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दिव्यांगता को हराकर बरेली की महिमा ने जीती जंग, CBSE 12वीं बोर्ड में हासिल किये 80 फीसदी अंक

सफलता के मायने असल में क्या होते हैं ये बरेली की रहने वाली महिमा शाह ने हमें बताया है. सिर्फ अच्छी जीवन शैली ही आपकी सफलता नहीं दर्शाती. जिंदगी में आ रही मुश्किलों का सामना कर उनको हरा देना हमारी सबसे बड़ी सफलता होती है.

महिमा शाह.
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Published : May 7, 2019, 3:13 PM IST

बरेली: अगर इरादे मजबूत हों और मन में कुछ कर गुजरने का साहस हो तो कोई भी मुश्किल आसान हो जाती है. महिमा शाह सेरेवल पलसी जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं. लेकिन बीमारी ने इनको हराने के बजाय खुद ही घुटने टेक दिए हैं. महिमा पढ़ाई लिखाई के साथ-साथ फेसबुक और ट्विटर भी चलाती हैं. इस बार 12वीं की परीक्षा में इन्हें 80 प्रतिशत अंक हासिल हुए हैं.

माता-पिता करते हैं मदद
ये महिमा शाह हैं. महिमा चल फिर नहीं सकती हैं. क्योंकि उसके पैर काम नहीं करते. इतना ही नहीं उसके हाथ भी काम नहीं करते हैं. इसलिए उसका सारा काम उसके माता पिता ही करते हैं. महिमा को सेरेवल पलसी नाम की बीमारी जन्म से है. इसी बीमारी के कारण उसके दोनों पैर और दोनों हाथ काम नहीं करते, लेकिन महिमा पढ़ने में बहुत होशियार हैं.

महिमा के बारे में उनके माता-पिता ने बातें साझा कीं.

मां किताब के पन्ने पलटती हैं तो महिमा पढ़ पाती हैं
महिमा केंद्रीय विद्यालय आईवीआरआई में पढ़ती हैं. इस साल इन्होंने सीबीएसई बोर्ड से 12वीं की परीक्षा शानदार अंकों से पास की है. महिमा की मां स्मिता शाह बताती हैं कि वो उसकी पढ़ाई में मदद करती हैं. वो किताब के पेज पलटती हैं तो महिमा पढ़ती हैं. महिमा मोबाइल भी चलाती हैं. इसके साथ ही वह लैपटॉप भी चलाती हैं.

महिमा के पिता शैलेन्द्र शाह कहते हैं कि महिमा प्रधानमंत्री मोदी की बहुत बड़ी फैन है. ये उन्हें तब से पसन्द करती है जब वो गुजरात के सीएम थे. महिमा मोदी जी की हर स्पीच सुनती है और उनके बताए रास्ते पर चलती है. महिमा मोदीजी जैसा ही बनना चाहती है. उसका कहना है कि भले वो शरीर से कमजोर है, लेकिन उसका दिमाग सही है और वो पढ़ लिखकर भारत का नाम रोशन करना चाहती है.

बरेली: अगर इरादे मजबूत हों और मन में कुछ कर गुजरने का साहस हो तो कोई भी मुश्किल आसान हो जाती है. महिमा शाह सेरेवल पलसी जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं. लेकिन बीमारी ने इनको हराने के बजाय खुद ही घुटने टेक दिए हैं. महिमा पढ़ाई लिखाई के साथ-साथ फेसबुक और ट्विटर भी चलाती हैं. इस बार 12वीं की परीक्षा में इन्हें 80 प्रतिशत अंक हासिल हुए हैं.

माता-पिता करते हैं मदद
ये महिमा शाह हैं. महिमा चल फिर नहीं सकती हैं. क्योंकि उसके पैर काम नहीं करते. इतना ही नहीं उसके हाथ भी काम नहीं करते हैं. इसलिए उसका सारा काम उसके माता पिता ही करते हैं. महिमा को सेरेवल पलसी नाम की बीमारी जन्म से है. इसी बीमारी के कारण उसके दोनों पैर और दोनों हाथ काम नहीं करते, लेकिन महिमा पढ़ने में बहुत होशियार हैं.

महिमा के बारे में उनके माता-पिता ने बातें साझा कीं.

मां किताब के पन्ने पलटती हैं तो महिमा पढ़ पाती हैं
महिमा केंद्रीय विद्यालय आईवीआरआई में पढ़ती हैं. इस साल इन्होंने सीबीएसई बोर्ड से 12वीं की परीक्षा शानदार अंकों से पास की है. महिमा की मां स्मिता शाह बताती हैं कि वो उसकी पढ़ाई में मदद करती हैं. वो किताब के पेज पलटती हैं तो महिमा पढ़ती हैं. महिमा मोबाइल भी चलाती हैं. इसके साथ ही वह लैपटॉप भी चलाती हैं.

महिमा के पिता शैलेन्द्र शाह कहते हैं कि महिमा प्रधानमंत्री मोदी की बहुत बड़ी फैन है. ये उन्हें तब से पसन्द करती है जब वो गुजरात के सीएम थे. महिमा मोदी जी की हर स्पीच सुनती है और उनके बताए रास्ते पर चलती है. महिमा मोदीजी जैसा ही बनना चाहती है. उसका कहना है कि भले वो शरीर से कमजोर है, लेकिन उसका दिमाग सही है और वो पढ़ लिखकर भारत का नाम रोशन करना चाहती है.

Intro:यदि आप सफलता चाहते हो तो उसे अपना लक्ष्य मत बनाइए सिर्फ एक काम करिए जो आपको अच्छा लगता है जैसे आप बिना थके और खुश होकर कर सकते हैं जिसमें आपको यह लगता है कि आप इसे बेहतर तरीके से कर सकते हैं ऐसे काम को करने से आपको निश्चित ही सफलता मिलेगी।
सफलता "कठिन परिश्रम" के पहियों पर चलती है लेकिन "आत्मविश्वास" रूपी ईंधन का होना बहुत जरूरी है जी हां बरेली की रहने वाली महिमा शाह ने यह दिखा दिया है कि वह किसी से भी कम नहीं है।(सेरिवल पैलसी) बीमारी से ग्रसित इस छात्रा ने इंटरमीडिएट में 80 परसेंट मार्क्स लाकर ये दिखा दिया कि....... *काबिल बनो सफलता खुद तुम्हारे पास आएगी*





Body: ये महिमा शाह है, महिमा चल फिर नही सकती है क्योंकि उसके पैर काम नही करते, इतना ही नही उसके हाथ भी काम नही करते इसलिए उसका सारा काम उसके मा बाप करते है। उसे सेरिवल पैलसी नाम की बीमारी जन्म से है। इस बीमारी में उसके दोनों पैर और दोनों हाथ काम नही करते। लेकिन महिमा पढ़ने में बहुत होशियार है और केंद्रीय विद्यालय आईवीआरआई में पढ़ती है। इस साल उसने सीबीएसई बोर्ड से 12 वी की परीक्षा शानदार अंको से पास की। 
बाइट- महिमा
महिमा प्रधानमंत्री मोदी की बहुत बड़ी फैन है और वो उन्हें तब से पसन्द करती है जब वो गुजरात के सीएम थे। महिमा मोदी जी की हर स्पीच सुनती है और उनके बताए रास्ते पर चलती है और मोदी जैसा ही बनना चाहती है। उसका कहना है कि भले वो शरीर से कमजोर है लेकिन उसका दिमाग सही है और वो पढ़ लिखकर भारत का नाम रोशन करना चाहती है।
बाइट- महिमा





Conclusion:महिमा के पिता का कहना है कि वो बचपन से ही सेरिवल पैलसी बीमारी से पीड़ित है। उनका कहना है कि महिमा को बचपन से ही पढ़ने लिखने का शौक था।
बाइट- शैलेन्द्र शाह
महिमा की माँ का कहना है कि वो उसकी पढ़ाई में मदद करती है। वो किताब के पेज पलटती है तो वो पढ़ती है। महिमा मोबाइल भी चलाती है वो अपनी नाक से मोबाइल चलाती है। वो लैपटॉप भी चलाती है।
बाइट- स्मिता शाह, माँ

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