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एसआरएमएस मेडिकल काॅलेज में होगा किडनी ट्रांसप्लांट

रूहेलखंड मंडल के किडनी मरीजों (kidney patients) को ऑपरेशन के लिए अब इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा. ऐसे मरीजों का किडनी ट्रांसप्लांट अब एसआरएमएस मेडिकल काॅलेज (SRMS Medical College) में ही होगा.

प्रेस कांफ्रेंस में डा. महेश त्रिपाठी, डा.विद्यानंद और डा. संजय कुमार
प्रेस कांफ्रेंस में डा. महेश त्रिपाठी, डा.विद्यानंद और डा. संजय कुमार
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Published : Oct 23, 2021, 11:36 AM IST

बरेली: रूहेलखंड मंडल के किडनी मरीजों (kidney patients) को ऑपरेशन के लिए अब इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा. ऐसे मरीजों का किडनी ट्रांसप्लांट अब एसआरएमएस मेडिकल काॅलेज (SRMS Medical College) में ही होगा. इसकी अनुमति डीजी मेडिकल एजूकेशन एंड ट्रेनिंग (DG Medical Education and Training) ने दे दी है. यह जानकारी एसआरएमएस मेडिकल काॅलेज के नेफ्रोलॉजिस्ट डाॅ.संजय कुमार ने दी.

उन्होंने कहा कि किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत उन मरीजों को होती है जो डायलिसिस पर हों या किडनी की समस्या स्टेज फाइव में पहुंच गई हो. अभी तक किडनी ट्रांसप्लांट के लिए मरीजों को दिल्ली या लखनऊ जाना पड़ता था, अब उन्हें एसआरएमएस मेडिकल काॅलेज में ही यह सुविधा मिल सकेगी और सफलतापूर्वक किडनी ट्रांसप्लांट किया जाएगा.

नेफ्रोलॉजिस्ट डाॅ. विद्यानंद ने कहा कि एसआरएमएस मेडिकल काॅलेज में सभी स्पेशियलिस्ट और सुपरस्पेशियलिस्ट चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध हैं. यहां हम मरीओं को विश्वस्तरीय ट्रीटमेंट दूसरे शहरों के मुकाबले कम से कम कीमत पर देने में सक्षम हैं. यूरोलॉजिस्ट व किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन डाॅ. महेश त्रिपाठी ने कहा कि दिल्ली और लखनऊ के बीच बरेली ही एकमात्र ऐसा शहर है, जहां किसी संस्थान को किडनी ट्रांसप्लांट की मंजूरी सरकार ने दी है.

किडनी ट्रांसप्लांट के बाद मरीजों को 15 वर्षों तक डायलिसिस से छुटकारा मिल जाता है और दिनचर्या आसान हो जाती है. ऐसे में एसआरएमएस मेडिकल काॅलेज को किडनी ट्रांसप्लांट की मान्यता मिलना बरेली और आस-पास के क्षेत्र में मौजूद डायलिसिस कराने वाले मरीजों के लिए वरदान है.

यह भी पढ़ेः सुषमा और सुल्ताना ने पेश की नई मिसाल, एक-दूसरे के पति को किडनी दे बचाई उनकी जान

बरेली: रूहेलखंड मंडल के किडनी मरीजों (kidney patients) को ऑपरेशन के लिए अब इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा. ऐसे मरीजों का किडनी ट्रांसप्लांट अब एसआरएमएस मेडिकल काॅलेज (SRMS Medical College) में ही होगा. इसकी अनुमति डीजी मेडिकल एजूकेशन एंड ट्रेनिंग (DG Medical Education and Training) ने दे दी है. यह जानकारी एसआरएमएस मेडिकल काॅलेज के नेफ्रोलॉजिस्ट डाॅ.संजय कुमार ने दी.

उन्होंने कहा कि किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत उन मरीजों को होती है जो डायलिसिस पर हों या किडनी की समस्या स्टेज फाइव में पहुंच गई हो. अभी तक किडनी ट्रांसप्लांट के लिए मरीजों को दिल्ली या लखनऊ जाना पड़ता था, अब उन्हें एसआरएमएस मेडिकल काॅलेज में ही यह सुविधा मिल सकेगी और सफलतापूर्वक किडनी ट्रांसप्लांट किया जाएगा.

नेफ्रोलॉजिस्ट डाॅ. विद्यानंद ने कहा कि एसआरएमएस मेडिकल काॅलेज में सभी स्पेशियलिस्ट और सुपरस्पेशियलिस्ट चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध हैं. यहां हम मरीओं को विश्वस्तरीय ट्रीटमेंट दूसरे शहरों के मुकाबले कम से कम कीमत पर देने में सक्षम हैं. यूरोलॉजिस्ट व किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन डाॅ. महेश त्रिपाठी ने कहा कि दिल्ली और लखनऊ के बीच बरेली ही एकमात्र ऐसा शहर है, जहां किसी संस्थान को किडनी ट्रांसप्लांट की मंजूरी सरकार ने दी है.

किडनी ट्रांसप्लांट के बाद मरीजों को 15 वर्षों तक डायलिसिस से छुटकारा मिल जाता है और दिनचर्या आसान हो जाती है. ऐसे में एसआरएमएस मेडिकल काॅलेज को किडनी ट्रांसप्लांट की मान्यता मिलना बरेली और आस-पास के क्षेत्र में मौजूद डायलिसिस कराने वाले मरीजों के लिए वरदान है.

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