बरेली: महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए विश्वविद्यालय अपने अंतर्गत आने वाले सभी महाविद्यालयों के पुराने छात्रों से संपर्क करेगा. इसके लिए देश में ही नहीं, देश के बाहर भी जो छात्र यहां से शिक्षा प्राप्त करके गए हैं, उनकी खोज के लिए फुलप्रूफ प्लान बनाया गया है. छात्रों की खोज के लिए एलुमिनाई एसोसिएशन का गठन किया जाएगा.
एलुमिनाई सेल का होगा गठन
उच्च शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय बरेली अब यूजीसी की नई शिक्षा नीति के तहत एलुमिनाई सेल का गठन करने जा रहा है. विश्वविद्यालय में पढ़कर देश-दुनिया में फैले छात्रों को खोजने के लिए यह प्लान बनाया गया है.
पुराने छात्र करेंगे मदद
रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर केपी सिंह ने ईटीवी भारत से इस मामले में बातचीत की. उन्होंने बताया कि इस दिशा में रूपरेखा तैयार की जा चुकी है. इसके तहत एलुमिनाई सेल का गठन किया जा रहा है. इस दिशा में वो तेजी से बढ़ रहे हैं. बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि जो देश के अलग-अलग भागों में रह रहे हैं और विदेशों में भी यहां से भी शिक्षा प्राप्त करके गए हैं. ऐसे पुराने छात्रों का ब्योरा तैयार किया जा रहा है.
छात्रों के भविष्य संवारने में मिल सकता है सहयोग
यूनिवर्सिटी के कुलपति ने बताया कि सभी पुराने छात्रों से विश्वविद्यालय के नए प्रयासों को शेयर किया ही जाएगा. साथ ही उनसे विश्वविद्यालय एवं विश्वविद्यालय से जुड़े सभी महाविद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों के भविष्य की संभावनाओं के बारे में भी सफलता के लिए एलुमिनाई का सहयोग मांगा जाएगा.
15 फरवरी तक होना है गठन
अभी एसोसिएशन का गठन होना बाकी है. इस बारे में 15 फरवरी तक पूर्व छात्र परिषद का गठन कर आवश्यक कार्यवाही करते हुए यूजीसी को रिपोर्ट भी भेजी जानी है. नई शिक्षा नीति के तहत कैसे शिक्षा के स्तर में सुधार हो और इसमें यूनिवर्सिटी के छात्रों में परिवर्तन लाया जा सके. इसी के तहत इस दिशा में कोशिशें की जा रही हैं.
9 जिलों में फैला है रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय
प्रोफेसर केपी सिंह ने बताया कि प्रदेश के 9 जिलों में महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय फैला हुआ है. इसमें प्रत्येक वर्ष करीब पौने दो लाख नए प्रवेश होते हैं. वो मानते हैं कि देश-दुनिया में इस विश्वविद्यालय के पुरातन छात्र-छात्राएं अलग-अलग क्षेत्रों में बुलंदियों को छू रहे हैं. एसोसिएशन का गठन करके विश्वविद्यालय के विकास और स्टूडेंट्स के भविष्य को बेहतर करने और संवारने में पुरातन छात्र-छात्राएं महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. इसमें उनका सहयोग लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि पुरातन छात्रों के सहयोग से न सिर्फ अध्ययनरत छात्रों को मार्गदर्शन मिलेगा, बल्कि उम्मीद है कि इससे प्लेसमेंट्स से लेकर विश्वविद्यालय को ग्लोबल विश्वविद्यालय बनाने की दिशा में ये कदम मील का पत्थर साबित हो सकता है.
कार्य परिषद की बैठक में पास हुआ प्रस्ताव
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत यूजीसी ने हाल ही में विश्वविद्यालयों को इस संबंध में एलुमिनाई का गठन करने के बारे में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए थे. इसके बाद रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय में कार्य परिषद की एक बैठक कर एलुमिनाई एसोसिएशन बनाने का प्रस्ताव यहां पास किया गया था.
सभी तैयारियां पूरी
यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर केपी सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय ने सभी तैयारियां लगभग पूरी कर ली हैं. जल्द ही देश और विदेश में यहां से पढ़ाई करके गए इस विद्यालय के छात्रों को खोजा जाएगा और उन्हें एक साथ जोड़ा जाएगा. इसके पीछे की मंशा को जाहिर करते हुए उन्होंने बताया कि स्टूडेंट्स की शिक्षा को बेहतर बनाने में एलुमिनाई अहम भूमिका निभा सकते हैं. वो मानते हैं कि पुरातन छात्र-छात्राएं अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के मार्गदर्शन, सहयोग के साथ-साथ अन्य तरीकों से मदद कर सकते हैं. वाइस चांसलर ये भी मानते हैं कि शिक्षा के स्तर को बढ़ाने और बेहतर करने में एलुमिनी योगदान दे सकते हैं. उनका सहयोग विश्वविद्यालय के लिए मांगा जाएगा.