बरेली: आने वाले समय में बरेली की बनी ज्वेलरी, जरी जरदोजी, बेंत उत्पाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट और बड़े रेलवे स्टेशनों पर भी बिक्री को उपलब्ध रहेंगे. प्रदेश सरकार ने एक जनपद एक उत्पाद ब्रांडिंग योजना शुरू की है. इसी के अंतर्गत देश के प्रमुख एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशनों पर ओडीओपी स्टोर खोले जाएंगे. इन स्टोर पर ओडीओपी के उत्पादों की ही बिक्री होगी. स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने एक जिला एक उत्पाद योजना शुरू की थी. अब इन उत्पादों की ग्लोबल ब्रांडिंग पर पूरा जोर दिया जा रहा है.
चयनित आवेदक को करना होगा अनुबंध
स्टोर के लिए कोई भी व्यक्ति अपना आवेदन कर सकता है. चयनित आवेदक को आयुक्त एवं निदेशक उद्योग ओडीओपी प्रकोष्ठ के साथ दो वर्ष का अनुबंध करना होगा. इसकी अवधि एक वर्ष तक बढ़ाई जा सकती है. स्टोर के मुख्य द्वार पर न्यूनतम 10 गुना 3 वर्ग फिट का ओडीओपी लोगों का प्रदर्शन किया जाएगा. सभी उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए एलईडी डिस्पले बोर्ड भी लगाए जाएंगे.
75 हजार से 5 लाख तक की मदद
एयरपोर्ट रेलवे स्टेशन पर स्टोर संचालन के लिए सरकार 75 हजार से लेकर पांच लाख रुपये तक की मदद भी दे रही है. दिल्ली और मुंबई एयरपोर्ट के लिए मूल अनुबंध की अवधि के किराए, बिजली बिल और सजावट के लिए पांच लाख रुपये दिए जाएंगे. इन दोनों जगह के रेलवे स्टेशन के लिए दो लाख रुपये दिए जाएंगे. लखनऊ, वाराणसी, पुणे, कोचीन, बड़ोदरा, अमृतसर, इंदौर, नागपुर, मंगलौर, विशाखापट्टनम, तिरुपति व अन्य प्रदेश की राजधानियों के एयरपोर्ट के लिए चार लाख और रेलवे स्टेशन के लिए डेढ़ लाख रुपये की मदद दी जाएगी. इसके अतिरिक्त अन्य एयरपोर्ट के लिए तीन लाख और रेलवे स्टेशन के लिए 75 हजार रुपये की मदद सरकार देगी.
बरेली के ओडीओपी उत्पादकों के लिए बड़ा अवसर
उपायुक्त उद्योग ऋषि रंजन गोयल ने बताया कि बरेली के ओडीओपी उत्पादकों के लिए भी यह एक सुनहरा अवसर है. उनके उत्पाद भी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे. यहां के लोग भी ब्रांडिंग के लिए आवेदन कर सकते हैं. आवेदन जिला स्तर के साथ-साथ लखनऊ मुख्यालय में भी किया जा सकता है. अनुबंध करने के 30 दिन के अंदर कुल धनराशि का 50 फीसदी भुगतान किया जाएगा. छह महीने बाद स्टोर का भौतिक सत्यापन किया जाएगा. योजना के प्रावधानों के अनुसार सही पाए जाने पर शेष 50 फीसदी का भुगतान भी कर दिया जाएगा.
ऐसे होगा आवेदन
- उपायुक्त उद्योग या निदेशक उद्योग के सामने करना होगा आवेदन.
- पहले आओ पहले पाओ के आधार पर होगा आवंटन.
- चयनित आवेदक को आयुक्त ओडीओपी के साथ दो वर्ष का अनुबंध करना होगा.
- एक वर्ष की अवधि तक बढ़ाया जा सकेगा अनुबंध.
- अनुबंध होने के 3 माह के अंदर शुरु करना होगा ओडीओपी स्टोर.
आंकड़ों की बात
- बरेली में 1.70 लाख कारीगर जरी के हैं.
- बरेली में 5265 कारोबारी जरी के हैं.
- 4000 कारीगर बेंत और बांस उद्योग से जुड़े हैं.
- 500 के आसपास बेंत-बांस के कारोबारी हैं.
- 14000 कारीगर ज्वेलरी का निर्माण करते हैं.
- उत्पादन क्षमता 1000 करोड़ रुपये वार्षिक है.