बरेली : जनपद में स्मार्ट सिटी के तहत चल रहे विकास कार्यों की वजह से दिन भर चौक-चौराहों पर जाम का झाम लगा रहता है. साथ ही सड़कों की धूल-मिट्टी भी जनजीवन को प्रभावित कर रही हैं. इससे लोगों के स्वास्थ्य पर विपरित प्रभाव पड़ रहा है. चौक-चौराहों पर असमय और बिना सूचना के चलने वाले कार्यों और रूट डायवर्जन से नगरवासी बेहाल हैं.
स्मार्ट सिटी बनाने की कवायद के बीच शहर में हर तरफ धूल के गुबार दिखाई दे रहे हैं. जिले में इन दिनों कहीं फ्लाईओवर निर्माण, तो कहीं सीवर लाइन का कार्य चल रहा है. दरअसल, कोरोना काल में लगे लॉकडाउन के चलते निर्माण कार्य प्रभावित हुए थे. अब इन कार्यों को रफ्तार दी जा रही है, लेकिन निर्माण कार्यों के चलते जनता बेहाल है.
लोगों ने बताई समस्या
ETV भारत की टीम ने जनपदवासियों से बातचीत की. उन्होंने बताया कि जिले में एक साथ संचालित विकास कार्यों की वजह से हर किसी को परेशानी हो रही है. लोगों ने बताया कि बरेली का चौपला चौराहा, सेटेलाइट चौराहा और सेठ दामोदर पार्क चौराहा इन सभी स्थानों पर खुदाई जारी है. कार्यदायी संस्था की मानें तो 2020 के आखिर तक यहां सेटेलाइट और एक अन्य फ्लाईओवर का कार्य समाप्त हो जाना चाहिए था, लेकिन प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे पा रहा था. अब इन्हें पूरा किया जा रहा है.
कई रास्तों पर आवाजाही ठप, तो कहीं लगा जाम
स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि कोरोना काल के बाद अब निर्माण कार्यों की वजह से उनका रोजगार प्रभावित हो रहा है. छात्र बताते हैं कि जब वह घर से निकलते हैं तो जिस रास्ते से विद्यालय या कोचिंग जाते हैं, वापस आते समय उन्हें पता चलता है कि अब वह रस्ता बंद कर दिया गया है. इससे उन्हें किसी दूसरे रास्ते से घूमकर घर जाना पड़ता है. कभी-कभी उन स्थानों पर भारी जाम की समस्या बनी रहती है.
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टेम्पो-रिक्शा वाले कर रहे कमाई
विकास भवन में कार्यरत पूनम ने बताया कि शहर में निर्माण कार्यों के संचालन की वजह से उन्हें सीधे रास्ते पर जाने के लिए भी कई ऑटो बदलने होते हैं. इससे उनका अतिरिक्त खर्चा भी हो रहा है. लोगों ने बताया कि काफी रास्तों को अवरुद्ध किया गया है, जिससे उन्हें अपने गन्तव्य तक पहुंचने में भागदौड़ करनी पड़ती है. वहीं, उड़ती धूल की वजह से राहगीरों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से भी गुजरना पड़ता है.
कई रास्ते अस्थायी तौर पर बंद
निर्माण कार्य में सहूलियत के मुताबिक चौपला चौराहे पर भी कई रास्ते अस्थायी तौर पर बंद किए गए हैं. एक ओर लोग अपनी परेशानी बयां कर रहे हैं, तो दूसरी ओर निर्माण कार्यों में कार्यदायी संस्थाओं की धीमी गति पर भी प्रश्नचिह्न लगा रहे हैं. लोगों का कहना है कि अगर यहां पानी का भी प्रॉपर छिड़काव होता रहे, तो उड़ती धूल से कुछ हद तक राहत मिल सकेगी.
वर्तमान में काफी दिक्कतें लोगों को झेलनी पड़ रही हैं, लेकिन जो कुछ निर्माण कार्य चल रहे हैं जब पूरे हो जाएंगे, तो यह तमाम दिक्कतें भी समाप्त हो जाएंगी. स्मार्ट सिटी में लोगों को बेहतर रास्तों के साथ-साथ स्वच्छ वातावरण में रहने को मिलेगा. जल्द ही कुछ प्रोजेक्ट्स पूर्ण होंगे. बरेली में अब हर कोई यही चाहता है कि चल रहे निर्माण कार्य समय से पूर्ण हों, तो राहत मिले.
-उमेश गौतम, मेयर