बरेली: बरेली के शीशगढ़ थाना क्षेत्र के रहने वाले दिव्यांग रईस ने केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक 'प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना' के तहत मिली आर्थिक सहायता के बाद अपने सपनों का घर बनाया था, लेकिन कोरोनाकाल में जब लॉकडाउन लगा तो दिव्यांग रईस के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया.
परिवार के पालन पोषण के लिए वह परिवार समेत बरेली आ गया, इसी दौरान पीछे से उसके साले और सास-ससुर ने घर पर कब्जा कर लिया. अब रईस मदद के लिए हर जगह हाथ फैला रहा है लेकिन उसे कोई मदद नहीं मिल रही है.
घर के साथ सामान पर भी किया कब्जा
रईस दोनों पैरों से दिव्यांग है अपनी पत्नी और बच्चों के साथ छोटा-मोटा काम कर गुजारा करता है. दम्पति का आरोप है कि जब वो शहर में आ गए तो पीछे से उसकी पत्नी रीना खान के माता-पिता और भाई ने घर में रहना शुरू कर दिया. इतना ही नहीं इन लोगों ने सामान पर भी कब्जा कर लिया.
पीड़ित कर चुका पुलिस से थाने में शिकायत
पीड़ित दिव्यांग और उसकी पत्नी ने बताया की उन्होंने इस मामले की शिकायत थाना शीशगढ़ पुलिस से भी की, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. पुलिस ने साले को पूछताछ के लिए थाने में बुलाया और छोड़ दिया. पीड़ित ने पुलिस पर मिलीभगत का आरोप लगाया है.
एसडीएम ने जांच का दिया आश्वासन
इस बारे में ईटीवी भारत ने एसडीएम मीरगंज ममता मालवीय से बात की. उन्होंने कहा कि ऐसा कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं आया है, इस बारे में लेखपाल से बात करेंगी और इस मामले में पड़ताल कराकर उचित कार्रवाई कराएंगी.
पुलिस ने कहा, मामले की जानकारी नहीं
थाना प्रभारी शीशगढ़ ज्ञान सिंह यादव ने बताया कि उन्होंने हाल ही में काम संभाला है, इस प्रकरण में कोई जानकारी नहीं है. मामले की जांच करवाएंगे.