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बरेली: पुलिस भर्ती परीक्षा में पकड़ा गया फर्जी अभ्यर्थी

बरेली में चल रहे आठवीं वाहनी पीएसी पुलिस भर्ती परीक्षा के दौरान पुलिस ने फर्जी अभ्यर्थी को गिरफ्तार किया है. आरोपी ने किसी अभ्यर्थी के स्थान पर दौड़ लगाने के लिए रुपये लिए थे.

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मीडिया से बातचीत करती सीओ
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Published : Jan 9, 2020, 10:05 PM IST

बरेली: आठवीं वाहनी पीएसी में चल रही पुलिस भर्ती परीक्षा के दौरान पुलिस ने फर्जी अभ्यर्थी को गिरफ्तार किया है. पकड़ा गया आरोपी दूसरे अभ्यर्थी के स्थान पर दौड़ने की तैयारी में था. आरोपी के खिलाफ कैंट थाने में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है. आरोपी ने परीक्षा पास कराने के लिए डेढ़ लाख रुपये लेने की बात कबूली है.

मीडिया से बातचीत करतीं सीओ.

आठवीं वाहनी पीएसी भर्ती की चल रही दौड़
आठवीं वाहनी पीएसी में पुलिस भर्ती थी, जिसमें विभिन्न जिलों से कई अभ्यर्थी दौड़ के लिए पहुंचे थे. इस बीच एसटीएफ निरीक्षक अजयपाल सिंह को आगरा की एसटीएफ के एसआई मानवेंद्र सिंह ने सूचना दी कि भर्ती में अलीगढ़ निवासी जितेन्द्र के नाम पर कोई दूसरा व्यक्ति दौड़ने के लिए आया है. इसके बाद सीओ द्वितीय सीमा यादव ने अभ्यर्थी की तलाश की.

आरोपी ने कबूला जुल्म
इस बीच दौड़ के लिए तैयार बैठे जितेंद्र की जगह आए सॉल्वर को पकड़कर परीक्षा बोर्ड के अध्यक्ष के सामने लाकर पूछताछ की गई. आरोपी की तलाशी में उसके पास से मिले आवेदन पत्र की फोटो और आधार कार्ड का फोटो मैच नहीं हुआ. सख्ती से पूछताछ में उसने खुद को अलीगढ़ टप्पल गरौसा निवासी नवीन वैष्णव बताया.

50 हजार रुपये लिए थे नकद
आरोपी नवीन ने बताया कि उसने जितेंद्र से एक लाख रुपये उधार माफ कराने के लिए परीक्षा दी थी. नवीन को जितेन्द्र की जगह दौड़ने के लिए गांव के ही रहने वाले धीरज शर्मा ने 50 हजार रुपये नकद दिए थे. आरोपियों ने बायोमैट्रिक की मदद से पूरा खेल रचा था.

इसे भी पढ़ें:- बरेली: डीएम की अनोखी पहल, 'एक गांव-एक दिन' के तहत उप स्वास्थ्य केंद्र का किया उद्घाटन

हर जगह बायोमेट्रिक की छाप नवीन की थी, इसलिए वह पकड़ में नहीं आया. जबकि प्रार्थना पत्र फार्म पर जितेंद्र का फोटो है. कैंट पुलिस ने नवीन वैष्णव, जितेन्द्र और धीरज के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जी कागज तैयार करने, साजिश रचने जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है.
-सीमा यादव, सदस्य भर्ती परीक्षा बोर्ड

बरेली: आठवीं वाहनी पीएसी में चल रही पुलिस भर्ती परीक्षा के दौरान पुलिस ने फर्जी अभ्यर्थी को गिरफ्तार किया है. पकड़ा गया आरोपी दूसरे अभ्यर्थी के स्थान पर दौड़ने की तैयारी में था. आरोपी के खिलाफ कैंट थाने में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है. आरोपी ने परीक्षा पास कराने के लिए डेढ़ लाख रुपये लेने की बात कबूली है.

मीडिया से बातचीत करतीं सीओ.

आठवीं वाहनी पीएसी भर्ती की चल रही दौड़
आठवीं वाहनी पीएसी में पुलिस भर्ती थी, जिसमें विभिन्न जिलों से कई अभ्यर्थी दौड़ के लिए पहुंचे थे. इस बीच एसटीएफ निरीक्षक अजयपाल सिंह को आगरा की एसटीएफ के एसआई मानवेंद्र सिंह ने सूचना दी कि भर्ती में अलीगढ़ निवासी जितेन्द्र के नाम पर कोई दूसरा व्यक्ति दौड़ने के लिए आया है. इसके बाद सीओ द्वितीय सीमा यादव ने अभ्यर्थी की तलाश की.

आरोपी ने कबूला जुल्म
इस बीच दौड़ के लिए तैयार बैठे जितेंद्र की जगह आए सॉल्वर को पकड़कर परीक्षा बोर्ड के अध्यक्ष के सामने लाकर पूछताछ की गई. आरोपी की तलाशी में उसके पास से मिले आवेदन पत्र की फोटो और आधार कार्ड का फोटो मैच नहीं हुआ. सख्ती से पूछताछ में उसने खुद को अलीगढ़ टप्पल गरौसा निवासी नवीन वैष्णव बताया.

50 हजार रुपये लिए थे नकद
आरोपी नवीन ने बताया कि उसने जितेंद्र से एक लाख रुपये उधार माफ कराने के लिए परीक्षा दी थी. नवीन को जितेन्द्र की जगह दौड़ने के लिए गांव के ही रहने वाले धीरज शर्मा ने 50 हजार रुपये नकद दिए थे. आरोपियों ने बायोमैट्रिक की मदद से पूरा खेल रचा था.

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हर जगह बायोमेट्रिक की छाप नवीन की थी, इसलिए वह पकड़ में नहीं आया. जबकि प्रार्थना पत्र फार्म पर जितेंद्र का फोटो है. कैंट पुलिस ने नवीन वैष्णव, जितेन्द्र और धीरज के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जी कागज तैयार करने, साजिश रचने जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है.
-सीमा यादव, सदस्य भर्ती परीक्षा बोर्ड

Intro:एंकर- आठवीं वाहनी पीएसी में चल रही पुलिस भर्ती परीक्षा के दौरान पुलिस ने एक सॉल्वर गिरफ्तार किया है। आरोपी दूसरे अभ्यर्थी के स्थान पर दौड़ने की तैयारी में था। आरोपी के खिलाफ कैंट थाने में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया। आरोपी ने परीक्षा पास कराने के लिए डेढ़ लाख रुपये लेने की बात कुबूली है। 


Body:वीओ1- आठवीं वाहनी पीएसी में पुलिस भर्ती थी जिसमें विभिन्न जिलों से कई अभ्यर्थी दौड़ के लिए पहुंचे थे। इस बीच एसटीएफ निरीक्षक अजयपाल सिंह के पास आगरा की एसटीएफ के एसआई मानवेंद्र सिंह का फोन आया। उन्होंने बताया कि भर्ती में अलीगढ़ निवासी जितेन्द्र पुत्र बिजेन्द्र कुमार के नाम पर कोई दूसरा व्यक्ति दौड़ने के लिए आया है। सूचना मिलने पर भर्ती बोर्ड की टीम सक्रिय हो गई। इसके बाद शारीरिक दक्षता परीक्षा दल के अध्यक्ष अरुण मणि त्रिपाठी को सूचना देकर सीओ द्वितीय सीमा यादव ने अभ्यर्थी की तलाश की। इस बीच दौड़ के लिए तैयार बैठे जितेंद्र की जगह आए साल्वर को पकड़कर परीक्षा बोर्ड के अध्यक्ष के सामने लाकर पूछताछ की गई। आरोपी की तलाशी में उसके पास से मिले आवेदन पत्र की फोटो व आधार कार्ड का फोटो मैच नहीं हुआ। सख्ती से पूछताछ में उसने खुद को अलीगढ़ टप्पल गरौसा निवासी नवीन वैष्णव पुत्र भोलेदास बताया। 


बाइट- सीमा यादव, भर्ती परीक्षा बोर्ड सदस्य


वीओ2- सीओ सीमा यादव ने बताया कि हर जगह बायोमेट्रिक की छाप नवीन की थी। इसलिए वह पकड़ में नहीं आया। जबकि, प्रार्थना पत्र फार्म पर जितेंद्र का फोटो है। प्रार्थना पत्र कंपनी भर्ती बोर्ड को नहीं देती है। इस कारण कोई पकड़ में नहीं आया। कैंट पुलिस ने नवीन वैष्णव, जितेन्द्र व धीरज के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जी कागज तैयार करने, साजिश रचने जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। पकड़ा गया आरोपी नवीन कर्ज चुकाने के लिए साल्वर बन गया। नवीन ने जितेंद्र से एक लाख रुपये अपनी गरीबी के कारण उधार लिए थे। उसे लौटाने में असमर्थ था। जितेन्द्र ने उसे अपनी जगह भर्ती प्रक्रिया में परीक्षा देने का प्रस्ताव किया। उसने गरीबी के कारण हां कर दिया। गरीबी की मार ने उसे अपराधी बना दिया।


बाइट- सीमा यादव, भर्ती परीक्षा बोर्ड सदस्य


वीओ3- सीओ सीमा यादव ने बताया कि आरोपी नवीन ने ही जितेंद्र के नाम पर लिखित परीक्षा दी थी। नाप-तौल के समय उसने अपना बायोमैट्रिक मिलान कराया। जबकी नाप तौल जितेंद्र ने ही कराई थी। आरोपी नवीन ने बताया कि उसने जितेंद्र से एक लाख रुपये उधार माफ कराने के लिए परीक्षा दी थी। उसको जितेन्द्र की जगह दौड़ने के लिए गांव के ही रहने वाले धीरज शर्मा ने 50 हजार रुपये नकद दिये थे। आरोपियों ने बायोमैट्रिक की मदद से पूरा खेल रचा है। 


बाइट- सीमा यादव, भर्ती परीक्षा बोर्ड सदस्य




Conclusion:फ़वीओ:- अब देखना ये की पुलिस भर्ती कितनी आसान रह जाती है जबकि इस तरह की वारदातें कितनी ही बार हो चुकी है।
रंजीत शर्मा
ईटीवी भारत
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