बरेली : उत्तर प्रदेश ग्राम प्रधान संगठन के जिलाध्यक्ष अंगन सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को 12 सूत्रीय मांगों को लेकर पत्र भेजा है. उनका कहना है कि ग्राम प्रधान का मानदेय 3500 रुपये है, जबकि शिक्षामित्र, आशा बहू, सफाईकर्मी, रोजगार सेवक के मानदेय ग्राम प्रधान से अधिक हैं.
ग्राम प्रधानों की शिकायत है कि चुनावी रंजिश के तहत प्रधानों पर झूठे मुकदमे दर्ज होते हैं. प्रधानों के खिलाफ शिकायतों पर उच्च अधिकारी से जांच करायी जाए. हमलोगों को उम्मीद है कि ग्राम प्रधानों की इन मांगों को मुख्यमंत्री जल्द पूरा करेंगे.
ग्राम प्रधान संगठन की 12 सूत्रीय मांगें -
1. ग्राम पंचायत के सभी कर्मियों का निरीक्षण करने एवं प्रतिमाह वेतन जारी करने से पहले उपस्थिति कार्य प्रमाण और निलम्बन करने की संस्तुति का अधिकार ग्राम प्रधानों को दिया जाए.
2. ग्राम प्रधानों को सम्मानजनक मानदेय दिया जाए.
3. जिला योजना समिति में 2 ग्राम प्रधानों को संगठन की संस्तुति पर सदस्य रखा जाए.
4. ग्राम पंचायतों का समस्त रिकॉर्ड ग्राम पंचायत स्तर पर रखने का आदेश जारी किया जाए.
5.ग्राम प्रधानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने से पूर्व जिले के पुलिस कप्तान की जांच के बाद संज्ञान लिया जाए.
6. ग्राम पंचायतों को केंद्रीय वित्त आयोग एवं राज्य वित्त आयोग से प्राप्त तथा अन्य समस्त धनराशि को खर्च करने का वित्तीय अधिकार प्रदान किया जाए.
7.ग्राम प्रधान कल्याण कोष का गठन वित्तीय भार वहन करते हुए राज्य सरकार द्वारा किया जाए.
8.पंचायत सहायक और शौचालय केयर टेकर के मानदेय की व्यवस्था रोजगार सेवक, शिक्षामित्र, सफाईकर्मी और अध्यापक की तरह राज्य सरकार द्वारा किया जाए.
9. ग्राम समाज की भूमि, जिसकी केयरटेकर ग्राम पंचायतें हैं, को अवैध कब्जा मुक्त कराकर ग्राम पंचायतों को रिकॉर्ड सहित सौंपा जाए.
10. आवारा पशुओं की जिम्मेदारी हल्का लेखपालों को दी जाए.
11. तहसील दिवस, थाना दिवस की तर्ज पर पंचायत दिवस का भी आयोजन जिला स्तर पर एक बार किया जाए.
12. 73वां संविधान संशोधन में प्रदत्त 29 अधिकार ग्राम पंचायतों के लिए बहाल किया जाए.
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