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बरेली में अबतक नहीं शुरू हो सका पराग फैक्ट्री का आइसक्रीम पार्लर प्रोजेक्ट - bareilly news

बरेली में 108 करोड़ से बना ग्रीनफील्ड आइसक्रीम प्लांट अबतक शुरू नहीं हो सका है. कंपनी के प्रबंधक का कहना है की जल्द ही इस प्लांट को शुरू कर दिया जाएगा.

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ग्रीनफील्ड आइसक्रीम प्लांट
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Published : Mar 15, 2020, 5:17 PM IST

बरेलीः दस महीने पहले 108 करोड़ रुपये की लागत से बने ग्रीनफील्ड आइसक्रीम प्लांट का आम आदमी को कोई फायदा नहीं मिल पा रहा है. पब्लिक को बेहतर उत्पाद मुहैया कराने का दावा करने वाला पराग दूध फेक्ट्री अपना सारा दूध मदर डेरी को बेच रही है, जो लगभग 40 हजार लीटर है. साथ ही दूसरी कम्पनियों को भी पराग की ओर से दूध दिया जा रहा है.

लगभग एक साल से पराग हेडक्वार्टर आइसक्रीम की पैकिंग का डिजाइन तय करने की कोशिश कर रहा है. पैकिंग कैसी होगी, डिजाइन कैसा होगा, अभी इस बात को पराग हेडक्वार्टर तय नहीं कर सका है. आईडीएमसी ने पिछले साल मई में परियोजना को पूरा कर दिया था और आईडीएमसी आइसक्रीम जमाने का ट्रायल भी कर चुकी है. शासन को रिपोर्ट भी भेजी गई है. इसके बाद भी अबतक पराग अपना आइसक्रीम प्लांट शुरू नहीं पाया है, करीब एक साल से मशीन बन्द है.

नहीं शुरू हो सका आइसक्रीम पार्लर प्रोजेक्ट.
पराग दूध कंपनी के प्रबंधक गया प्रसाद का कहना है कि आइसक्रीम और पैकिंग के डिजाइन को दो हफ्ते पहले लखनऊ हेडक्वार्टर भेजा जा चुका है. जल्द ही इस प्लांट को शुरू कर दिया जाएगा. कोशिश हमारी यही है कि मार्च में ही इस प्लांट को शुरू किया जाए, ताकि इसके जरिये बेरोजगारों को रोजगार का अच्छा मौका मिले और हमे भी बेहतर काम करने वाला स्टाफ.वहीं आम जनता का कहना कि इस आइसक्रीम प्लांट के शुरू होने से युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे. पराग के इस आइसक्रीम प्लांट से काफी बेरोजगारों को रोजगार मिलने की एक उम्मीद की किरण दिखी है, लेकिन देखने वाली बात ये होगी कि कबतक इस अवसर का लाभ आम जनता को मिल सकेगा.

बरेलीः दस महीने पहले 108 करोड़ रुपये की लागत से बने ग्रीनफील्ड आइसक्रीम प्लांट का आम आदमी को कोई फायदा नहीं मिल पा रहा है. पब्लिक को बेहतर उत्पाद मुहैया कराने का दावा करने वाला पराग दूध फेक्ट्री अपना सारा दूध मदर डेरी को बेच रही है, जो लगभग 40 हजार लीटर है. साथ ही दूसरी कम्पनियों को भी पराग की ओर से दूध दिया जा रहा है.

लगभग एक साल से पराग हेडक्वार्टर आइसक्रीम की पैकिंग का डिजाइन तय करने की कोशिश कर रहा है. पैकिंग कैसी होगी, डिजाइन कैसा होगा, अभी इस बात को पराग हेडक्वार्टर तय नहीं कर सका है. आईडीएमसी ने पिछले साल मई में परियोजना को पूरा कर दिया था और आईडीएमसी आइसक्रीम जमाने का ट्रायल भी कर चुकी है. शासन को रिपोर्ट भी भेजी गई है. इसके बाद भी अबतक पराग अपना आइसक्रीम प्लांट शुरू नहीं पाया है, करीब एक साल से मशीन बन्द है.

नहीं शुरू हो सका आइसक्रीम पार्लर प्रोजेक्ट.
पराग दूध कंपनी के प्रबंधक गया प्रसाद का कहना है कि आइसक्रीम और पैकिंग के डिजाइन को दो हफ्ते पहले लखनऊ हेडक्वार्टर भेजा जा चुका है. जल्द ही इस प्लांट को शुरू कर दिया जाएगा. कोशिश हमारी यही है कि मार्च में ही इस प्लांट को शुरू किया जाए, ताकि इसके जरिये बेरोजगारों को रोजगार का अच्छा मौका मिले और हमे भी बेहतर काम करने वाला स्टाफ.वहीं आम जनता का कहना कि इस आइसक्रीम प्लांट के शुरू होने से युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे. पराग के इस आइसक्रीम प्लांट से काफी बेरोजगारों को रोजगार मिलने की एक उम्मीद की किरण दिखी है, लेकिन देखने वाली बात ये होगी कि कबतक इस अवसर का लाभ आम जनता को मिल सकेगा.
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