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मन्नत के चिराग रोशन कर मनाया जश्न-ए-चिरागा

उत्तर प्रदेश के बरेली की खानकाह नियाजिया दरगाह पर हर साल की भांति इस साल भी जश्न-ए-चिरागा कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें अकीदतमंदों ने मन्नत के चिराग रोशन कर मुराद मांगते हुए दुआएं की. बरेली की खानकाह नियाजिया में करीब 300 सालों से जश्न-ए-चिरागा का आयोजन किया जाता है. जिसमें बरेली ही नहीं, बल्कि दूरदराज से लोग आकर मन्नत के चिराग जलाते हैं.

मन्नत के चिराग रोशन कर मनाया जश्न-ए-चिरागा
मन्नत के चिराग रोशन कर मनाया जश्न-ए-चिरागा
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Published : Nov 24, 2021, 10:58 AM IST

बरेली: उत्तर प्रदेश के बरेली की खानकाह नियाजिया दरगाह पर हर साल की भांति इस साल भी जश्न-ए-चिरागा कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें अकीदतमंदों ने मन्नत के चिराग रोशन कर मुराद मांगते हुए दुआएं की. बरेली की खानकाह नियाजिया में करीब 300 सालों से जश्न-ए-चिरागा का आयोजन किया जाता है. जिसमें बरेली ही नहीं, बल्कि दूरदराज से लोग आकर मन्नत के चिराग जलाते हैं. बरेली में खानकाह नियाजिया की जश्न-ए-चिरागा करीब 300 साल पुरानी रस्म है. यह रस्म एक खुसूसी इबादत को भी अंजाम देती है और मुल्क की तहजीब को भी मजबूत करती है.

यह रसूल पूरी इंसानियत को जोड़ने का पाकीजा मकसद रखती है. चांद की 17 तारीख को जश्न-ए-चिरागा की परंपरा है. यह एक सूफी रिवायत के मुल्क की गंगा-जमुनी तहजीब के बल पर सद्भावना का पैगाम देती है. बताया जाता है कि यहां मन्नत का चिराग रोशन कर अकीदतमंद अपनी मन्नत मांगते हैं और दरगाह खानकाहे नियाजिया पर दिल से मांगी हुई हर मन्नत पूरी होती है.

मन्नत के चिराग रोशन कर मनाया जश्न-ए-चिरागा

इसे भी पढ़ें-मशहूर डांसर सपना चौधरी के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट निरस्त करने की मांग वाली अर्जी खारिज

सभी धर्मों के अकीदत मंद रोशन करते हैं चिराग

जश्न-ए-चिरागा रस्म में मुस्लिम ही नहीं, बल्कि सभी धर्मों के लोग आकर चिराग जलाते हैं और अपनी व अपने परिजनों की सलामती को मन्नत मांगते हैं. इस दौरान यहां दरगाह में लोगों की भारी भीड़ उमड़ जाती है और आलम यह होता है कि शाम से लेकर देर रात तक चिराग जला लोग मन्नत मांगते हैं.

वहीं, बरेली से भाजपा सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार भी खानकाह नियाजिया पहुंचकर जश्न-ए-चिरागा को रोशन कर मिन्नत मांगी. इस दौरान सांसद के करीबी गुलशन आनंद भी दरगाह पर पहुंच मन्नत मांगते दिखे.

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बरेली: उत्तर प्रदेश के बरेली की खानकाह नियाजिया दरगाह पर हर साल की भांति इस साल भी जश्न-ए-चिरागा कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें अकीदतमंदों ने मन्नत के चिराग रोशन कर मुराद मांगते हुए दुआएं की. बरेली की खानकाह नियाजिया में करीब 300 सालों से जश्न-ए-चिरागा का आयोजन किया जाता है. जिसमें बरेली ही नहीं, बल्कि दूरदराज से लोग आकर मन्नत के चिराग जलाते हैं. बरेली में खानकाह नियाजिया की जश्न-ए-चिरागा करीब 300 साल पुरानी रस्म है. यह रस्म एक खुसूसी इबादत को भी अंजाम देती है और मुल्क की तहजीब को भी मजबूत करती है.

यह रसूल पूरी इंसानियत को जोड़ने का पाकीजा मकसद रखती है. चांद की 17 तारीख को जश्न-ए-चिरागा की परंपरा है. यह एक सूफी रिवायत के मुल्क की गंगा-जमुनी तहजीब के बल पर सद्भावना का पैगाम देती है. बताया जाता है कि यहां मन्नत का चिराग रोशन कर अकीदतमंद अपनी मन्नत मांगते हैं और दरगाह खानकाहे नियाजिया पर दिल से मांगी हुई हर मन्नत पूरी होती है.

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सभी धर्मों के अकीदत मंद रोशन करते हैं चिराग

जश्न-ए-चिरागा रस्म में मुस्लिम ही नहीं, बल्कि सभी धर्मों के लोग आकर चिराग जलाते हैं और अपनी व अपने परिजनों की सलामती को मन्नत मांगते हैं. इस दौरान यहां दरगाह में लोगों की भारी भीड़ उमड़ जाती है और आलम यह होता है कि शाम से लेकर देर रात तक चिराग जला लोग मन्नत मांगते हैं.

वहीं, बरेली से भाजपा सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार भी खानकाह नियाजिया पहुंचकर जश्न-ए-चिरागा को रोशन कर मिन्नत मांगी. इस दौरान सांसद के करीबी गुलशन आनंद भी दरगाह पर पहुंच मन्नत मांगते दिखे.

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