बरेलीः दस महीने पहले 108 करोड़ रुपये की लागत से बने ग्रीनफील्ड आइसक्रीम प्लांट का आम आदमी को कोई फायदा नहीं मिल पा रहा है. पब्लिक को बेहतर उत्पाद मुहैया कराने का दावा करने वाला पराग दूध फेक्ट्री अपना सारा दूध मदर डेरी को बेच रही है, जो लगभग 40 हजार लीटर है. साथ ही दूसरी कम्पनियों को भी पराग की ओर से दूध दिया जा रहा है.
लगभग एक साल से पराग हेडक्वार्टर आइसक्रीम की पैकिंग का डिजाइन तय करने की कोशिश कर रहा है. पैकिंग कैसी होगी, डिजाइन कैसा होगा, अभी इस बात को पराग हेडक्वार्टर तय नहीं कर सका है. आईडीएमसी ने पिछले साल मई में परियोजना को पूरा कर दिया था और आईडीएमसी आइसक्रीम जमाने का ट्रायल भी कर चुकी है. शासन को रिपोर्ट भी भेजी गई है. इसके बाद भी अबतक पराग अपना आइसक्रीम प्लांट शुरू नहीं पाया है, करीब एक साल से मशीन बन्द है.
बरेली में अबतक नहीं शुरू हो सका पराग फैक्ट्री का आइसक्रीम पार्लर प्रोजेक्ट - bareilly news
बरेली में 108 करोड़ से बना ग्रीनफील्ड आइसक्रीम प्लांट अबतक शुरू नहीं हो सका है. कंपनी के प्रबंधक का कहना है की जल्द ही इस प्लांट को शुरू कर दिया जाएगा.
बरेलीः दस महीने पहले 108 करोड़ रुपये की लागत से बने ग्रीनफील्ड आइसक्रीम प्लांट का आम आदमी को कोई फायदा नहीं मिल पा रहा है. पब्लिक को बेहतर उत्पाद मुहैया कराने का दावा करने वाला पराग दूध फेक्ट्री अपना सारा दूध मदर डेरी को बेच रही है, जो लगभग 40 हजार लीटर है. साथ ही दूसरी कम्पनियों को भी पराग की ओर से दूध दिया जा रहा है.
लगभग एक साल से पराग हेडक्वार्टर आइसक्रीम की पैकिंग का डिजाइन तय करने की कोशिश कर रहा है. पैकिंग कैसी होगी, डिजाइन कैसा होगा, अभी इस बात को पराग हेडक्वार्टर तय नहीं कर सका है. आईडीएमसी ने पिछले साल मई में परियोजना को पूरा कर दिया था और आईडीएमसी आइसक्रीम जमाने का ट्रायल भी कर चुकी है. शासन को रिपोर्ट भी भेजी गई है. इसके बाद भी अबतक पराग अपना आइसक्रीम प्लांट शुरू नहीं पाया है, करीब एक साल से मशीन बन्द है.