बरेली: जिले में एक प्रधान और ग्राम पंचायत सेक्रेटरी का ग्रामसभा की पहली बैठक में फर्जीवाड़ा करने का मामला सामने आया है. बैठक के लिए कोरम पूरा न होने पर दोनों ने मिलकर दो फर्जी सदस्यों को ग्राम पंचायत की बैठक में शामिल कर लिया. फर्जीवाड़ा करने के मामले में अब गांव के नवनिर्वाचित प्रधान और पंचायत सेक्रेटरी के खिलाफ डीपीआरओ सख्त एक्शन के मूड में हैं.
जानें पूरा मामला
बरेली के दमखोदा ब्लॉक के गांव वसुपुरा में पंचायत में 3 दिन पहले ग्राम पंचायत की पहली बैठक हुई थी. इस दौरान कोरम पूरा करने के लिए फर्जी सदस्यों को ही ग्राम प्रधान और पंचायत सेक्रेटरी ने मीटिंग में बैठा दिया, लेकिन ये बात कहां छुपने वाली थी. फर्जी सदस्यों के सहारे ग्राम पंचायत की बैठक करने वाले गांव के प्रधान इकरार मोहम्मद व सेक्रेटरी एपी त्यागी की इस कारगुजारी की भनक जैसे ही असली सदस्यों को लगी, उन्होंने इसकी शिकायत जिला पंचायत राज अधिकारी से कर दी. मामला दो सदस्यों के अधिकारों के हनन से जुड़ा है.
बैठक में शामिल हुए फर्जी सदस्य
दरअसल, पिछले दिनों शासन की गाइडलाइंस के क्रम में प्रदेश भर में ग्राम पंचायत की पहली बैठक बुलाई गई थी, लेकिन उस बैठक में शामिल होने वाले सदस्यों की संख्या तय सदस्यों से कम थी. गांव में कुल 13 सदस्य हैं. ऐसे में पंचायत सेक्रेटरी ने गांव प्रधान के साथ मिलकर दो महिला सदस्यों की जगह दो फर्जी महिला सदस्यों को शामिल कर कोरम पूरा कर लिया.
असली सदस्यों को हुई जानकारी तो खुल गई पोल
जब इसके बारे में निर्वाचित दोनों महिला सदस्यों को जानकारी हुई तो उन्होंने इस बारे में अपने अधिकारों का हनन का आरोप लगाते हुए डीपीआरओ से शिकायत कर दी. मामला जैसे ही जिला पंचायत राज अधिकारी के संज्ञान में आया, उन्होंने इस बारे में सच्चाई जानी. पड़ताल के बाद पता चला कि ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत सेक्रेटरी ने गांव की ही दो महिलाओं, जिनमें एक का नाम नूर बी और मोमिना है, उनको बुर्का पहनाकर बैठक में शामिल किया गया था.
निर्वाचित सदस्यों का आरोप इनके अधिकारों का हुआ हनन
शिकायत करने वाली ग्रामसभा की सदस्य चमन बी और रुखसाना का आरोप है कि उनके अधिकारों का हनन हुआ है. लिहाजा इस मामले में दोषी प्रधान व ग्राम पंचायत सेक्रेटरी के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई होनी चाहिए.
दिया गया नोटिस
इस बारे में डीपीआरओ धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि मामला बेहद गम्भीर है. आरोपों में सच्चाई मिली है. उन्होंने कहा कि इस शिकायत पर संज्ञान लेते हुए ग्राम प्रधान व सेक्रेटरी को नोटिस दिया है. गांव के प्रधान व सेक्रेटरी के खिलाफ कठोर एक्शन लिया जाएगा.
पोल खुलने पर गांव में कराई घोषणा
मामला तूल पकड़ने के बाद सेक्रेटरी और ग्राम प्रधान ने अपने आपको बचाने के लिए उस मीटिंग को ही निरस्त करने का एलान गांव की मस्जिद से कराया, लेकिन जिला पंचायत राज अधिकारी का कहना है कि किसी भी बैठक को निरस्त करने का कोई अधिकार सेक्रेटरी के पास नहीं होता. उन्होंने कहा कि यह दो सदस्यों के अधिकारों के हनन से जुड़ा गम्भीर मामला है. इसमें फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.