बरेली: सेंट्रल जेल में सजा काट रहे माफिया डॉन बबलू श्रीवास्तव को स्वास्थ्य संबंधी जांचों के लिए जिला अस्पताल लाया गया. जहां भारी पुलिस फोर्स के बीच माफिया डॉन बबलू श्रीवास्तव का अल्ट्रासाउंड, एक्सरे और ईसीजी की जांच की गई.
कई बीमारियों से है ग्रसित
माफिया डॉन बबलू श्रीवास्तव लंबे समय से बरेली की सेंट्रल जेल में सजा काट रहा है. जानकारी के मुताबिक बबलू श्रीवास्तव कुछ समय से पेट, डायबिटीज और बीपी सहित आंखों की बीमारी से परेशान चल रहा है, जिसका इलाज पहले तो सेंट्रल जेल के हॉस्पिटल के डॉक्टरों के द्वारा किया गया और फिर विशेषज्ञ सर्जनों के द्वारा माफिया डॉन का चेकअप करने के बाद उसे जिला अस्पताल में जांच कराने के लिए रेफर किया गया.
जांच के लिए भेजा गया जिला अस्पताल
बरेली सेंट्रल जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक आर एन पांडे ने बताया कि बबलू श्रीवास्तव को पेट में कुछ दिक्कत हो रही थी, जिसके लिए एक पेट के विशेषज्ञ डॉक्टर को दिखाया गया था. बबलू श्रीवास्तव ने आंखों में रोशनी संबंधी परेशानी, ब्लड प्रेशर और शुगर की भी बीमारी बतायी थी. इन सभी बीमारियों के उचित इलाज के लिए डॉक्टरों की टीम ने उसे जिला अस्पताल रेफर कर जांच कराने की बात कही थी. जिसके बाद सेंट्रल जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक आरएन पांडे ने बरेली के एसएसपी से पुलिस फोर्स की मांग की. जिला अस्पताल में तीनों जांचों के लिए बबलू श्रीवास्तव को बरेली की सेंट्रल जेल से जिला अस्पताल भेजा गया.
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तीन तरह की हुई जांच
सेंट्रल जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक आर एन पांडे ने बताया कि वरिष्ठ चिकित्सकों की सलाह पर बबलू श्रीवास्तव को बरेली के जिला अस्पताल में पेट की परेशानी के लिए अल्ट्रासाउंड, डायबिटीज और ब्लड प्रेशर के लिए ईसीजी और आंखों में रोशनी संबंधी समस्या के लिए आंखों की जांच कराने के लिए बरेली के जिला अस्पताल भेजा गया. जहां कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच डॉक्टरों की टीम ने उसकी तीनों जांचे की. रिपोर्ट आने के बाद डॉक्टरों की सलाह पर डॉन बबलू श्रीवास्तव का उचित इलाज कराया जाएगा.
1999 से जेल में है बंद
माफिया डॉन ओम प्रकाश श्रीवास्वतव उर्फ बबलू श्रीवास्तव बरेली की सेंट्रल जेल में 1999 से बंद है. बबलू को साथियों सहित नैनी जेल से भेजा गया था. बबलू के साथ उसके साथी मंगेश उर्फ मंगे और कमल सैनी भी सेंट्रल जेल में बंद हैं. पुणे के एसीपी की हत्या के मामले में तीनों को सजा हो चुकी है. बता दें कि कई संगीन अपराधों में बबलू श्रीवास्तव की भूमिका रही है.
ऐसे अलग हुए बबलू और दाऊद के रास्ते
एक समय ऐसा आया था जब एसटीएफ ने माफिया डॉन बबलू के गैंग के चार साथियों को एनकाउंटर में मार गिराया, जिसके बाद बबलू दाउद के संपर्क में आया. दोनों ने कुछ समय साथ काम किया लेकिन फिर मुंबई बम ब्लास्ट के बाद दोनों अलग हो गए. हालांकि इसके बाद बबलू ने राजनीति में जाने का मन बनाया. उसने सीतापुर लोकसभा चुनाव के लिए आवेदन किया था, लेकिन सजा होने के चलते चुनाव आयोग ने उसका आवेदन निरस्त कर दिया.