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SRMS मेडिकल कॉलेज में दो दिवसीय आर्थोप्लास्टी वर्कशॉप का समापन, पहली बार हुआ रोबोटिक सर्जरी से नी रिप्लेसमेंट

बरेली के एसआरएमएस इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में दो दिवसीय कैडेवरिक आर्थोप्लास्टी कोर्स पूरा हुआ. इस दौरान एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज में पहली बार रोबोटिक सर्जरी से घुटने का ऑपरेशन किया गया.

रोबोटिक सर्जरी से नी रिप्लेसमेंट
रोबोटिक सर्जरी से नी रिप्लेसमेंट
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Published : Jul 9, 2023, 7:56 PM IST

रोबोटिक सर्जरी से नी रिप्लेसमेंट

बरेलीः रोबोटिक सर्जरी के जरिये सफल नी रिप्लेसमेंट के साथ एसआरएमएस इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में दो दिवसीय कैडेवरिक आर्थोप्लास्टी कोर्स का रविवार को समापन हुआ. प्रोफेसर अनिल अरोड़ा के निर्देशन में डॉ. अक्षय चंदेल ने अपनी टीम के साथ एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज में पहली बार रोबोटिक सर्जरी से घुटने का ऑपरेशन किया. वर्कशॉप में इसका लाइव प्रसारण भी किया गया.

एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज में आर्थोपैडिक विभाग के अध्यक्ष और इस कांफ्रेंस के ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. संजय गुप्ता ने बताया कि रोबोट के जरिये घुटने का आपरेशन ज्यादा बेहतर होता है. इसमें कट की संभावना काफी कम होती है. इसके जरिये मरीज की जरूरत के मुताबिक ऑपरेशन को अंजाम देना संभव होता है. इससे ज्वाइंट के ज्यादा चलने की उम्मीद होती है. डॉ. संजय ने रोबोटिक सर्जरी के जरिये नी रिप्लेसमेंट को सफल बताया. उन्होंने कहा कि जिस मरीज की यह सर्जरी की गई है वह करीब दस वर्ष से चलने में असमर्थ था, उसका घुटने का जोड़ भी पूरी तरह घिस चुका था. ऑपरेशन ही उसका एक मात्र इलाज होने के कारण आज रोबोटिक सर्जरी के जरिये नी रिप्लेसमेंट किया गया और यह सफल रहा.

घुटना रिप्लेसमेंट में रोबोटिक सर्जरी क्रांति से कम नहीं है. प्राइमस हॉस्पिटल के डॉ. सीएस यादव ने कहा कि देश में घुटना और कूल्हों के जोड़ों की ज्यादा समस्या है, लेकिन कम ही शहरों में इसके आपरेशन की सुविधा उपलब्ध है. आर्थोपेडिक सर्जन को इसकी जानकारी देने के लिए आर्थोप्लास्टी कोर्स कराने के लिए वर्कशॉप आयोजित की जा रही है. इसका मरीजों को फायदा मिलेगा. आईएमए बरेली के प्रेसिडेंट डॉ. विनोद पागरानी ने भी वर्कशॉप को ज्ञानवर्धक बताया और रोबोटिक सर्जरी से नी रिप्लेसमेंट मरीजों के लिए फायदेमंद साबित होगा.

इस मौके पर उत्तर प्रदेश आर्थोपैडिक एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट डॉ. संजीव गर्ग, वर्कशॉप के ऑर्गनाइजिंग चेयरमैन डॉ. एसके कौशिक, डॉ. अपसर खान, डॉ. ध्रुव गोयल, डॉ. संजय श्रीवास्तव, डॉ. आरजी शर्मा, डॉ. वरुण अग्रवाल, डॉ. विजय कुमार, डॉ. अमृत गोयल, डॉ. शरद गुप्ता, डॉ. सिद्धार्थ दुबे सहित आसपास के जिलों के तमाम आर्थोपेडिक सर्जन मौजूद रहे.

पढ़ेंः थर्ड जेंडर भी बन सकते हैं महिला या पुरुष, जानिए कैसे होता है जेंडर चेंज

रोबोटिक सर्जरी से नी रिप्लेसमेंट

बरेलीः रोबोटिक सर्जरी के जरिये सफल नी रिप्लेसमेंट के साथ एसआरएमएस इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में दो दिवसीय कैडेवरिक आर्थोप्लास्टी कोर्स का रविवार को समापन हुआ. प्रोफेसर अनिल अरोड़ा के निर्देशन में डॉ. अक्षय चंदेल ने अपनी टीम के साथ एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज में पहली बार रोबोटिक सर्जरी से घुटने का ऑपरेशन किया. वर्कशॉप में इसका लाइव प्रसारण भी किया गया.

एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज में आर्थोपैडिक विभाग के अध्यक्ष और इस कांफ्रेंस के ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. संजय गुप्ता ने बताया कि रोबोट के जरिये घुटने का आपरेशन ज्यादा बेहतर होता है. इसमें कट की संभावना काफी कम होती है. इसके जरिये मरीज की जरूरत के मुताबिक ऑपरेशन को अंजाम देना संभव होता है. इससे ज्वाइंट के ज्यादा चलने की उम्मीद होती है. डॉ. संजय ने रोबोटिक सर्जरी के जरिये नी रिप्लेसमेंट को सफल बताया. उन्होंने कहा कि जिस मरीज की यह सर्जरी की गई है वह करीब दस वर्ष से चलने में असमर्थ था, उसका घुटने का जोड़ भी पूरी तरह घिस चुका था. ऑपरेशन ही उसका एक मात्र इलाज होने के कारण आज रोबोटिक सर्जरी के जरिये नी रिप्लेसमेंट किया गया और यह सफल रहा.

घुटना रिप्लेसमेंट में रोबोटिक सर्जरी क्रांति से कम नहीं है. प्राइमस हॉस्पिटल के डॉ. सीएस यादव ने कहा कि देश में घुटना और कूल्हों के जोड़ों की ज्यादा समस्या है, लेकिन कम ही शहरों में इसके आपरेशन की सुविधा उपलब्ध है. आर्थोपेडिक सर्जन को इसकी जानकारी देने के लिए आर्थोप्लास्टी कोर्स कराने के लिए वर्कशॉप आयोजित की जा रही है. इसका मरीजों को फायदा मिलेगा. आईएमए बरेली के प्रेसिडेंट डॉ. विनोद पागरानी ने भी वर्कशॉप को ज्ञानवर्धक बताया और रोबोटिक सर्जरी से नी रिप्लेसमेंट मरीजों के लिए फायदेमंद साबित होगा.

इस मौके पर उत्तर प्रदेश आर्थोपैडिक एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट डॉ. संजीव गर्ग, वर्कशॉप के ऑर्गनाइजिंग चेयरमैन डॉ. एसके कौशिक, डॉ. अपसर खान, डॉ. ध्रुव गोयल, डॉ. संजय श्रीवास्तव, डॉ. आरजी शर्मा, डॉ. वरुण अग्रवाल, डॉ. विजय कुमार, डॉ. अमृत गोयल, डॉ. शरद गुप्ता, डॉ. सिद्धार्थ दुबे सहित आसपास के जिलों के तमाम आर्थोपेडिक सर्जन मौजूद रहे.

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