बरेली : आला हजरत दरगाह के मीडिया प्रभारी सलमान हसन खान ने ज्ञानवापी मस्जिद, कुतुबमीनार, अजमेर में विश्व प्रसिद्ध सूफी सूफी ख़्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह शरीफ को हिंदू मंदिर होने का दावा को लेकर नाराजगी व्यक्त की. कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें ऐसे शरारती तत्वों पर कार्रवाई करें और इन पर रोक लगाएं.
वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद और दिल्ली के कुतुबमीनार के बाद अब राजस्थान के अजमेर में विश्व प्रसिद्ध सूफी ख़्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती रदियल्लाहु तआला अन्हु की दरगाह शरीफ को हिंदू मंदिर होने का दावा किया गया है. गुरुवार को महाराणा प्रताप सेना ने ख्वाजा की दरगाह को हिंदू मंदिर बताकर मुसलमानों की आस्था को ठेस पहुंचाई है.
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सलमान हसन खान ने कहा कि ऐसे झूठे दावे करके मुसलमानों के जज्बातों से खेला जा रहा है. उन्होंने बताया कि यह एक बहुत बड़ी साजिश है जिससे मुल्कभर में दंगे कराने की कोशिश की जा रही है. मुल्क में सभी धर्मों के लोग रहते हैं जिससे सद्भावना व सौहार्द का माहोल बिगाड़ा जा रहा है. सूफी ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती रदियल्लाहु ताला अन्हु की दरगाह तकरीबन 900 साल पुरानी है जिसमें देश-विदेश से सभी धर्मों के लोग हाजरी देने आते हैं और मन्नतें व मुरादें मांगते हैं.
सलमान हसन खान ने कहा कि शरारती तत्व लगातार ऐसी हरकतें कर रहे हैं. उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है जिससे इनके हौसले बुलंद हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि वह हुकूमते हिंदुस्तान व प्रदेश हुकूमत से आग्रह करते हैं कि ऐसे शरारती तत्वों पर रोक लगायी जाए और उनके खिलाफ जल्द से जल्द सख्त कार्रवाई की जाए.
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