बरेलीः कोरोना की तीसरी लहर की संभावना जताई जा रही है. सरकार इसके पहले ज्यादा से ज्यादा टीकाकरण करने का प्रयास कर रही है. लेकिन बरेली के पैगा गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम को देखकर ही लोग घरों से फरार हो जा रहे हैं. जिले के पैगा गांव में अभी तक महज 10 लोगों ने ही टीकाकरण करवाया है.
कोरोना वैक्सीन के लिए जगह-जगह कैंप
कोरोना संक्रमण को काबू करने के लिए तमाम जतन किए जा रहे हैं. कोरोना वैक्सीन लगवाने के लिए बरेली में जगह-जगह कैंप भी लगाए जा रहे हैं. लेकिन आंवला तहसील के मझगवां ब्लॉक के पैगा गांव में जैसे ही ग्रामीणों को स्वास्थ्य विभाग की टीम के आने की ख़बर मिलती है. ग्रामीण अपने-अपने घरों से गायब हो जाते हैं, इस गांव के लोग वैक्सीन लगवाने से बचते नजर आ रहे हैं. जिम्मेदार अफसरों के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग की टीम कई बार गांव गई. लेकिन ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग के टीम की एक न सुनी. इतना ही नहीं इस गांव की आबादी 5 हजार है, जहां पहले भी वैक्सीनेशन के लिए कैंप लगाया गया था. लेकिन इस जागरूकता की कमी कहें या फिर कुछ और लेकिन गांव में कोरोना की वैक्सीन लगवाने को लोग तैयार नहीं है.
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इस बारे में जिला प्रतिरक्षण अधिकारी आरएन सिंह ने बताया कि गांव में जो स्वास्थ विभाग की टीम गई, उनके पास तक कोई नहीं आया. जबकि गांव की आशा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने डोर टू डोर जाकर संदेश भी दिया कि गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम वैक्सीन लगाने आई है, सभी लोग लगवा लें. लेकिन ग्रामीणों ने अपने दरवाजे तक नहीं खोले. उन्होंने बताया कि टीम ने बेहद कोशिश की. लेकिन गांव में महज दस ग्रामीणों ने ही वैक्सीन के प्रति दिलचस्पी दिखाई.
गांव के कोटेदार तक ने नहीं लगवाया वैक्सीन
गांव में सरकारी खाद्यान वितरण करने वाले कोटेदार तक ने भी दिलचस्पी नहीं दिखाई. बाकी लोगों को बूथ तक पहुंचाने में सहयोग की तो बात अलग रही. स्वास्थ्य विभाग की टीम का कहना है कि अगर वे वैक्सीन लगवाए तो उनके साथ कोई अनहोनी हो सकती है.
साक्षरता दर कम होने से हो रही दिक्कत
इस बारे में आंवला तहसील के निवासी सीनियर जर्नलिस्ट राजेन्द्र कहते हैं कि गांव में साक्षरता का स्तर बेहद कम है. यही वजह है कि लोग वैक्सीन नहीं लगवा रहे हैं. गांव में कई बार स्वास्थ्य विभाग की टीम आई लेकिन ग्रामीणों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई.