बरेली: सेंट्रल जेल परिसर में स्थित काष्ठ कला केंद्र में लोग लकड़ी का फर्नीचर बनाते हैं. यह लोग मुजरिम हैं, जो अपने किसी न किसी गुनाह की सजा काट रहे हैं. जेल में ऐसे पचास कैदी हैं. मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सहयोग से सेंट्रल जेल में कैदियों को स्वावलंबी बनाने और उनके अंदर अपराध की भावना खत्म करने के उद्देश्य से रोजगार का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
इसलिए जेल परिसर में ही कैदी फर्नीचर, कंबल और दरी बनाने जैसे काम करते हैं. इसके बदले उन्हें पारिश्रमिक भी मिलता है. वहीं सेंट्रल जेल में फर्नीचर बनाना सीख रहे कैदियों में जबरदस्त उत्साह है. सभी कैदी मन लगाकर फर्नीचर का काम सीख रहे हैं. कैदियों का कहना है कि इससे हमारे परिवार का गुजर बसर हो जाता है. क्योंकि जो फर्नीचर हम बनाते हैं, उसका पैसा हमें मिल जाता है और हम अपने घर भी भेज देते हैं.
जेल और विभिन्न न्यायालयों में प्रयोग आने वाले फर्नीचर भी इन्हीं कैदियों द्वारा बनाया हुआ है. कैदियों द्वारा बनाया गया फर्नीचर इस बार कुंभ में 5 लाख से ज्यादा का बिका. वहीं इस बार कैदियों को पूरे डेढ़ करोड़ के फर्नीचर सप्लाई का आर्डर मिला है, जो जनपद न्यायालय मुजफ्फरनगर, एटा, बुलंदशहर इत्यादि में इस्तेमाल होगा.