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बरेली के जेल में रेडियो स्टेशन, कैदी सुन रहे फरमाइशी गाने

बरेली का जिला जेल इन दिनों फरमाइशी गीतों से गुलजार हो रहा है. गीतों की फरमाइश करने वाले बैरकों में बंद कैदी है और उसे रेडियो के जरिये सुनाने वाला जॉकी भी बंदी ही है. जॉकी का नाम है राहुल. उसके पास बैरक से गानों की फरमाइश आती है, फिर जॉकी अपने लोकल रेडियो स्टेशन से गीत बजा देता है. इस रेडियो स्टेशन से गानों के अलावा धार्मिक उपदेश भी सुनाए जाते हैं.

बरेली के जेल में रेडियो स्टेशन
बरेली के जेल में रेडियो स्टेशन
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Published : Nov 7, 2020, 1:18 AM IST

बरेली: कैदियों और जेलर की एक खास पहल से बरेली जिला जेल का माहौल खुशनुमा हो गया है. वहां अब गाली-गलौज कम और सुरीले गाने ज्यादा सुनाई पड़ रहे हैं. यह बदलाव लॉकडाउन के दौरान हुआ. जेल अधीक्षक विजय विक्रम सिंह ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान जब कैदियों को अपने परिवार से मिलने की इजाजत नहीं दी गई, तब कई कैदी अवसाद में आ गए. तब उन्होंने इस तनाव को दूर करने लिए सकारात्मक प्रयोग करने का फैसला किया.

रेडियो जॉकी बन गया कैदी
इसी दौरान उनकी नजर बंदी राहुल पर पड़ी. राहुल को रेडियो जॉकी बनने का शौक था. जेल में आने से पहले वह डीजे बजाता था. जेल अधीक्षक ने उंसके हुनर को पहचान लिया. उन्होंने जेल के अंदर पब्लिक एड्रेस सिस्टम को ही रेडियो स्टेशन की तरह बना दिया और राहुल रेडियो जॉकी बन गया. कैदी भी अपने मनपसंद गाने सुनकर थोड़ा खुश रहने लगे.

कैदियों को सकारात्मक संदेश
जेल अधीक्षक विजय विक्रम सिंह ने बताया कैदियो को रेडियो स्टेशन से न सिर्फ फिल्मी संगीत सुनाये जा रहे है बल्कि धार्मिक और सामाजिक उपदेश भी सुनाये जाते है. उन्होंने बताया कि कैदियों को सकारात्मक संदेश देने के लिए रामलीला का मंचन भी किया गया. फिलहाल जेल के रेडियो जॉकी के पास बैरकों से फरमाइश आ रही है और इस बड़ी चारदीवारी के भीतर गाने लगातार बज रहे हैं.

बरेली: कैदियों और जेलर की एक खास पहल से बरेली जिला जेल का माहौल खुशनुमा हो गया है. वहां अब गाली-गलौज कम और सुरीले गाने ज्यादा सुनाई पड़ रहे हैं. यह बदलाव लॉकडाउन के दौरान हुआ. जेल अधीक्षक विजय विक्रम सिंह ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान जब कैदियों को अपने परिवार से मिलने की इजाजत नहीं दी गई, तब कई कैदी अवसाद में आ गए. तब उन्होंने इस तनाव को दूर करने लिए सकारात्मक प्रयोग करने का फैसला किया.

रेडियो जॉकी बन गया कैदी
इसी दौरान उनकी नजर बंदी राहुल पर पड़ी. राहुल को रेडियो जॉकी बनने का शौक था. जेल में आने से पहले वह डीजे बजाता था. जेल अधीक्षक ने उंसके हुनर को पहचान लिया. उन्होंने जेल के अंदर पब्लिक एड्रेस सिस्टम को ही रेडियो स्टेशन की तरह बना दिया और राहुल रेडियो जॉकी बन गया. कैदी भी अपने मनपसंद गाने सुनकर थोड़ा खुश रहने लगे.

कैदियों को सकारात्मक संदेश
जेल अधीक्षक विजय विक्रम सिंह ने बताया कैदियो को रेडियो स्टेशन से न सिर्फ फिल्मी संगीत सुनाये जा रहे है बल्कि धार्मिक और सामाजिक उपदेश भी सुनाये जाते है. उन्होंने बताया कि कैदियों को सकारात्मक संदेश देने के लिए रामलीला का मंचन भी किया गया. फिलहाल जेल के रेडियो जॉकी के पास बैरकों से फरमाइश आ रही है और इस बड़ी चारदीवारी के भीतर गाने लगातार बज रहे हैं.

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