बरेलीः बरेली में डीआईजी की पहल पर मिशन शक्ति अभियान के तहत पुलिस लाइन में सेनेटरी पैड बनाने की यूनिट लगाई गई है. खुद महिला पुलिसकर्मी पैड को तैयार कर रही हैं. ये पैड उन महिलाओं और छात्राओं को भी वितिरित किये जायेंगे जो आर्थिक तंगी के चलते पैड नहीं खरीद पाती हैं.
मंगलवार को बरेली की रिजर्व पुलिस लाइन परिसर में नवनिर्मित स्वच्छता पैड उत्पाद केन्द्र का उद्घाटन बरेली के एडीजी की पत्नी स्मिता वर्मा और डीआईजी की पत्नी मीनू पाण्डेय के द्वारा किया गया. इस नवनिर्मित स्वच्छता पैड उत्पाद केन्द्र से बरेली क्षेत्र के चारों जनपदों ( बरेली, बदायूं, शाहजहांपुर एवं पीलीभीत ) में तैनात महिला पुलिसकर्मी एवं सभी पुलिसकर्मियों की वयस्क बच्चियां को पैड दिए जाएंगे.
बता दें कि सभी जनपदों में अलग रैंक की कुल 1630 महिला कर्मी हैं और पुलिस लाइन के आवासों में रह रहे पुलिस कर्मियों के परिवार की लगभग 3400 महिलायें और वयस्क बच्चियां हैं. इसके अतिरिक्त परिक्षेत्र के अलग - अलग थानों में बने आवासों में लगभग 1100 महिलायें, वयस्क बच्चियां रहती हैं. परिक्षेत्र के जनपदों में स्थित पुलिस मॉर्डन स्कूल में बाहर की लगभग 250 महिलायें और वयस्क बच्चियां हैं. इस प्रकार पुलिस परिवार से सम्बन्धित महिलाओं, वयस्क बच्चियों की संख्या लगभग 6500 है.
डीआईजी बरेली ने बताया कि जिनकी सुरक्षा, स्वच्छता एवं स्वास्थ्य के दृष्टिगत से यह आवश्यक हो गया था कि केन्द्रीकृत रूप में पुलिस लाइन का अपना सेनेटरी पैड उत्पादन केन्द्र होना चाहिए, क्योंकि बाजार में उपलब्ध सेनेटरी पैड/नैपकिन बहुत महंगे होते हैं. आरक्षी तथा उससे निम्न श्रेणी के पुलिस कर्मियों के द्वारा अपने परिवार/बच्चियों के लिए सेनेटरी पैड दिलाये जाने में परेशानी महसूस होती थी. डीआईजी राजेश कुमार पांडेय ने बताया कि इसके अलावा किसी अपराध में अगर किसी महिला को पकड़ा जाता है तो उसे भी पीरियड्स के दौरान पैड उपलब्ध करवाये जायेंगे.
महिला पुलिसकर्मियों और पुलिसकर्मियों के महिला परिजनों के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा की दिशा में उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा स्वयं सेनेटरी पैड का उत्पादन कराये जाने का यह पहला मामला है. इससे पूर्व भी कोरोना में पुलिस लाइन से सभी पुलिसकर्मियों के लिए डीआईजी द्वारा मास्क एवं सुरक्षा शील्ड भी तैयार करके पुलिसकर्मियों को बांटी गई थी.