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मौलाना शहाबुद्दीन बरेलवी ने आजम खान की रिहाई पर अखलेश यादव पर लगाये गंभीर आरोप, किए कई सवाल

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Published : May 20, 2022, 6:47 PM IST

सुन्नी मुसलमानों के सबसे बड़े धार्मिंक केंद्र दरगाह आलाहजरत के बरेलवी मरकज के प्रचारक मौलाना शहाबुद्दीन बरेलवी ने आजम खान की रिहाई पर खुशी जाहिर की. उन्होंने सपा के मुखिया अखिलेश यादव पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अखिलेश यादव ने आजम खान का साथ नहीं दिया.

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मौलाना शहाबुद्दीन बरेलवी

बरेली: सुन्नी मुसलमानों के सबसे बड़े धार्मिंक केंद्र दरगाह आलाहजरत के बरेलवी मरकज के प्रचारक मौलाना शहाबुद्दीन बरेलवी ने आजम खान की रिहाई पर खुशी जाहिर की. उन्होंने सपा के मुखिया अखिलेश यादव पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अखिलेश यादव (SP chief Akhilesh Yadav) ने आजम खान का साथ नहीं दिया. उनको अकेला छोड़ दिया था. आजम खान ने अपनी कानूनी लड़ाई खुद लड़ी है.

अपनी बातें रखते मौलाना शहाबुद्दीन बरेलवी
मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा, 'मुझे बेहद खुशी हो रही है कि आजम खान 27 महीने के बाद सितापुर जेल से रिहा होकर रामपुर अपने घर पहुंच गए हैं. इस बड़ी कामयाबी पर खुदा की बारगाह में सजदा-ए-शुक्र अदा करते हैं. दूसरी तरफ अफसोसनाक इस बात की है कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आजम खान की रिहाई के लिए कोई कदम नहीं उठाए. न ही उनकी हिमायत में आंदोलन किए बल्कि समाजवादी पार्टी से वाबस्ता बड़े मुस्लिम चेहरों को टिकट नहीं दिए और जिन लोगों ने आपकी हिमायत में आवाज बुलंद की तो अखिलेश यादव ने उन लोगों को दांट डपट कर खामोश कर दिया'.

इसे भी पढ़ेंः 27 महीने बाद जेल से रिहा हुए आजम खां, पहले भी काट चुके हैं 19 माह की जेल

आगे उन्होंने कहा, 'यही वजह रही कि पूरे 27 महीने के दौरान समाजवादी पार्टी के किसी भी लीडर ने आपके सामने खड़े होने की हिम्मत नहीं जुटाई. उन लोगों को अखिलेश यादव का डर सताता रहा'. उन्होंने अखिलेश पर हमला करते हुए कहा कि आपको ये भी नहीं भूलना चाहिए कि विधानसभा के दौरान आपके द्वारा (आजम खान) 12 टिकट देने के लिए कहा गया था. मगर अखिलेश यादव ने आपको और आपके बेटे अब्दुल्ला को छोड़ कर किसी को भी टिकट नहीं दिया.

उन्होंने कहा, 'जौहर विश्व विद्यालय के संबंध में भी हो रही 'जुल्म' वह 'ज्यायादती' के खिलाफ आजम खान अकेले खड़े हैं. बाकी पूरी समाजवादी पार्टी तमाशा देख रही है. मुझे इस बात का शिद्दत से एहसास है कि मुलायम सिंह यादव की तबीयत ठीक होती और शिवपाल यादव के हाथों में पार्टी की कमान होती तो ये दोनों नेता आजम खान के लिए सडकों पर लड़ाई लड़ते'.

आगे उन्होंने कहा कि आजम खान उत्तर प्रदेश में मुसलमानों के सियासी रहनुमा है. पूरी कौम उनके साथ खड़ी है, इसलिए अब आप समाजवादी पार्टी को छोड़ दें और दूसरा विकल्प बनाएं. इसी में आपकी बेहतरी है. किसी भी शख्स को बार-बार नहीं आजमाया जाता है.

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बरेली: सुन्नी मुसलमानों के सबसे बड़े धार्मिंक केंद्र दरगाह आलाहजरत के बरेलवी मरकज के प्रचारक मौलाना शहाबुद्दीन बरेलवी ने आजम खान की रिहाई पर खुशी जाहिर की. उन्होंने सपा के मुखिया अखिलेश यादव पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अखिलेश यादव (SP chief Akhilesh Yadav) ने आजम खान का साथ नहीं दिया. उनको अकेला छोड़ दिया था. आजम खान ने अपनी कानूनी लड़ाई खुद लड़ी है.

अपनी बातें रखते मौलाना शहाबुद्दीन बरेलवी
मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा, 'मुझे बेहद खुशी हो रही है कि आजम खान 27 महीने के बाद सितापुर जेल से रिहा होकर रामपुर अपने घर पहुंच गए हैं. इस बड़ी कामयाबी पर खुदा की बारगाह में सजदा-ए-शुक्र अदा करते हैं. दूसरी तरफ अफसोसनाक इस बात की है कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आजम खान की रिहाई के लिए कोई कदम नहीं उठाए. न ही उनकी हिमायत में आंदोलन किए बल्कि समाजवादी पार्टी से वाबस्ता बड़े मुस्लिम चेहरों को टिकट नहीं दिए और जिन लोगों ने आपकी हिमायत में आवाज बुलंद की तो अखिलेश यादव ने उन लोगों को दांट डपट कर खामोश कर दिया'.

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आगे उन्होंने कहा, 'यही वजह रही कि पूरे 27 महीने के दौरान समाजवादी पार्टी के किसी भी लीडर ने आपके सामने खड़े होने की हिम्मत नहीं जुटाई. उन लोगों को अखिलेश यादव का डर सताता रहा'. उन्होंने अखिलेश पर हमला करते हुए कहा कि आपको ये भी नहीं भूलना चाहिए कि विधानसभा के दौरान आपके द्वारा (आजम खान) 12 टिकट देने के लिए कहा गया था. मगर अखिलेश यादव ने आपको और आपके बेटे अब्दुल्ला को छोड़ कर किसी को भी टिकट नहीं दिया.

उन्होंने कहा, 'जौहर विश्व विद्यालय के संबंध में भी हो रही 'जुल्म' वह 'ज्यायादती' के खिलाफ आजम खान अकेले खड़े हैं. बाकी पूरी समाजवादी पार्टी तमाशा देख रही है. मुझे इस बात का शिद्दत से एहसास है कि मुलायम सिंह यादव की तबीयत ठीक होती और शिवपाल यादव के हाथों में पार्टी की कमान होती तो ये दोनों नेता आजम खान के लिए सडकों पर लड़ाई लड़ते'.

आगे उन्होंने कहा कि आजम खान उत्तर प्रदेश में मुसलमानों के सियासी रहनुमा है. पूरी कौम उनके साथ खड़ी है, इसलिए अब आप समाजवादी पार्टी को छोड़ दें और दूसरा विकल्प बनाएं. इसी में आपकी बेहतरी है. किसी भी शख्स को बार-बार नहीं आजमाया जाता है.

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