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बिना कोरोना वैक्सीन लगाए जारी हुआ सर्टिफिकेट, अधिकारियों ने कहा होगी जांच

उत्तर प्रदेश के बरेली में स्वास्थ्य विभाग ने एक बीजेपी नेता को बिना कोविड वैक्सीन की डोज दिए ही वैक्सीन लगने का सर्टिफिकेट पहुंचा दिया था. मीडिया के जरिए संज्ञान में आए मामले की अधिकारियों ने जांच कराने की बात कही है.

बिना कोरोना टीका लगाए जारी सर्टिफिकेट.
बिना कोरोना टीका लगाए जारी सर्टिफिकेट.
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Published : Mar 21, 2021, 9:33 AM IST

बरेलीः जिले में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से एक भाजपा नेता को बिना कोविड की वैक्सीन लगाए ही वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट जारी हुआ था. स्वास्थ्य महकमे की लापरवाही उजागर होने के बाद अफसरों ने जांच कराने की बात कही है. हालांकि अभी तक संबंधित व्यक्ति से अधिकारियों ने संपर्क नहीं किया है.

जानकारी देते जिला प्रतिरक्षण अधिकारी आर एन सिंह.
अधिकारी कर रहे लिखित शिकायत का इंतजार जिला प्रतिरक्षण अधिकारी आर एन सिंह का कहना है कि उन्हें अभी तक कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है, जिसके आधार पर वो इस मामले की पड़ताल करें. मीडिया के जरिए मामला संज्ञान में आया है. उनका कहना है कि इस तरह से किसी को भी बिना वैक्सीन लगाए प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जा सकता. अगर ऐसा हुआ है तो इसकी जांच कार्रवाई जाएगी. सर्टिफिकेट में अंकित पंजीकरण नम्बर के आधार पर जांच होगी.

इसे भी पढ़ें-बगैर वैक्सीन लगे भाजपा नेता को मिला वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट

बीजेपी के पिछड़ा वर्ग मोर्चा के महामंत्री शैलेन्द्र कुमार ने बताया कि उन्होंने 17 मार्च को वैक्सीन लगवाने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था. लेकिन, किसी कारणवश वैक्सीन लगवाने नहीं जा सके, मगर उनके मोबाइल पर सफलतापूर्वक वैक्सीनेशन होने का सर्टिफिकेट आ गया. बिना वैक्सीन लगवाए सर्टिफिकेट आने से शैलेंद्र परेशान हैं.

गलती से वैक्सिनेशन हो सकती है सत्यापित
अधिकारी की मानें तो वैक्सिनेशन के लिए संबंधित व्यक्ति का फोटो और आधार कार्ड लिंक किया जाता है. जब तक टीका लगवाने वाले शख्स का ब्यौरा पूर्ण विवरण के साथ पोर्टल पर दर्ज नहीं होगा, तब तक प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो सकती और न ही सर्टिफिकेट जारी हो सकता है. हो सकता है गलती से वैक्सिनेशन का सत्यापन हो गया हो. लापरवाही की अपरनिदेशक से लेकर अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी है.

बरेलीः जिले में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से एक भाजपा नेता को बिना कोविड की वैक्सीन लगाए ही वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट जारी हुआ था. स्वास्थ्य महकमे की लापरवाही उजागर होने के बाद अफसरों ने जांच कराने की बात कही है. हालांकि अभी तक संबंधित व्यक्ति से अधिकारियों ने संपर्क नहीं किया है.

जानकारी देते जिला प्रतिरक्षण अधिकारी आर एन सिंह.
अधिकारी कर रहे लिखित शिकायत का इंतजार जिला प्रतिरक्षण अधिकारी आर एन सिंह का कहना है कि उन्हें अभी तक कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है, जिसके आधार पर वो इस मामले की पड़ताल करें. मीडिया के जरिए मामला संज्ञान में आया है. उनका कहना है कि इस तरह से किसी को भी बिना वैक्सीन लगाए प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जा सकता. अगर ऐसा हुआ है तो इसकी जांच कार्रवाई जाएगी. सर्टिफिकेट में अंकित पंजीकरण नम्बर के आधार पर जांच होगी.

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बीजेपी के पिछड़ा वर्ग मोर्चा के महामंत्री शैलेन्द्र कुमार ने बताया कि उन्होंने 17 मार्च को वैक्सीन लगवाने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था. लेकिन, किसी कारणवश वैक्सीन लगवाने नहीं जा सके, मगर उनके मोबाइल पर सफलतापूर्वक वैक्सीनेशन होने का सर्टिफिकेट आ गया. बिना वैक्सीन लगवाए सर्टिफिकेट आने से शैलेंद्र परेशान हैं.

गलती से वैक्सिनेशन हो सकती है सत्यापित
अधिकारी की मानें तो वैक्सिनेशन के लिए संबंधित व्यक्ति का फोटो और आधार कार्ड लिंक किया जाता है. जब तक टीका लगवाने वाले शख्स का ब्यौरा पूर्ण विवरण के साथ पोर्टल पर दर्ज नहीं होगा, तब तक प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो सकती और न ही सर्टिफिकेट जारी हो सकता है. हो सकता है गलती से वैक्सिनेशन का सत्यापन हो गया हो. लापरवाही की अपरनिदेशक से लेकर अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी है.

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