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क्राफ्ट बाजार से बढ़ी हस्तशिल्पियों की उम्मीद

बरेली में इन दिनों हस्तशिल्प बाजार लगा है. इसमें पूरे उत्तर प्रदेश की झलक देखी जा सकती है. यहां टेराकोटा के बने उत्पाद ग्राहकों को खूब लुभा रहे हैं. देखिये ईटीवी भारत की ये खास रिपोर्ट-

टेराकोटा की बनी मूर्तियां
टेराकोटा की बनी मूर्तियां
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Published : Dec 12, 2020, 1:40 PM IST

बरेली: देशभर में कोरोना काल चल रहा है. ऐसे में प्रदेश के हस्तशिल्पियों को मंच प्रदान करके बरेली प्रशासन मंदी से उबारने के लिए सहयोग कर रहा है. बरेली में इन दिनों हस्तशिल्प बाजार लगा है. इसमें पूरे उत्तर प्रदेश की झलक देखी जा सकती है. प्रदेश के हुनरमंदों के द्वारा तैयार उत्पाद हर किसी को अपनी ओर आकर्षित भी कर रहे हैं.

क्राफ्ट बाजार.

हस्तशिल्पकार दिखा रहे अपना हुनर

रामगंगा नदी के तट पर बसे उत्तर प्रदेश के जनपद बरेली में इन दिनों हस्तशिल्प प्रदर्शनी लगी हुई है, जिसमें हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट, शिल्पकार समेत अनेक वस्तुओं की बिक्री हो रही है. इस प्रदर्शनी में प्रदेश भर के तमाम हस्तशिल्पकार अपने-अपने उत्पादों के स्टॉल लगाए हुए हैं. हस्तनिर्मित उत्पाद यहां आने वाले ग्राहकों को भी खूब लुभा रहे हैं.

टेराकोटा की बनी मूर्तियां
टेराकोटा की बनी मूर्तियां

यूपी की झलक है हस्तशिल्प प्रदर्शनी

इस हस्तशिल्प प्रदर्शनी में एक ही जगह पर एक साथ समूचे उत्तर प्रदेश की झलक देखी जा सकती है. चाहे सहारनपुर का फर्नीचर हो, चाहे बुलंदशहर के खुर्जा की पोटरी से सम्बंधित उत्पाद और भदोही के कालीन या फिर वाराणसी की साड़ी, हर चीज के यहां यूनिक डिजाइन व अलग-अलग वैराइटी मौजूद है. टेराकोटा के एक से बढ़कर एक डिजाइन के यहां मौजूद हैं, जो हर किसी को अपनी तरफ खींचते हैं.

मूर्तियों से सजा बाजार.
मूर्तियों से सजा बाजार.

14 दिसम्बर तक चलेगी प्रदर्शनी

हस्तशिल्पियों के उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए उद्योग विभाग की तरफ से अर्बन हाट लगाया गया है. हस्तशिल्प मेले के उपायुक्त उद्योग ऋषि रंजन ने बताया कि पहले इस प्रदर्शनी का समापन 6 दिसंबर को होना था. लेकिन कोरोना काल में यहां की गई बेहतर व्यवस्थाओं को देखते हुए अब इसे आगे बढ़ा दिया गया. 14 दिसंबर को इस प्रदर्शनी का समापन किया जाना है. कोरोना गाइडलाइन के पालन को लेकर यहां की व्यवस्थाओं से भी प्रशासन संतुष्ट है. ज्वाइंट डायरेक्टर उद्योग ऋषि रंजन ने कहा कि प्रदेश के हुनरमंदों को अपने उत्पादों का प्रदर्शन करने का बेहतरीन अवसर यहां मिल रहा है.

क्राफ्ट बाजार में टेराकोटा की सामग्रियां.
क्राफ्ट बाजार में टेराकोटा की सामग्रियां.

संकट से उद्यमियों को उबारने की कोशिश

हस्तशिल्प प्रदर्शनी का मूल उद्देश्य यह है कि कोरोना काल में जो उद्यमी काफी परेशान बैठे थे और जिनका व्यवसाय प्रभावित हुआ था, उन्हें अर्थिक संकट से राहत मिल सके. प्रदर्शनी के तहत उद्यमियों को मंच प्रदान करके उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में सहयोग किया जा रहा है.

मेले की रौनक बढ़ाती टेराकोटा की मूर्तियां.
मेले की रौनक बढ़ाती टेराकोटा की मूर्तियां.

इससे पहले अगस्त में लगी थी प्रदर्शनी

इससे पहले अगस्त 2020 में बरेली के अर्बन हाट परिसर में हस्तशिल्प प्रदर्शनी लगी थी. अब एक बार नवंबर माह के आखिर में यहां हस्तशिल्प कला प्रदर्शनी लगाई गई है. ज्वाइंट डायरेक्टर उद्योग ऋषि रंजन सिंह ने बताया कि दिल्ली हाट की तर्ज पर बरेली में शानदार तरीके से स्टॉल लगाए गए हैं. हस्तशिल्प प्रदर्शनी में लोग कोविड-19 के नियमों का पालन भी कर रहे हैं. जिले के अधिकारी मेला प्रदर्शनी आयोजकों से समय-समय पर मिलकर दिशा-निर्देश देते रहते हैं.

मंदी का थोड़ा सा असर है, जिसकी वजह कोरोना है. लेकिन उत्पाद लोगों को पसंद आ रहे हैं. लोग खुशी-खुशी उत्पादों पर भरोसा कर रहे हैं. मंदी के दौर में इससे उबरने के लिए जो मंच मिला है, यह काफी मददगार साबित हो रहा है.

-प्रखर, शिल्पकार

बरेली: देशभर में कोरोना काल चल रहा है. ऐसे में प्रदेश के हस्तशिल्पियों को मंच प्रदान करके बरेली प्रशासन मंदी से उबारने के लिए सहयोग कर रहा है. बरेली में इन दिनों हस्तशिल्प बाजार लगा है. इसमें पूरे उत्तर प्रदेश की झलक देखी जा सकती है. प्रदेश के हुनरमंदों के द्वारा तैयार उत्पाद हर किसी को अपनी ओर आकर्षित भी कर रहे हैं.

क्राफ्ट बाजार.

हस्तशिल्पकार दिखा रहे अपना हुनर

रामगंगा नदी के तट पर बसे उत्तर प्रदेश के जनपद बरेली में इन दिनों हस्तशिल्प प्रदर्शनी लगी हुई है, जिसमें हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट, शिल्पकार समेत अनेक वस्तुओं की बिक्री हो रही है. इस प्रदर्शनी में प्रदेश भर के तमाम हस्तशिल्पकार अपने-अपने उत्पादों के स्टॉल लगाए हुए हैं. हस्तनिर्मित उत्पाद यहां आने वाले ग्राहकों को भी खूब लुभा रहे हैं.

टेराकोटा की बनी मूर्तियां
टेराकोटा की बनी मूर्तियां

यूपी की झलक है हस्तशिल्प प्रदर्शनी

इस हस्तशिल्प प्रदर्शनी में एक ही जगह पर एक साथ समूचे उत्तर प्रदेश की झलक देखी जा सकती है. चाहे सहारनपुर का फर्नीचर हो, चाहे बुलंदशहर के खुर्जा की पोटरी से सम्बंधित उत्पाद और भदोही के कालीन या फिर वाराणसी की साड़ी, हर चीज के यहां यूनिक डिजाइन व अलग-अलग वैराइटी मौजूद है. टेराकोटा के एक से बढ़कर एक डिजाइन के यहां मौजूद हैं, जो हर किसी को अपनी तरफ खींचते हैं.

मूर्तियों से सजा बाजार.
मूर्तियों से सजा बाजार.

14 दिसम्बर तक चलेगी प्रदर्शनी

हस्तशिल्पियों के उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए उद्योग विभाग की तरफ से अर्बन हाट लगाया गया है. हस्तशिल्प मेले के उपायुक्त उद्योग ऋषि रंजन ने बताया कि पहले इस प्रदर्शनी का समापन 6 दिसंबर को होना था. लेकिन कोरोना काल में यहां की गई बेहतर व्यवस्थाओं को देखते हुए अब इसे आगे बढ़ा दिया गया. 14 दिसंबर को इस प्रदर्शनी का समापन किया जाना है. कोरोना गाइडलाइन के पालन को लेकर यहां की व्यवस्थाओं से भी प्रशासन संतुष्ट है. ज्वाइंट डायरेक्टर उद्योग ऋषि रंजन ने कहा कि प्रदेश के हुनरमंदों को अपने उत्पादों का प्रदर्शन करने का बेहतरीन अवसर यहां मिल रहा है.

क्राफ्ट बाजार में टेराकोटा की सामग्रियां.
क्राफ्ट बाजार में टेराकोटा की सामग्रियां.

संकट से उद्यमियों को उबारने की कोशिश

हस्तशिल्प प्रदर्शनी का मूल उद्देश्य यह है कि कोरोना काल में जो उद्यमी काफी परेशान बैठे थे और जिनका व्यवसाय प्रभावित हुआ था, उन्हें अर्थिक संकट से राहत मिल सके. प्रदर्शनी के तहत उद्यमियों को मंच प्रदान करके उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में सहयोग किया जा रहा है.

मेले की रौनक बढ़ाती टेराकोटा की मूर्तियां.
मेले की रौनक बढ़ाती टेराकोटा की मूर्तियां.

इससे पहले अगस्त में लगी थी प्रदर्शनी

इससे पहले अगस्त 2020 में बरेली के अर्बन हाट परिसर में हस्तशिल्प प्रदर्शनी लगी थी. अब एक बार नवंबर माह के आखिर में यहां हस्तशिल्प कला प्रदर्शनी लगाई गई है. ज्वाइंट डायरेक्टर उद्योग ऋषि रंजन सिंह ने बताया कि दिल्ली हाट की तर्ज पर बरेली में शानदार तरीके से स्टॉल लगाए गए हैं. हस्तशिल्प प्रदर्शनी में लोग कोविड-19 के नियमों का पालन भी कर रहे हैं. जिले के अधिकारी मेला प्रदर्शनी आयोजकों से समय-समय पर मिलकर दिशा-निर्देश देते रहते हैं.

मंदी का थोड़ा सा असर है, जिसकी वजह कोरोना है. लेकिन उत्पाद लोगों को पसंद आ रहे हैं. लोग खुशी-खुशी उत्पादों पर भरोसा कर रहे हैं. मंदी के दौर में इससे उबरने के लिए जो मंच मिला है, यह काफी मददगार साबित हो रहा है.

-प्रखर, शिल्पकार

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