-उन्होंने लोगों से अपील की कि वो राममंदिर के मामले में अदालत का फैसला मानें । दोनों पक्ष अदालत के फैसले को स्वीकार करें । इस मामले में किसी बहकावे या भड़कावे में न आएं ।

रंजीत शर्मा।

9536666643

ईटीवी भारत, बरेली।

Last Updated : Nov 4, 2019, 7:28 AM IST
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