बरेलीः भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI) में गुरुवार को इंडियन एशोसिएसन ऑफ वेटनरी माइक्रोबॉयोलॉजिस्ट्स इम्यूनो-लॉजिस्ट्स एण्ड स्पेशलिस्ट्स इन इंफेक्शस डिजीजेज (IAVMI) का 33वां वार्षिक सम्मेलन आयोजित हुआ. इस संगोष्ठी में देशभर के 300 वैज्ञानिकों और छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया. संगोष्ठी के दौरान वैज्ञानिकों ने चीन से देश दुनिया मे फैल रहे कोरोना वायरस पर चिंता व्यक्त की.
वायरस से मनुष्य और जानवर दोनों होते हैं प्रभावित
संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के तौर पर पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, हिसार के कुलपति डॉ. गुरदयाल सिंह पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि वायरस से मनुष्य और जानवर दोनों प्रभावित होते हैं. ऐसे में किसी भी संक्रमण से दूर रहने के लिये कुछ बचाव जरूरी होते हैं. जो बीमारियां पशुओं में फैल रही हैं, उन्हें कैसे रोका जाए इस विषय पर अतिशीघ्र विचार करना चाहिए.
कोरोना वायरस का किया जा रहा अध्ययन
वहीं आईवीआरआई के निदेशक डॉ. आर के सिंह ने बताया कि संस्थान लगातार कई शोधों के जरिये जानवरो में वायरस से होने वाली बीमारियों के लिये वैक्सीन को तैयार कर चुका है. जानवरों पर कोरोना वायरस के प्रभाव पर भी शोध किया जा रहा है और इसके लिये नई वैक्सीन तैयार करने पर काम चल रहा है. वहीं चीन में जो कोरोना वायरस आया है इस पर अध्ययन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि देश दुनिया को इससे किस प्रकार से बचाया जा सके इस पर भी काम चल रहा है.
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